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Operation Sindoor: विमान, ड्रोन, मिसाइल... इनसे भारत ने किया आतंकियों को नेस्तनाबूद

भारत ने पाकिस्तान और पीओके में 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया है. बताया जा रहा है कि भारतीय सेना ने इस स्ट्राइक में राफेल, स्कैल्प मिसाइल, हैमर मिसाइल, नागास्त्र-1, स्पाइस-2000, मिराज विमान और क्रिस्टल मैज मिसाइल का इस्तेमाल किया है.

Operation Sindoor Operation Sindoor

भारत ने पाक अधिकृत कश्मीर और पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की है. इसमें 100 से ज्यादा आतंकी मारे गए हैं. पिछले 10 सालों में पाकिस्तान में आतंकवाद के खिलाफ भारत की ये तीसरी स्ट्राइक है. इससे पहले भारत ने साल 2016 में सर्जिकल स्ट्राइक और साल 2019 में एयर स्ट्राइक की थी. इस बार एयर स्ट्राइक में भारत ने विमान, ड्रोन और मिसाइलों का इस्तेमाल किया है. चलिए आपको बताते हैं कि आतंदवाद की जड़ को कुचलने के लिए भारत ने किन-किन चीजों का इस्तेमाल किया.

राफेल का पहली बार इस्तेमाल-
बताया जा रहा है कि इस एयर स्ट्राइक में भारत ने राफेल का इस्तेमाल किया. ऐसा पहली बार है, जब भारत ने स्ट्राइक में राफेल का इस्तेमाल किया है. राफेल भारत के पास मौजूद सबसे अत्याधुनिक विमानों में से एक है. यह परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है. भारत ने फ्रांस से 36 राफेल फाइटर जेट खरीदे हैं.

स्कैल्प मिसाइल-
स्कैल्प मिसाइल टारगेट को फोटो मिलाकर भेदती है. इसका नाम स्टॉर्म शैडो भी है. यह हवा से लॉन्च की जाने वाली लॉन्ग रेंज क्रूज मिसाइल है. दुश्मन के राडार इसे ट्रैक नहीं कर पाते हैं. यह मिसाइल बंकर को भी उड़ा सकती है. यह मिसाइल कम ऊंचाई पर सबसोनिक रफ्तार से बढ़ती है. जब ये मिसाइल टारगेट के पास पहुंच जाती है तो ऊपर उठती है. इसके बाद अपलोड किए गए फोटो से टारगेट की पहचान करती है. इसके बाद टारगेट को तबाह कर देती है. इस मिसाइल को राफेल, मिराज से दागा जा सकता है. यह बैंकर और मजबूत ठिकानों को भी तबाह कर सकती है. इस तरह की मिसाइल पाकिस्तान के पास नहीं है. एक स्कैल्प मिसाइल की कीमत 8 करोड़ रुपए है. इसे साल 2003 में सेना में शामिल किया गया था.

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हैमर मिसाइल बॉम्ब-
हैमर मिसाइल की मारक क्षमता हवा से जमीन पर 70 किलोमीटर तक है. यह जीपीएस, लेजर गाइडेंस से लैस है. इस मिसाइल पर किसी भी जैमर का असर नहीं होता है. ये टारगेट पर सटीक निशाना लगाती है. एक राफेल में 6 हैमर मिसाइल ले जाया जा सकता है. यह मिसाइल अभेद माने जाने वाले बंकरों को भी भेद सकती है. यह 1000 किलोग्राम तक के बॉम्ब ले जा सकती है. इसे मिराज, तेजस, सुखोई और राफेल से दागा जा सकता है. एक बम की कीमत 84 लाख रुपए है.

नागास्त्र-1 का पहली बार इस्तेमाल
बताया जा रहा है कि नागास्त्र-1 का पहली बार इस्तेमाल किया गया है. यह एक तरह का लॉइटिंग म्यूनिशन है. इसे आत्मघाती ड्रोन भी कहते हैं. सेना ने पहली बार आतंकवाद के खिलाफ इसका इस्तेमाल किया है. यह हमले से पहले टारगेट को ऊपर से लॉक करते हैं. इसके बाद टकराते हैं. नागास्त्र-1 को 2 से 15 किलोमीटर, 15 से 50 किमी और 50 से 100 किमी की दूरी से कंट्रोल किया जा सकता है. सेना के पास 480 नागास्त्र-1 हैं. इसमें 75 फीसदी पुर्जे भारतीय हैं.

भारत का एयर डिफेंस सिस्टम-
भारत ने पाकिस्तान में एयर स्ट्राइक के समय एयर डिफेंस एक्टिवेट किया था. भारत ने एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम एक्टिव किया है. भारत ने इसको रूस से साल 2018 में 5 सिस्टम खरीदे थे. अब तक भारत को 3 डिफेंस सिस्टम की सप्लाई हो चुकी है. जबकि साल 2026 तक बाकी दो की भी आपूर्ति हो जाएगी. यह सिस्टम हर तरह का हमला नाकाम करने में सक्षम है. यह दुनिया का सबसे घातक और शक्तिशाली एयर डिफेंस सिस्टम है. इसकी रेंज 40 से 400 किलोमीटर तक है.

मिराज विमान-
मिराज विमान का इस्तेमाल बालाकोट स्ट्राइक में किया गया था. यह जीपीएस, लेजर गाइडेड बॉम्ब सिस्टम से लैस है. इस विमान से हैमर मिसाइल को भी दागा जा सकता है.

स्पाइस-2000
बताया जा रहा है कि भारत ने इस एयर स्ट्राइक में स्पाइस-2000 का इस्तेमाल भी किया है. यह जीपीएस, इलेक्ट्रो ऑप्टिकल से लैस है. यह इजरायल का बॉम्ब है. यह टारगेट तक जाने के लिए इंफ्रारेड या विजिबल लाइट सेंसर इस्तेमाल करती है.

क्रिस्टल मैज मिसाइल-
यह मिसाइल हवा से हमला करती है. ये मिसाइल अंतिम समय तक टारगेट कंट्रोल कर सकते हैं.

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