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अब राजधानी, शताब्दी में मुफ्त यात्रा नहीं कर पाएंगे पुलिस वीरता पुरस्कार विजेता, लेकिन क्यों? जानिए

रेल मंत्रालय ने राष्ट्रपति की पुलिस के लिए राजधानी और शताब्दी ट्रेनों में मानार्थ पास (मुफ्त यात्रा सुविधा) यात्रा की अनुमति देने के लिए गृह मंत्रालय (एमएचए) के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है. इसके लिए रेलवे ने वित्तीय और अन्य कारणों का हवाला दिया.

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वीरता के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक (पीपीएमजी) और वीरता के लिए पुलिस पदक (पीएमजी) पुरस्कार विजेताओं और वीरता पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं की विधवाओं के लिए राजधानी और शताब्दी ट्रेनों में मुफ्त यात्रा की सुविधा देने के प्रस्ताव को रेल मंत्रालय ने ठुकरा दिया गया था. प्रस्ताव केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) द्वारा प्रस्तुत किया गया था और गृह मंत्रालय (MHA) द्वारा रेलवे के साथ उठाया गया था.

रेलवे बोर्ड ने अपने जवाब में प्रस्ताव को ना कहने के लिए वित्तीय कारणों का हवाला दिया. इससे पहले पीएमजी और पीपीएमजी पुरस्कार पाने वालों को साल में एक बार एक्जीक्यूटिव क्लास में मुफ्त यात्रा की सुविधा मिलती थी. केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF)ने जानकारी देते हुए बताया, “सीआरपीएफ के अनुरोध पर, एमएचए (गृह मंत्रालय) ने भारत सरकार और रेल मंत्रालय के साथ पीएमजी/पीपीएमजी के प्राप्तकर्ताओं को राजधानी और शताब्दी ट्रेनों में यात्रा करने की सुविधा के विस्तार के लिए एक प्रस्ताव लिया था. लेकिन रेलवे के सक्षम प्राधिकारी द्वारा इस पर सहमति नहीं दी गई है.'' 

रेलवे ने ठुकराया प्रस्ताव
इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (आईआरसीटीसी) टिकटिंग वेबसाइट के माध्यम से पीपीएमजी/पीएमजी के प्राप्तकर्ताओं को राजधानी और शताब्दी ट्रेनों में यात्रा करने के लिए मानार्थ पास टिकटों की बुकिंग और सुविधा के विस्तार का मामला गृह मंत्रालय के साथ बातचीत के बाद सीआरपीएफ के महानिदेशक द्वारा उठाया गया था. जिसने बदले में रेल मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा.

वापस ले ली गई थी सुविधा
इसके बाद, रेल मंत्रालय ने आईआरसीटीसी को अनुरोध किया कि वह सेंटर फॉर रेलवे इंफॉर्मेशन सिस्टम्स (CRIS) और गृह मंत्रालय (MHA) के परामर्श से अनुरोध की जांच करे और इस पर एक विस्तृत प्रस्ताव भेजे.रेलवे बोर्ड ने कहा, "राजधानी और शताब्दी ट्रेनों से यात्रा को शौर्य के लिए पुलिस पदक (पीएमजी)/शौर्य के लिए राष्ट्रपति के पुलिस पदक (पीपीएमजी) तक बढ़ाने के प्रस्ताव पर इस मंत्रालय द्वारा कई बार विचार किया गया है, लेकिन वित्तीय और अन्य कारणों की वजह से इस पर सहमति नहीं बन पाई है." 

कुछ सूत्रों ने बताया कि राजधानी और शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेनों में कार्यकारी श्रेणी में पीपीएमजी और पीएमजी पुरस्कार विजेताओं और वीरता पुरस्कारों के विजेता की विधवाओं को मानार्थ टिकट देना कई वर्षों से चलन में था, लेकिन बाद में इसे रेल मंत्रालय ने वापस ले लिया. कोविड महामारी के दौरान इस सुविधा को वापस ले लिया गया था और इसे वित्तीय कारणों से जारी नहीं रखा जा सकता है.