
बोइंग 787-8/9 फ्लीट के तहत आने वाले एयर इंडिया के सभी प्लेन रविवार (15 जून) से खास सुरक्षा जांच से गुज़रेंगे. नागरिक विमानन मंत्रालय ने इसकी आधिकारिक घोषणा की है. 787 ड्रीमलाइनर और उसे बनाने वाली अमेरिकी एयरक्राफ्ट कंपनी बोइंग अहमदाबाद-लंदन फ्लाइट क्रैश के बाद आलोचनाओं और सवालों का केंद्र बन गए हैं. आइए जानते हैं जांच में क्या बदलाव हुए हैं.
नई जांच में कौनसे बदलाव?
नागरिक विमानन महानिदेशक (DGCA) ने आदेश दिया है कि बोइंग 787-8/9 के सभी जहाज़ों के ईंधन, इंजन और हाइड्रॉलिक सिस्टम की जांच होगी. डीजीसीए रिव्यू के लिए इस जांच की रिपोर्ट तलब करेगा. एयर इंडिया के जेनएक्स इंजन वाले बोइंग ड्रीमलाइनर प्लेन सेफ्टी चेक्स से भी गुज़रेंगे. आदेश में कहा गया है :
1. फ्यूल पैरामीटर की मॉनिटरिंग की और उससे जुड़े हुए सिस्टम की जांच होगी.
2. कैबिन एयर कंप्रेसर और उससे जुड़े सिस्टम की जांच होगी.
3. इलेक्ट्रॉनिक इंजन कंट्रोल सिस्टम की जांच होगी.
4. इंजन ईंधन से चलने वाले एक्चुएटर का परिचालन टेस्ट और तेल प्रणाली की जांच होगी.
5. हाइड्रोलिक सिस्टम की काम करने की क्षमता की जांच होगी.
6. टेक-ऑफ मापदंडों की समीक्षा होगी.
दो हफ्ते में होगी बिजली आश्वासन जांच
इसके अलावा, दो सप्ताह के भीतर बिजली आश्वासन जांच की जाएगी और 'उड़ान नियंत्रण निरीक्षण' शुरू किया जाएगा. सरकार ने कहा कि पिछले 15 दिनों के दौरान बोइंग ड्रीमलाइनर उड़ानों में बार-बार होने वाली खराबी की जल्द से जल्द समीक्षा की जानी चाहिए. समीक्षा के बाद रखरखाव की कार्रवाई बंद करनी होगी.
सनद रहे कि सरदार वल्लभभाई पटेल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरने के तुरंत बाद अहमदाबाद में एयर इंडिया की उड़ान के रेजीडेंट डॉक्टरों के छात्रावास की इमारत से टकराने के बाद कम से कम 265 लोगों की मौत हो गई है. यह दुर्घटना 2011 में शुरू हुई 787 फ्लाइट से जुड़ी पहली घातक दुर्घटना थी.
बोइंग के एक इंजीनियर ने 2024 में बोइंग 787 ड्रीमलाइनर की संरचनात्मक अखंडता के बारे में गंभीर चिंता जताई थी. हालांकि इन चिंताओं को हाल ही में एयर इंडिया विमान दुर्घटना से जोड़ने का कोई सबूत नहीं है. बोइंग एयरप्लेन्स ने एयर इंडिया दुर्घटना पर अपने बयान में कहा कि वह फ्लाइट 171 के संबंध में एयर इंडिया के संपर्क में है और कहा कि वह उनका समर्थन करने के लिए तैयार है.