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Explainer: कैसे काम करेगी DigiYatra App? क्या होगा इससे फायदा...इन एयरपोर्ट पर सबसे पहले मिलेगी सुविधा

डिजी यात्रा एक तरीके की चेहरा पहचान प्रणाली (FRT)है जिसके आधार पर एयरपोर्ट पर यात्रियों की संपर्क रहित, निर्बाध यात्रा प्रक्रिया सुनिश्चित की जाएगी. इसका मुख्य उद्देश्य कागज के बिना किसी संपर्क के जरिए यात्रियों के विभिन्न चेक प्वाइंट्स से निकालना है.

DIgiYatra DIgiYatra
हाइलाइट्स
  • 20 हजार यात्रियों पर हुआ ट्रायल

  • चेहरा ही होगा आपका बोर्डिंग पास

76वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर भारत ने डिजीटल ट्रांसफॉर्मेशन पर एक और कदम आगे बढ़ा लिया है. ऐसा हम  इसलिए कह रहे हैं क्योंकि आज से किसी भी एयरलाइन से दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के टर्मिनल 3 से उड़ान भरने वाले घरेलू यात्री सरकार की 'डिजीयात्रा' पहल के माध्यम से सहज यात्रा अनुभव का लाभ उठाएंगे. दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (DIAL)ने सोमवार को एंड्रॉइड प्लेटफॉर्म पर डिजीयात्रा ऐप का बीटा वर्जन लॉन्च किया, जो यात्रियों को एयरपोर्ट के टर्मिनल 3 पर जल्दी चेक-इन करने की सुविधा देगा.

20 हजार यात्रियों पर इसका ट्रायल किया गया और 15 अगस्त से टी-3 पर इसकी शुरुआत की गई. अभी यह सुविधा टी-3 पर ही शुरू की गई है. टी-1 और टी-2 पर पहले की तरह ही एंट्री होगी. बता दें कि ऐसा नहीं हैं कि टी-3 टर्मिनल से सिर्फ इसी सिस्टम के जरिए एंट्री होगी. इसके लिए फिलहाल दो फ्लैप गेट रखे गए हैं जहां से डिजी ऐप पर रजिस्टर्ड यात्री एंट्री पा सकेंगे. अन्य गेटों से पहले की तरह ही प्रवेश करने दिया जाएगा.

क्या है डिजी यात्रा?
डिजी यात्रा एक तरीके की चेहरा पहचान प्रणाली (FRT)है जिसके आधार पर एयरपोर्ट पर यात्रियों की संपर्क रहित, निर्बाध यात्रा प्रक्रिया सुनिश्चित की जाएगी. इसका मुख्य उद्देश्य कागज के बिना किसी संपर्क के जरिए यात्रियों के विभिन्न चेक प्वाइंट्स से निकालना है. इसके लिए उनके चेहरे का इस्तेमाल किया जाएगा जिससे उनकी पहचान स्थापित होगी जो सीधे उसके बोर्डिंग पास से जुड़ी होगी.

ये टेक्नोलॉजी बोर्डिंग प्रक्रिया को काफी तेज और अधिक सहज बना देगी क्योंकि यात्रियों को प्रत्येक टचपॉइंट पर तीन सेकंड से भी कम समय लगेंगे. उनका चेहरा ही उनके लिए डॉक्यूमेंट आईडी प्रूफ, वैक्सीन प्रूफ और बोर्डिंग पास के रूप में भी काम करेगा.

कैसे आसान होगी यात्रा?
डिजी यात्रा परियोजना के तहत, एक यात्री के बोर्डिंग पास से जुड़ी सारी पहतान अब उसके चेहरे से हो जाएगी. यह प्रक्रिया पूरी तरह से पेपरलेस और कॉन्टेक्टलेस होगी. 
अब, यात्री इस ऐप के माध्यम से अपने बायोमेट्रिक्स और अन्य विवरण जमा करेंगे. यह सुविधा दिल्ली हवाई अड्डे के टर्मिनल 3 पर उपलब्ध होगी. एक यात्री को प्रत्येक उड़ान से पहले टर्मिनल 3 पर बायोमेट्रिक डिटेल्स जमा करने की आवश्यकता नहीं है.

डिजियात्रा ऐप कैसे डाउनलोड करें?

  • किसी भी एयरलाइन द्वारा टर्मिनल 3 से उड़ान भरने वाले घरेलू यात्री ऐप डाउनलोड कर सकते हैं और हवाई अड्डे पर सहज यात्रा अनुभव देखने से पहले अपना पंजीकरण करा सकते हैं.
  • DigiYatra ऐप का बीटा वर्जन Android प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है और कुछ हफ्तों में IOS प्लेटफॉर्म पर भी उपलब्ध हो जाएगा. डायल ने कहा, ऐप को जोड़ने से यात्रियों द्वारा अपना संपूर्ण बायोमेट्रिक पंजीकरण किया जाएगा.
  • ऐप डाउनलोड करने के बाद यात्री को अपना फोन नंबर और आधार कार्ड की जानकारी दर्ज करनी होगी.
  • इसके बाद यात्री को एक सेल्फी लेनी होगी, टीकाकरण विवरण जोड़ना होगा और बोर्डिंग पास को स्कैन करना होगा.

डिजी यात्रा नामांकन प्रक्रिया

यात्री इन डिटेल्स के जरिए डिजी यात्रा आईडी बना सकते हैं -

1. नाम
2. ईमेल आईडी
3. मोबाइल नंबर,
4. पहचान का विवरण (मतदाता आईडी, ड्राइविंग लाइसेंस, आधार आदि) जमा करने पर डिजी यात्रा आईडी बन जाएगी.

  • यात्री टिकट बुक करते समय इस नंबर को दर्ज कर सकते हैं. डिजी यात्रा आईडी के साथ यात्री का डेटा एयरलाइंस द्वारा डिपार्चर एयरपोर्ट पर भेज दिया जाएगा.
  • पहली यात्रा पर यात्री को आईडी वेरिफाई करने के लिए एयरपोर्ट पर रजिस्ट्रेशन कियोस्क (Kiosk) पर जाना होगा.

1. आधार के मामले में सत्यापन ऑनलाइन होगा.
2. अन्य आईडी के मामले में, सीआईएसएफ मैन्युअल रूप से सत्यापित करेगा.

  • सफल सत्यापन पर यात्री का फोटो केंद्रीय प्रणाली में डिजी यात्रा प्रोफाइल में जोड़ा जाएगा.

DigiYatra के लाभ
यात्रियों को कई चेक प्वाइंट पर बोर्डिंग पास या आईडी दिखाने की जरूरत नहीं होगी.
इससे एयरपोर्ट पर बोर्डिंग पास के लिए लंबी लाइन नहीं लगानी होगी और कॉन्टेक्टलेस सुविधा होगी. 
सुरक्षा बढ़ा दी गई है क्योंकि सिस्टम पीएनआर के साथ यात्री को मैप करेगा. प्रत्येक चेक प्वाइंट पर केवल प्रामाणिक यात्री को ही प्रवेश की अनुमति होगी.
हवाईअड्डा संचालक के पास यात्री भार की वास्तविक समय की जानकारी होगी और संसाधन नियोजन बेहतर हो जाएगा.
हवाईअड्डे में यात्रियों की स्थिति जानने से एयरलाइंस को फायदा होगा.