
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को 2047 तक स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों को पूरा करने के लिए 5 संकल्पों के साथ आगे बढ़ने का आह्वान किया. लाल किले की ऐतिहासिक प्राचीर से 9वीं बार राष्ट्र को संबोधित करते हुए, पीएम मोदी ने कहा, "भारत को 25 वर्षों में एक विकसित राष्ट्र होना चाहिए."
पीएम ने कहा, "मैं युवाओं से देश के विकास के लिए अपने जीवन के अगले 25 साल समर्पित करने का आग्रह करता हूं, हमें पूरी मानवता के विकास की दिशा में काम करना चाहिए." पीएम मोदी ने कहा कि भारत को आजादी के शताब्दी वर्ष में विकसित भारत के सपने को पूरा करने के लिए बड़े लक्ष्यों के साथ आगे बढ़ना होगा. उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में हमें 'पंच प्रण' लेना होगा जिसमें ये पांच मुख्य चीजें शामिल हैं.
1. विकसित भारत - उन्होंने कहा कि अब देश बड़े संकल्प लेकर चलेगा. छोटे-छोटे संकल्प का अब समय नहीं है. विकसित भारत में कुछ कम नहीं होना चाहिए. कब तक दुनिया हमें सर्टिफिकेट देती रहेगी. क्या हम अपने मानक नहीं बनाएंगे? एक विकसित भारत में स्वच्छता अभियान, ढाई करोड़ लोगों को बिजली कनेक्शन और वैक्सीन जैसी चीजें शामिल हैं जिसमें हम आगे बढ़ रहे हैं.
2. शत प्रतिशत गुलामी की सोच से आजादी - किसी भी कोने में गुलामी का एक भी अंश भी नहीं बचाना चाहिए. गुलामी के अंश से 100 फीसदी मुक्ति पानी है. राष्ट्रीय शिक्षा नीति गुलामी की उसी सोच से मुक्ति का रास्ता है. हमें देश की हर भाषा पर गर्व होना चाहिए.
3. विरासत पर गर्व - पीएम मोदी ने कहा कि हमें अपनी विरासत के प्रति गर्व होना चाहिए. इसी विरासत ने भारत को कभी स्वर्ण काल दिया था. जब हम अपनी धरती से जुड़ेंगे, तभी ऊंचा उड़ेंगे.
4. एकता और एकजुटता - देश में एकता और एकजुटता होनी चाहिए. 130 करोड़ देशवासियों प्रेम से रहें, न कोई अपना हो और न पराया. हमे हर किसी का सम्मान करना होगा.
5. नागरिकों का कर्तव्य - पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह देश तभी आगे बढ़ सकता है, जब हम अपने कर्तव्यों का पालन करें. नागरिक का कर्तव्य प्रगति का रास्ता स्थापित करता है. प्रधानमंत्री ने कहा कि यदि सरकार का कर्तव्य है कि वह हर समय बिजली की सप्लाई दे तो यह नागरिक का कर्तव्य है कि वह कम से कम यूनिट खर्च करे.
सपने बड़े तो मेहनत जरूरी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जब सपने बड़े हों तो मेहनत जरूरी है. इसे स्वतंत्र भारत का सपना देखने वाले स्वतंत्रता सेनानियों की प्रतिज्ञा और दृढ़ संकल्प से प्रेरित होने की जरूरत है.
पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया भारत को गर्व और आशा की नजर से देखती है. उनके लिए भारत एक समस्या-समाधानकर्ता का रूप है. उन्होंने कहा, "दुनिया भारत को एक ऐसे गंतव्य के रूप में देखती है जहां आकांक्षाएं पूरी होती हैं." प्रधानमंत्री ने कहा कि एक स्थिर सरकार के परिणामस्वरूप तेजी से निर्णय लेने में मदद मिली है जिसे दुनिया भर में देखा गया है. इससे पहले पीएम ने कहा कि भारत लोकतंत्र की जननी है और विविधता इसकी सबसे बड़ी ताकत है. भारत एक आकांक्षी समाज है और दुनिया हमें बड़ी उम्मीदों से देख रही है.
भाई-भतीजावाद पर निशाना
इस दौरान पीएम मोदी ने महात्मा गांधी, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, बाबासाहेब अम्बेडकर, वीर सावरकर, भगत सिंह, जवाहरलाल नेहरू सहित अन्य स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित की. उन्होंने कहा कि भारत में, जहां लोग गरीबी से लड़ रहे हैं, वहां हमें अपनी पूरी ताकत से भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने की जरूरत है. अगले 25 वर्षों में देश को जो हासिल करना चाहिए, उसमें भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद आ सकता है.