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कबाड़ी से लेकर मंत्री तक का सफर, जानिए नवाब मलिक के पास है कितनी संपत्ति, कैसा रहा उनका सियासी सफर

1995 में समाजवादी पार्टी के साथ अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत के बाद साल 2004 में नवाब मलिक एनसीपी में शामिल हो गए थे. वे अब तक 5 बार विधायक बन चुके हैं.

नवाब मलिक (फाइल फोटो) नवाब मलिक (फाइल फोटो)
हाइलाइट्स
  • नवाब मलिक ने 25 साल की उम्र में पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ा.

  • नवाब मलिक पर अंडरवर्ल्ड से जमीन खरीदने का आरोप है.

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बुधवार दोपहर को महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक को गिरफ्तार कर लिया. तकरीबन 8 घंटे तक चली लंबी पूछताछ के बाद ईडी ने नवाब मलिक को हिरासत में लिया. गिरफ्तारी के बाद एनसीपी नेता की जेजे हॉस्पिटल में मेडिकल जांच कराई गई और फिर उन्हें पीएमएलए कोर्ट में पेश किया गया. सुनवाई के दौरान ईडी ने कोर्ट से आरोपी नवाब मलिक की रिमांड के लिए 14 दिन की हिरासत मांगी. कोर्ट ने 8 दिन के लिए यानि 3 मार्च तक नवाब मलिक को ईडी की रिमांड पर भेजा है. गिरफ्तारी के बाद नवाब मलिक ईडी दफ्तर से मुस्कुराते हुए बाहर आए और बाहर मौजूद एनसीपी कार्यकर्ताओं का अभिवादन किया. नवाब मलिक ने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा, 'ना डरेंगे ना झुकेंगे. 2024 के लिए तैयार रहिए.' 

नवाब मलिक को मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले की जांच के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है. यह जांच, भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम और मुंबई अंडरवर्ल्ड में उसके सहयोगियों की गतिविधियों से जुड़ी है. मुंबई विस्फोट के दोषियों के कुछ संपत्ति संबंधी सौदों से मलिक का जुड़ा होना उन्हें केंद्रीय एजेंसी की जांच के दायरे में ले आया और उनसे पूछताछ की गयी. ऐसे में ये सवाल उठना लाजिमी है कि नवाब मलिक कौन हैं? उनका पॉलिटिकल करियर कैसे शुरू हुआ? वे मंत्री कैसे बने? किन राजनीतिक पार्टियों से उनका संबंध रहा? नवाब मलिक का जन्म 20 जून 1959 को उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले के धुसला गांव में हुआ था. लरामपुर जिले में उनके परिवार की जमीन और कारोबार था. इनके पिता का नाम मलिक मोहम्मद इस्लाम है. साल 1970 में नवाब मलिक का परिवार मुंबई आकर बस गया था.

परिवार का है कबाड़ का कारोबार 

1995 में समाजवादी पार्टी के साथ अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत के बाद साल 2004 में नवाब मलिक एनसीपी में शामिल हो गए थे. वे अब तक 5 बार विधायक बन चुके हैं. वह 1996, 1999, 2004 में नेहरू नगर (विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र) से और 2009 में मुंबई में अणुशक्ति नगर (विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र) से महाराष्ट्र विधानसभा के लिए चुने गए थे. फिलहाल नवाब मलिक महाराष्ट्र सरकार में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रवक्ता हैं. नवाब के परिवार के पास होटल था. उनका कबाड़ का कारोबार भी था. बीजेपी नेता मोहित कंबोज के तंज का जवाब देते हुए नवाब मलिक ने कहा था, 'हां मैं कबाड़ी वाला हूं. मेरे पिता मुंबई में कपड़े और कबाड़ का कारोबार करते थे. विधायक बनने तक मैंने भी कबाड़ का कारोबार किया है. मेरा परिवार अब भी ये बिजनेस करता है. मुझे इस पर गर्व है.' कबाड़ी से अपने करियर की शुरूआत करने वाले नवाब मलिक आज करोड़ों की संपत्ति के मालिक हैं. 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में दिए हलफनामे के मुताबिक वह 5 करोड़ 74 लाख की संपत्ति के मालिक हैं. 

25 साल की उम्र में पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ा

मुंबई के डोंगरी इलाके में नवाब मलिक के परिवार का ठिकाना रहा है. 21 साल की उम्र में नवाब  मलिक का निकाह मेहजबीन नाम की महिला से हुआ. नवाब मलिक के दो बेटों का नाम फराज और आमिर और दो बेटियों का नाम नीलोफर और सना है. विद्यार्थी आंदोलन से ही नवाब मलिक राजनीति में सक्रिय हुए. मुंबई विश्वविद्यालय में फीस बढ़ोत्तरी के खिलाफ आंदोलन में कूदने से उनकी राजनीति में रुचि बढ़ी. जिसके बाद 25 साल की उम्र में नवाब मलिक ने पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ा. 

नवाब मलिक
ईडी ऑफिस के बाहर नवाब मलिक

सपा छोड़ कर एनसीपी ज्वाइन की

1991 में महापालिका चुनाव के लिए कांग्रेस ने उन्हें टिकट देने से इनकार कर दिया. कांग्रेस के टिकट न देने के बाद नवाब मलिक समाजवादी पार्टी में चले गए. 1995 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी से उन्हें उम्मीदवारी मिली. पर, 1995 के चुनाव में उन्हें शिवसेना के उम्मीदवार सूर्यकांत महाडिक के हाथों हार का सामना करना पड़ा. 1996 के उपचुनाव में 6.5 हजार वोट से नवाब मलिक ने जीत हासिल की और उनकी विधानसभा में एंट्री हुई. 1999 में उन्हें एक बार फिर विधानसभा चुनाव में जीत हासिल हुई और गृहनिर्माण राज्य मंत्रीपद भी मिला. समाजवादी पार्टी की आपसी कलह से तंग आकर नवाब मलिक ने 2001 में सपा छोड़ कर एनसीपी ज्वाइन की. एनसीपी ने उन्हें उच्च और तकनीकी शिक्षा और श्रम मंत्रालय में मंत्री पद दिया.

मंत्री पद से देना पड़ा इस्तीफा

माहीम के जरीवावा चॉल के पुनर्विकास प्रोजेक्ट से जुड़े मामले में घोटाला करने का आरोप लगने के बाद उन्हें मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा. 2008 में नवाब मलिक एक बार फिर मंत्री बनाए गए. नवाब मलिक शरद पवार के काफी करीबी माने जाते हैं. 2009 के विधानसभा चुनाव में  नवाब मलिक ने अणुशक्ति नगर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और लगातार चौथी बार विधायक बने. हालांकि, वह 2014 के विधानसभा में चुनाव हार गए. 2019 के विधानसभा चुनाव में नवाब मलिक चुनाव जीते और शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी का गठबंधन सरकार बनी. जहां नवाब मलिक को एनसीपी कोटे से महाराष्ट्र सरकार में मंत्री बनाया गया. 

नाम से जुड़े हैं कई विवाद 

मलिक पर माहिम की जरीवाला चाल पुनर्विकास परियोजना में भ्रष्टाचार के कई आरोप लगे थे. सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने भी इस मामले को उठाया था. जिसके बाद जांच शुरू की गई थी और नवाब मलिक को इस्तीफा देना पड़ा. आर्यन खान ड्रग्स मामले के दौरान भी नवाब मलिक का नाम काफी चर्चा में था. इस दौरान उन्होंने समीर वानखेड़े का काफी विरोध किया था, जिसके पीछे उनके दामाद समीर खान को वजह बताया गया था. दरअसल, समीर वानखेड़े ने 9 जनवरी, 2021 को मुंबई के बांद्रा इलाके से भांग जब्त करने का दावा किया था. इस मामले में चार लोगों को गिरफ़्तार किया गया था. जिसके बाद पहली बार नवाब मलिक के दामाद समीर खान का नाम सामने आया था. एनसीबी ने समीर खान को जनवरी में मादक पदार्थों की तस्करी और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया था. समीर खान को मामले में 14 अक्टूबर 2021 को सत्र अदालत ने जमानत दे दी थी. अदालत के आदेश के बाद नवाब मलिक ने आरोप लगाया कि एनसीबी झूठे अपराधों में लिप्त लोगों को बदनाम कर रही है.

अंडरवर्ल्ड से जमीन खरीदने का आरोप

9 नवंबर 2021 को महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने नवाब मलिक के अंडरवर्ल्ड से रिश्ते का सनसनीखेज खुलासा किया था. उन्होंने कहा था कि नवाब मलिक ने दाऊद इब्राहिम के गैंग से जमीनें खरीदीं. ये जमीनें मुंबई में ब्लास्ट करने के आरोपियों की हैं. पूर्व सीएम ने इसके सभी सबूत सेंट्रल एजेंसीज को देने की बात भी कही थी. माना जा रहा है कि इसी मामले में कार्रवाई करते हुए ED की टीम ने मलिक को पूछताछ के लिए उठाया है.