
भारत ने पाकिस्तान और पीओके में आतंकवाद के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर चलाया. इस ऑपरेशन में भारत को पूरी दुनिया का समर्थन मिला. लेकिन तुर्किए और अजरबैजान दो ऐसे देश हैं, जिन्होंने भारत का समर्थन नहीं किया. वो आतंक फैलाने वाले देश पाकिस्तान के समर्थन में खुलकर दिखाई दिए. 50 से ज्यादा मुस्लिम देशों में से भी किसी ने खुलकर पाकिस्तान का सपोर्ट नहीं किया. लेकिन तुर्किए और अजरबैजान आतंक के खिलाफ इस ऑपरेशन में पाकिस्तान का समर्थन किया. आखिर क्यों इन दोनों देशों ने भारत का समर्थन नहीं किया? चलिए आपको बताते हैं.
तुर्किए के पाक को समर्थन का कारण-
तुर्किए के राष्ट्रपति रेचेप तैयप एर्दोगन को मॉर्डन खलीफा बनने की धुन है. वो चाहते हैं कि तुर्किए एक बार फिर से इस्लामिक दुनिया का अगुवा बने. पाकिस्तान एर्दोगन के नैरेटिव का समर्थन करता है. इसकी वजह से तुर्किए के नेता कश्मीर मुद्दे को हवा देते हैं और पाकिस्तान का सपोर्ट करते हैं.
इतना ही नहीं, एर्दोगन के खिलाफ साल 2016-17 में तुर्किए में विद्रोह हुआ था. इस विद्रोह के लिए धार्मिक लीडर फेतुल्लाह गुलान के संगठन को जिम्मेदार बताया गया था. गुलान मूवमेंट भारत में भी एक्टिव है. एर्दोगन चाहते थे कि भारत में उसके दफ्तर और स्कूलों को बंद किया जाए. लेकिन भारत ने उनकी बात नहीं मानी. इसके बाद एर्दोगन हर जगह कश्मीर मुद्दे को उठाने लगे और अब ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान के समर्थन में खड़े रहे.
6 फरवरी 2023 को जब तुर्किए में भूकंप आया था तो भारत तुरंत मानवीय मदद भेजी थी. उसके बाद तुर्किए के राजदूत फिरात सुनेल ने कहा था कि दोस्त तुर्किए और हिंदी में एक कॉमन शब्द है.. हमारे यहां तुर्किए में एक कहावत है कि जो जरूरत के समय मदद करे, वही सच्चा दोस्त होता है. लेकिन उसके बाद भी तुर्किए ने पाकिस्तान का समर्थन किया है.
तुर्किए के कश्मीर पर स्टैंड के खिलाफ भारत ने साइप्रस का मुद्दा उठाता है. जिससे तुर्किए तिलमिला जाता है. साइप्रस तुर्की के दक्षिण में स्थित है. साइप्रस में ग्रीस और तुर्की के लोग बसे हुए हैं. इन दोनों के बीच काफी लंबे अरसे से नस्लीय विवाद चल रहा है. इस मुद्दे पर भारत शांतिपूर्ण हल निकालने की बात कहता है. इसलिए तुर्किए भारत का विरोध करता है.
पाकिस्तान के समर्थन में अजरबैजान क्यों?
ऑपरेशन सिंदूर के समय पाकिस्तान को तुर्किए के अलावा अजरबैजान का पूरा सपोर्ट मिला. दरअसल अजरबैजान का तुर्किए के साथ घनिष्ठ राजनयिक, आर्थिक, रक्षा और सांस्कृतिक संबंध है, जिसकी वजह से वो भारत का विरोध करता है. इसके साथ ही एक और वजह अजरबैजान का आर्मेनिया के साथ युद्ध है. साल 2020 से अजरबैजान और आर्मेनिया के बीच युद्ध हुआ था. उस युद्ध में पाकिस्तान ने अजरबैजान को खुलकर समर्थन दिया और सैन्य समर्थन देने की पेशकश की थी. इस युद्ध में भारत ने आर्मेनिया का समर्थन किया था. आर्मेनिया ने भारत से हथियार खरीदे थे. भारत ने आकाश मिसाइल सिस्टम और पिनाका रॉकेट लॉन्चर दिया था. भारत के इस कदम से अजरबैजान काफी नाराज हुआ था. इसलिए अजरबैजान पाकिस्तान का समर्थन करता है.
ये भी पढ़ें: