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‘No Money for Terror’ Meet: "आतंक की कोई सीमा नहीं...सिर्फ जीरो टॉलरेंस अप्रोच करेगा मुकाबला", कांफ्रेंस में पाक पर गरजे मोदी

दिल्ली में पीएम मोदी ने NIA के ‘नो मनी फॉर टेरर सम्मेलन’ का उद्घाटन किया. इस सम्मेलन में मोदी बोले, आतंकवाद के खतरे से आगाह होना जरूरी, आतंकवाद मानवता के लिए है खतरा, किसी सूरत में इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा." इस कांफ्रेंस में पाकिस्तान को नहीं बुलाया गया है.

मोदी मोदी
हाइलाइट्स
  • टेरर फंडिंग पर बोले पीएम

  • पाकिस्तान को नहीं गया सम्मेलन का बुलावा

आतंकवाद की फंडिंग से निपटने के तरीकों पर चर्चा के लिए दिल्ली में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मंत्रिस्तरीय सम्मेलन का आयोजन किया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज इस सम्मेलन का उद्घाटन किया है. इस दौरान पीएम ने कहा कि, "ये महत्वपूर्ण है कि ये कांफ्रेंस भारत में हो रही है. विश्व से पहले भारत ने आतंकवाद का असर झेला, लेकिन हर बार दृढ़ता से आतंकवाद का मुकाबला किया है."

टेरर फंडिंग पर क्या बोले पीएम
पीएम ने आगे कहा कि, "आतंक का एक हमला सब पर हमला है. हम रुकेंगे नहीं जब तक आतंकवाद को जड़ से उखाड़ नहीं फेकेंगे. आतंकवाद ऐसा विषय है जो मानवता पर असर डालता है. ये इकोनॉमी पर असर डालता है. टेरर फाइनेंसिंग की जड़ पर हमला करना चाहिए. आतंक को लेकर अलग अलग धारणा है. आतंकवाद को एक ही चश्मे से देखना चाहिए. आतंक की कोई सीमा नहीं होती सिर्फ जीरो टॉलरेंस अप्रोच उसका मुकाबला कर सकती है. आतंकवादी उसी वक्त खत्म किया जा सकता है लेकिन पुख्ता रणनीति आतंकवाद की जड़ को समाप्त करती है. उसके लिए ऐक्टिव रिस्पांस की जरूरत है. हमें आतंकियों की फंडिंग रोककर उनका सपोर्ट सिस्टम खत्म करना होगा."

क्या है सम्मेलन का टाइम टेबल
इस सम्मेलन के पहले सत्र में सम्मेलन के पहले सत्र में आज आतंकी फंडिंग के ताजा ट्रेंड पर वैश्विक चर्चा हुई. दूसरे सत्र में आतंकी फंडिंग के औपचारिक और अनौपचारिक सभी तरीकों पर बातचीत होगी. वहीं तीसरा सत्र शनिवार को होगा इसमें आतंकी फंडिंग के लिए नई तकनीक और रास्तों के इस्तेमाल पर मंथन होगा. साथ ही क्रिप्टोकरेंसी वह डार्क वेब के जरिए हो रही फंडिंग को भी इस चर्चा में शामिल किया जाएगा. चौथे सत्र में आतंकी फंडिंग रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग बढ़ाने की जरूरतों और सहयोग के बारे में चर्चा होगी.

पाकिस्तान को नहीं गया सम्मेलन का बुलावा
गृह मंत्रालय के सूत्रों ने बताया है कि दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में पाकिस्तान को आमंत्रित नहीं किया गया है चीन को आमंत्रित किया गया था लेकिन अभी तक उसकी स्वीकारोक्ति नहीं आई है. सम्मेलन में दुनिया के 73 देशों व छह संस्थाओं के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं. "नो मनी फॉर टेरर" सम्मेलन में पाकिस्तान को आमंत्रित नहीं किए जाने पर कोई आधिकारिक बयान तो नहीं आया है पर सूत्रों ने बताया है कि भारत में आतंकी संगठनों को पाकिस्तान की ओर से फंडिंग जारी रहने के मद्देनजर उसे इस सम्मेलन में न बुलाने का फैसला किया गया है.

सम्मेलन का एजेंडा क्या होगा?
1. आतंक पर हो रही विदेशी फंडिंग पर लगाम लगाने के लिए कदम उठाए जाएंगे. विदेशी फंडिंग के रूटों की तलाह में आपसी सहयोग और पारदर्शी तरीके से एजेंसियां मुहैया कराएगी जानकारी.
2. विश्व में आतंकी संगठनों के द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग के बदलते तरीकों पर सभी एजेंसियां एकजुट होकर जानकारी हासिल करें जिससे मनी लॉन्ड्रिंग के रूट तक पहुंचा जा सके.
3.आतंकी फंडिंग में क्रिप्टो करेंसी के इस्तेमाल और क्राउडफंडिंग के तरीकों पर लगाम लगाने के लिए इस सम्मेलन में विश्व की जांच एजेंसियों के बीच होगी चर्चा. साथ ही इंफॉर्मेशन आदान-प्रदान पर रहेगा जोर, यही नहीं एजेंसियां डार्क वेब के जरिए हो रही आतंकी फंडिंग पर भी कड़ी निगरानी रखेंगी जिस पर सभी एजेंसियों के बीच सहमति बनाने का भारत का जोर रहेगा.
4. आतंकी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए फंडिंग इकट्ठा करने में जुटे रहते हैं उस पर लगाम लगाने की रणनीति पर भी इस विश्व स्तरीय कॉन्फ्रेंस में चर्चा होगी.
5. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर एक समान वैश्विक कानून के दायरे में हों ताकि फर्जी तरीके से की जा रही टेरर फंडिंग को रोका जा सके और इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर की सही जानकारी देशों के पास रहे जिससे कि वह ऐसे आतंकी फंडिंग करने वाले लोगों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई कर सकें.
6. कट्टरवाद और जिहाद को फैलाने वाले आतंकी संगठनों पर समय रहते एक्शन हो इसके लिए भारत का जोर रहेगा कि वह सभी देशों को इस सम्मेलन के माध्यम से एकजुट करें.
7. इस सम्मेलन में भारत के पड़ोसी देशों में अस्थिर चल रही राजनीतिक परिस्थिति और उसके द्वारा जन्मे आतंकवाद पर भी चर्चा होगी सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अफगानिस्तान और पाकिस्तान में समय-समय पर जो राजनीतिक उथल-पुथल होती है उसका फायदा आतंकी संगठन उठाते हैं.
8. आतंकी और खालिस्तानी गतिविधियों का फायदा उठा कर विदेशों में बैठे ऐसे लोग जो आतंकी फंडिंग करते हैं. उन पर कड़ी निगरानी रखने का भी इस कॉन्फ्रेंस में बड़ी चर्चा होगी. जानकारी के मुताबिक सिख फॉर जस्टिस जैसे खालिस्तानी संगठन कनाडा अमेरिका जर्मनी ब्रिटेन में रहकर भारत के खिलाफ फर्जी प्रोपेगैंडा फैलाते हैं ऐसे संगठनों पर भी नकेल कसने की तैयारी है.
9. टेरर फाइनेंसिंग पर लगाम लगाने के लिए निजी भागीदारी का भी सहयोग लेने पर चल रहा है. विचार इस पर इस तरीके से एजेंसियां बढ़ा सकती हैं कदम उस पर बड़ी चर्चा होगी.
10. सभी देश फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट (FIU) पर बेहतर तरीके से मजबूत करने को लेकर जोड़ दें सम्मेलन में इस बात पर बड़ी नजर रहेगी.