scorecardresearch

26/11 Terror Attack: 26/11 की 14वीं बरसी: वो मंजर याद आते ही आज भी सिहर उठता है दिल

26/11 आतंकवादी हमला: अजमल कसाब और लश्कर-ए-तैयबा के अन्य आतंकवादी कराची में एक पाकिस्तानी बंदरगाह से अपहृत मछली पकड़ने वाले ट्रॉलर पर मुंबई पहुंचे और लगातार हमले कर मुंबई को दहला कर रख दिया.

मुंबई टेरर अटैक मुंबई टेरर अटैक
हाइलाइट्स
  • चार दिन के ऑपरेशन में मारे गए 9 आतंकवादी

  • गिरगांव चौपाटी के पास पकड़ा गया था कसाब

मुंबई के 26/11 हमले को आज 14 साल पूरे हो गए. चौदह साल पहले, 26 नवंबर, 2008 की रात को, दस पाकिस्तानी आतंकवादियों ने मुंबई में पांच प्रमुख स्थानों पर एक सीरियल बॉम्बिंग और हमले किए थे. इस हमले में 166 लोग मारे गए थे, और 300 से अधिक लोग घायल हो गए. लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों ने वित्तीय राजधानी मुंबई के पांच प्रमुख स्थानों - छत्रपति शिवाजी टर्मिनस रेलवे स्टेशन, नरीमन हाउस व्यापार और आवासीय परिसर, कामा अस्पताल, लियोपोल्ड कैफे, ओबेरॉय-ट्राइडेंट होटल और ताज होटल और टॉवर को निशाना बनाया था. आतंकवादी कराची में एक पाकिस्तानी बंदरगाह से अपहृत मछली पकड़ने वाले ट्रॉलर पर मुंबई पहुंचे थे.

चार दिन के ऑपरेशन में मारे गए 9 आतंकवादी
सशस्त्र बलों ने चार दिन तक चलने वाले ऑपरेशन में नौ आतंकवादी मारे गिराए थे, अकेले आतंकवादी अजमल कसाब को 2012 में पुणे में यरवदा सेंट्रल जेल में जिंदा पकड़ा गया था और मौत की सजा सुनाई गई थी. आतंकवादियों ने एक पुलिस वैन सहित कारों का अगवा कर लिया और हमलों को अंजाम देने के लिए विभिन्न समूहों में विभाजित हो गए. उन्होंने साइटों पर धावा बोलने के लिए ऑटोमेटिक हथियारों और हथगोले का इस्तेमाल किया. 

क्या था हमले का पैटर्न?
पहला हमला छत्रपति शिवाजी टर्मिनस पर रात करीब 9.20 पर हुआ. यह हमला लगभग 90 मिनट तक चला, जिसमें 58 लोग मारे गए और 100 से अधिक घायल हो गए.

दूसरे हमले की सूचना लगभग 8-10 मिनट बाद नरीमन हाउस व्यवसाय और यहूदी चबाड लुबाविच आउटरीच केंद्र के आवासीय परिसर में हुई. इस पर हमला करने से पहले आतंकियों ने एक गैस स्टेशन को उड़ा दिया. रात लगभग 9.40 बजे, चार आतंकवादियों ने महंगे और लोकप्रिय लियोपोल्ड कैफे पर हमला किया. उन्होंने खाना खा रहे लोगों पर गोलियां बरसाईं, जिनमें से 10 की मौत हो गई. हमला 10 से 15 मिनट के बीच चला. आतंकवादियों ने दो टैक्सियों में बम भी रखे थे जिसमें पांच लोगों की मौत हो गई और 15 घायल हो गए.

इसके बाद वे ताजमहल पैलेस और टावर होटल के लिए रवाना हुए. उन्होंने पहले स्विमिंग पूल के आसपास मेहमानों पर हमला किया और फिर अंदर बार और रेस्तरां में चले गए. दो आतंकवादी होटल के सामने के दरवाजे से घुसे और फायरिंग और ग्रेनेड फेंकना शुरू कर दिया. इस चार दिन चलने वाली घेराबंदी में उन्होंने कम से कम 31 लोगों को मार डाला.

आतंकवादियों ने ताजमहल होटल के मध्य गुंबद के नीचे बम विस्फोट किए, जिससे भीषण आग लग गई, जो बाद में ताज की ऊपरी मंजिलों में फैल गई.

ओबेरॉय-ट्राइडेंट होटल पर दो आतंकवादियों ने हमला किया, जो रेस्तरां के रास्ते होटल में घुसे और भीड़ पर गोलीबारी की. तीन दिनों तक चली घेराबंदी में उन्होंने लगभग 30 लोगों को मार डाला.

सीएसटी रेलवे स्टेशन पर हमला करने के बाद कसाब और उसके साथी आतंकवादी इस्माइल खान ने कामा अस्पताल को निशाना बनाया. वे अस्पताल के पिछले गेट पर पहुंचे, लेकिन अस्पताल के सतर्क स्टाफ ने सभी दरवाजे बंद कर रखे थे. इसके बाद दोनों ने अस्पताल के बाहर एक पुलिस दल पर घात लगाकर हमला किया, जिसमें एटीएस प्रमुख हेमंत करकरे सहित छह लोगों की मौत हो गई और उनकी जीप को अगवा कर लिया.

गिरगांव चौपाटी के पास पकड़ा गया था कसाब
कसाब और दूसरे आतंकवादी इस्माइल खान को गिरगांव चौपाटी के पास रोका गया, जहां पुलिस कांस्टेबल तुकाराम ओंबले ने उनकी राइफल की नली पकड़ ली। इससे पुलिस टीम को कसाब पर काबू पाने और उसे पकड़ने का समय मिल गया. जहां पर दूसरा आतंकी मारा गया. उसके बाद कसाब को मौत की सजा सुनाई गई और 21 नवंबर 2012 को फांसी पर चढ़ा दिया गया और पुणे की यरवदा जेल में दफना दिया गया.