Mumbai teen swims 14 Km to 'Save the Seas'
Mumbai teen swims 14 Km to 'Save the Seas' मुंबई के मुलुंड की रहने वाली सोलह वर्षीय हेज़ल रायकुंडलिया ने रविवार को बाल दिवस के मौके पर एक नया इतिहास दर्ज किया. हेज़ल ने एलीफेंटा द्वीप से गेटवे ऑफ इंडिया तक 14 किलोमीटर के समुद्री मार्ग को 2 घंटे 45 मिनट में तैरकर पूरा किया. हेज़ल का तैराकी अभियान पर्यावरण की खातिर स्वच्छ महासागरों की आवश्यकता के बारे में जागरूकता फैलाने का एक प्रयास था.
समुद्रों की खराब स्थिति को लेकर चिंतित हैं हेजल
हेज़ल एक राज्य स्तरीय तैराकी चैंपियन हैं और हाल ही में ठाणे के श्रीमती सुलोचनादेवी सिंघानिया स्कूल से पास हुई हैं. हेज़ल जैसे ही गेटवे ऑफ इंडिया पर पानी से बाहर आईं मुलुंड के विधायक मिहिर कोटेचा ने उन्हें सम्मानित किया. उनके कोच उमेश उत्तेकर ने लंबी दूरी की तैराकी में उनके पहले प्रयास की सराहना की.
हेज़ल ने कहा, "मैं एलीफेंटा से गेटवे तक तैरना चाहती थी क्योंकि मुझे हमारे समुद्रों और महासागरों की खराब स्थिति के बारे में बहुत बुरा लगता है. बहुत सारा प्लास्टिक कचरा, प्रदूषणकारी औद्योगिक कचरा और रोज का निकलने वाला घरेलू कूड़ा प्रतिदिन समुद्र में फेंक दिया जाता है, जो पर्यावरण के लिए बिल्कुल भी अच्छा नहीं है. आज भी जब मैं तैर रही थी, तो मुझे तैरती हुई प्लास्टिक की बोतलों, बेकार कागज, गत्ते के डिब्बों और सामान्य कचरे से बचने के लिए सावधान रहना पड़ा, जोकि बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है."
कई तैराक खुले में तैरने से बचते हैं
उन्होंने आगे कहा, "हमारे महासागर हमारे ग्रह के सभी जीवन रूपों की उत्पत्ति और इंजन हैं. फिर भी हम लापरवाही से उनमें बहुत सारा प्लास्टिक और रसायन डाल देते हैं. मैं कई तैराकों को जानती हूं जो खुले समुद्र में तैरने से बचते हैं क्योंकि वहां बहुत अधिक गंदगी और प्रदूषण दिखाई देता है. हमें अपने समुद्रों को डंप यार्ड में बदलने से बचाना होगा.”
इंग्लिश चैनल में तैरना चाहती हैं हेज़ल
उनके पिता मितेश रायकुंडलिया हेज़ल की इस उपलब्धि पर गर्व महसूस करते हुए कहते हैं, “हेज़ल अगले दो वर्षों में प्रसिद्ध इंग्लिश चैनल (अटलांटिक महासागर की एक शाखा) में तैरना चाहती है. यही कारण है कि पहले मुंबई तट के साथ स्थानीय रूप से तैरना महत्वपूर्ण है. हालांकि, अरब सागर की गंदी स्थिति कई लोगों को परेशान करती है. मुझे खुशी है कि मेरी बेटी में लंबी दूरी तक तैरने की इच्छाशक्ति और समर्पण है."
लॉकडाउन के दौरान काफी परेशान थी हेज़ल- कोच
हेज़ल के कोच उत्तेकर ने बताया कि हाल ही में लॉकडाउन उनके लिए कठिन दौर रहा क्योंकि वह किसी भी स्विमिंग पूल तक नहीं जा पा रही थीं. हालांकि, जैसे ही परिस्थितियों में सुधार हुआ, उसने फिर से समुद्र में गोता लगाने से पहले पूल में अपनी कठोर ट्रेनिंग शुरू कर दी. इस दौरान उनके साथ प्रेक्षक, टाइम-कीपर, उनके कोच और परिवार के सदस्यों की पायलट बोट्स थीं.
सालाना हम 180 मिलियन टन से अधिक जहरीला कचरा समुद्र में फेंकते हैं. लगभग 8 मिलियन मीट्रिक टन प्लास्टिक कचरा (जो 57,000 ब्लू व्हेल के बराबर है) भी प्रतिवर्ष महासागरों में फेंका जाता है, जो समुद्री जैव विविधता के लिए विनाशकारी है.