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अब BS-VI वाले डीजल वाहनों के रजिस्ट्रेशन का रास्ता साफ, जानिए इसके आने से क्या होगा फायदा

कोर्ट की ओर से इस मामले में न्याय मित्र यानी एमाइकस क्यूरी बनाए गए अधिवक्ता एडीएन राव ने जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस एलएन राव की पीठ को बताया कि बीएस-6 हल्के और भारी डीजल वाहनों का उपयोग सार्वजनिक उपयोगिता और आवश्यक सेवाओं के लिए किया जाता है और उन्हें पंजीकृत होने की अनुमति दी जा सकती है.

बीएस-6 (प्रतिकात्मक तस्वीर) बीएस-6 (प्रतिकात्मक तस्वीर)
हाइलाइट्स
  • बीएस-VI को दी जा सकती है पंजीकरण की अनुमति

  • काफी क्लीन फ्यूल है बीएस-VI

अब देश भर में और स्वच्छ ईंधन और तकनीक से चलने वाले वाहनों को सुप्रीम कोर्ट ने इजाजत दे दी है. इस तरह सार्वजनिक उपयोगिता और आवश्यक सेवाओं के लिए इस्तेमाल होने वाले BS-VI हल्के और भारी डीजल वाहनों के पंजीकरण की इजाजत मिल गई है. सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि अधिकारियों को इस श्रेणी के वाहनों के पंजीकरण के लिए अदालती आदेश पेश करने पर जोर नहीं देना चाहिए. 

कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि हमारा विचार है कि सार्वजनिक उपयोगिता और आवश्यक सेवाओं के लिए उपयोग किए जाने वाले बीएस-VI हल्के और भारी डीजल वाहनों के संबंध में पंजीकरण की अनुमति दी जा सकती है. पंजीकरण अधिकारियों को निर्देश दिया जाता है कि वे ऐसे वाहनों के पंजीकरण के लिए इस अदालत द्वारा पारित किसी भी आदेश को पेश करने पर जोर न दें. 

बीएस-VI को दी जा सकती है पंजीकरण की अनुमति
कोर्ट की ओर से इस मामले में न्याय मित्र यानी एमाइकस क्यूरी बनाए गए अधिवक्ता एडीएन राव ने जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस एलएन राव की पीठ को बताया कि बीएस-6 हल्के और भारी डीजल वाहनों का उपयोग सार्वजनिक उपयोगिता और आवश्यक सेवाओं के लिए किया जाता है और उन्हें पंजीकृत होने की अनुमति दी जा सकती है.

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं के वकील ने भारी शुल्क वाले वाहनों के पंजीकरण के खिलाफ नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के एक अवलोकन के हवाले से कोर्ट को सूचित किया कि अधिकारियों ने अदालत के आदेशों पर ही जोर दिया है. इसके बाद पीठ ने जम्मू-कश्मीर में बीएस-4 वाहनों की बिक्री में ढील देने की याचिका पर भी विचार करते हुए याचिकाकर्ता से जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट जाकर वहां अपनी बात रखने को कहा. लेकिन क्या आप जानते हैं कि बीएस-VI वाहन क्या होते हैं, और इसके फायदे क्या हैं.

क्या है बीएस-VI?
(BS-6 full form)बीएस का अर्थ है भारत स्टेज. ये वायु प्रदूषण फैलाने वाली मोटर गाड़ियों सहित सभी इंजनों वाले उपकरण के लिए मानक है. बीएस 6 ग्रेड के ईंधन से प्रदूषण में कमी होगी. सुप्रीम कोर्ट ने अप्रैल 2019 में केंद्र से 13 मेट्रो शहरों में बीएस-6 फ्यूल उपलब्ध कराने पर विचार करने को कहा था. जिसके बाद नियम आया तो इसके पंजीकरण का मुद्दा बार-बार सुप्रीम कोर्ट के पास जा रहा था. बीएस-6 से कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी. बीएस-6 फ्यूल आने से पार्टिकुलेट मैटर में इनकी 20 से 40 एमजीसीएम तक ही हिस्सेदारी रहेगी. 

काफी क्लीन फ्यूल है बीएस-VI
रिपोर्ट्स के मुताबिक बीएस-VI में बीएस-IV के मुकाबले (bs4 and bs6 difference) 5 गुना कम सल्फर होगी. इन गाड़ियों का इस्तेमाल करके सड़कों पर चल रही पुरानी गाड़ियों से कम प्रदूषण फैलेगा. ये काफी क्लीन फ्यूल होता है. बीएस-6 गाड़ियों में भी एडवांस एमिशन कंट्रोल सिस्टम फिट होगा. हालांकि गाड़ियों के इंजन को भी इसके अनुसार ही होना चाहिए.

जानें कितना मंहगा होगी ये फ्यूल
2020 में जारी की गई डेडलाइन के मुताबिक ज्यादा साफ पेट्रोल-डीजल बनाने के लिए ऑयल रिफाइनरियों को 28000 करोड़ रुपए का निवेश करना होगा. हालांकि, फ्यूल कितना महंगा होगा ये उस वक्त क्रूड (कच्चा तेल) की कीमतों पर निर्भर करेगा. इसका आम आदमी पर सीधा असर ये होगा कि अब उन्हें किसी भी कंपनी का एंट्री मॉडल पहले की तुलना में महंगा मिलेगा.