
Pink Vending Zone
Pink Vending Zone
महिलाओं को और सक्षम बनाने के लिए यूपी के नोएडा में एक अनोखी पहल की शुरुआत की गई है. यूपी में पहली बार पिंक वेंडिंग जोन बनाया गया है. इसकी खास बात यह है कि पिंक वेंडिंग जोन में सिर्फ महिलाओं की दुकाने हैं. नोएडा अथॉरिटी ने पूरे नोएडा में 9 जगह पर ऐसी 55 दुकानें तैयार की हैं. गुलाबी रंग आंखों को अच्छा लगता है. कुछ महिलाओं के लिए तो यह रंग किसी आशीर्वाद से कम नहीं है. तस्वीरें पिंक वेंडर जोन की हैं. पिंक वेंडर जोन यानी वह जगह जहां पर सिर्फ महिलाएं ही अपनी दुकान लगा सकती हैं.
10 साल से सड़क किनारे दुकान लगा रही हैं सृष्टि
तस्वीर में दिख रही महिला सृष्टि है. सृष्टि एक अनाथ महिला हैं. सृष्टि जैसे ही अपने पैरों पर खड़े होने के काबिल हुईं उन्होंने घर छोड़ दिया. सृष्टि ग्रेजुएट हैं, लेकिन अब वह इस गुलाबी दुकान की करता धरता हैं. सृष्टि लगभग 10 सालों से नोएडा में सड़क किनारे दुकान लगाती रहीं है, लेकिन जितना सुरक्षित वो आज खुद को इस गुलाबी दुकान में कर रही हैं. महसूस कर रही हैं उतना सड़क के किनारों ने कभी महसूस नहीं कराया.

अवैध वसूली करते थे पुलिसवाले
यहीं पर आपको काम करते हुए 64 साल की बुजुर्ग राज शर्मा मिल जाएंगी. राज पिछले 20 सालों से सेक्टर 62 में सड़क किनारे छोटा सा खोका लगाती आई हैं. राज के पति की उम्र 70 साल हो चली है. राज के पति अब घर पर ही रहते हैं. इनकी एक कुंवारी बेटी है, जिसकी कोरोना में नौकरी चली गई थी. राज बताती हैं कि पिंक वेंडिंग जोन में आने से पहले उन्होंने बहुत कुछ झेला है. पुलिस वाले अवैध वसूली करते थे, तो कभी अथॉरिटी के कमेटी के लोग उनका सारा सामान तोड़ देते थे.
चाय की दुकान लगाती थीं मंजू
यहां काम करने वाली अधिकतर महिलाएं काफी सालों से सड़क किनारे अपनी दुकान लगाती आई हैं. चाय की दुकान पर मौजूद मंजू 1 साल पहले तक अपने पति के साथ उसके ठेले पर हाथ बटाती थी, लेकिन फिर पिछली जनवरी में उनके पति की मौत हो गई. मंजू के लिए अकेले काम करना आसान नहीं था, लेकिन पिंक वेंडिंग जोन में आकर काफी राहत महसूस करती हैं. मंजू के 4 बच्चे हैं.
सीएम योगी ने की मदद
पिंक वेंडिंग जोन बनवाना आसान नहीं था. रेहड़ी पटरी एसोसिएशन के साथ काम करने वाली अपर्णा शर्मा तलाकशुदा हैं वह बताती हैं कि तलाक के बाद उन्होंने कई जगह अपनी दुकान लगाने की कोशिश की और तब उनको समझ में आया कि महिलाओं को इस क्षेत्र में कितनी दिक्कत हो रही है. अपर्णा ने बताया कि वह इस मुद्दे को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ से मिलीं. सीएम की पहल के बाद ही यह सब कुछ संभव हो पाया है. इन महिलाओं को अब इस गुलाबी रंग में अपना सम्मान नजर आता है.