
जरा सोचिए अगर आप भी अपना खुद का कोई देश बनाना चाहते हैं तो? जी हां, आप ऐसा कर सकते हैं. दरअसल, ऐसा ही कुछ खुद को भगवान का दर्जा देने वाले और भगोड़ा घोषित किए गए नित्यानंद ने किया है. नित्यानंद ने अपने देश 'कैलासा' के संयुक्त राष्ट्र की एक बैठक में शामिल होने का दावा किया है. बता दें, नित्यानंद पर रेप सहित कई बड़े आरोप लगे हैं. वह भगोड़ा घोषित किया जा चुका है. कैलासा का प्रतिनिधित्व विजयाप्रिया नित्यानंद ने किया है. बता दें, कैलासा का अपना खुद का झंडा, पासपोर्ट और रिजर्व बैंक भी है.
कोई नहीं जानता कहां है कैलासा
दरअसल, बलात्कार और बच्चों के अपहरण का आरोपी, नित्यानंद भारत से भाग गया था और 2020 में उसने अपना देश - द यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ कैलासा बनाया था. उसके मुताबिक कैलासा "प्राचीन प्रबुद्ध हिंदू सभ्यता राष्ट्र" है. हालांकि, नित्यानंद का कैलासा कहां है, यह कोई नहीं जानता. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, ऐसा कहा जाता है कि नित्यानंद ने दक्षिण अमेरिका में इक्वाडोर के पास एक द्वीप खरीदा था, जिसे उसने कैलासा का नाम दिया है. हालांकि, कैलासा केवल इंटरनेट या वर्चुअल दुनिया में ही उपलब्ध है. इतना ही नहीं नित्यानंद का कैलासा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर मौजूद है और कैलाश सरकार की एक वेबसाइट भी है.
सरकारी सिस्टम और करेंसी को लेकर क्या हैं नियम?
सरकारी सिस्टम और करेंसी को लेकर बात करें तो इसमें आपके नियम ही होते हैं. जब तक जमीन का इस्तेमाल किसी गैरकानूनी काम के लिए नहीं होता है, तब तक नियम बनाने और सिस्टम बनाने में कोई दिक्कत नहीं है. बता दें, नित्यानंद के कैलासा का एक ध्वज भी है जिसे ऋषभ ध्वज कहा जाता है. कैलासा के राज्य ध्वज में नंदी बैल और नित्यानंद हैं. इंडिया टुडे के मुताबिक, नित्यानंद के अनुयायियों को पूजा स्थलों, कार्यालयों, कारों और उनके आवासों में ध्वज का उपयोग करने की अनुमति दी गई है. इतना ही नहीं बल्कि कैलासा का एक राष्ट्रगान भी है और इसकी अपनी करेंसी और रिजर्व बैंक भी है.
उस देश को पहचान कैसे मिलेगी?
अपने देश को पहचान दिलाने की तुलना में उसे स्थापित करना आसान है. 1933 के मोंटेवीडियो कन्वेंशन के अनुसार, एक परिभाषित क्षेत्र में एक स्थायी आबादी, एक सरकार और अन्य देशों के साथ संबंध ये चार मानदंड होते हैं, जो किसी भी देश के लिए जरूरी होते हैं. तभी वह संयुक्त राष्ट्र में मान्य होता है.