
 Prime Ministers' Museum got inaugurated  
 Prime Ministers' Museum got inaugurated  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज देश के 14 पूर्व प्रधानमंत्रियों को समर्पित एक नए संग्रहालय का उद्घाटन किया है. जिसका नाम "प्रधानमंत्री संग्रहालय" है. मोदी ने इस संग्रहालय का पहला टिकट खरीदा. पीएम मोदी इससे पहले विभिन्न शहरों में मेट्रो की सवारी करते हुए टिकट खरीद चुके हैं. जिनके लिए उन्होंने हमेशा डिजिटल पेमेंट किया है.
अधिकारियों के अनुसार, यह संग्रहालय पिछले सभी प्रधानमंत्रियों की कहानी बताता है कि कैसे उन्होंने विभिन्न चुनौतियों का सामना करते हुए देश को आगे बढ़ाया. उनकी यात्रा को प्रदर्शित करते हुए, यह संग्रहालय स्वतंत्रता संग्राम से शुरू होने वाले भारत के इतिहास की झलक भी प्रस्तुत करता है.
क्या है प्रधानमंत्री संग्रहालय का मकसद
बताया जा रहा है कि भारत के इस संग्रहालय का उद्देश्य देश के 14 पूर्व-प्रधानमंत्रियों के बारे में जागरूकता लाना है. यह संग्रहालय सभी प्रधानमंत्रियों के योगदान को लोगों के सामने लाएगा, चाहे उनकी विचारधारा या कार्यकाल कुछ भी हो. प्रधानमंत्री संग्रहालय पुराने और नए का एक मिश्रण है.

इसमें तत्कालीन नेहरू संग्रहालय भवन भी शामिल है.इसे पीएम संग्रहालय ब्लॉक-1 के रूप में नामित किया गया है। इस संग्रहालय में पं. जवाहरलाल नेहरू के जीवन और योगदान से संबंधित अब तक की सारी जानकारियां हैं. साथ ही, दुनिया भर से उन्हें मिले उपहारों को भी प्रदर्शित किया गया है.
217 करोड़ रुपये की लागत में हुआ तैयार
दिल्ली में तीन मूर्ति कॉम्प्लेक्स में स्थित ‘प्रधानमंत्री संग्रहालय’ लगभग 217 करोड़ रुपये की लागत में तैयार हुआ है. बता दें कि नेहरू स्मारक म्यूजियम और लाइब्रेरी परिसर का प्रधानमंत्री संग्रहालय के रूप में फिर से निर्माण किया गया है. यह 15,600 वर्ग मीटर में फैला है.
इसमें आप पूर्व प्रधानमंत्रियों की पुरानी तस्वीरें, वीडियो क्लिप, समाचार पत्र, इंटरव्यू, भाषण, जैसी चीजें भी देख सकते हैं. उनके महत्वपूर्ण पत्राचार, व्यक्तिगत वस्तुएं, उपहार, सम्मान, पदक, स्मारक टिकट, सिक्के आदि भी प्रदर्शित किए गए हैं. आपको यहां पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की फिएट कार भी देखने को मिलेगी. जिसे उन्होंने 1964 में पदभार ग्रहण करने के तुरंत बाद खरीदा था.

संग्रहालय की इमारत का डिजाइन उभरते हुए भारत की थीम से प्रेरित है. इसमें नई-नयी तकनीकों का इस्तेमाल किया गया है. पूर्व प्रधानमंत्रियों से जुड़ी यादों को होलोग्राम, ऑगमेंटेड रिएलिटी, चलती-फिरती मूर्तियो, इंटरैक्टिव कियोस्क आदि तकनीक के जरिए रोचक अंदाज में जानकारियों को पेश किया गया है.
सस्टेनेबल ऊर्जा का इस्तेमाल
संग्रहालय की इमारत में सस्टेनेबल तरीकों से ऊर्जा बचाने की तकनीक अपनाई गई है. अधिकारियों ने बताया कि किसी भी पेड़ को काटा या प्रत्यारोपित नहीं किया गया है. बिल्डिंग का लोगो चक्र धारण करने वाले भारत के लोगों के हाथों का प्रतिनिधित्व करता है, जो राष्ट्र और लोकतंत्र का प्रतीक है.
अधिकारियों ने कहा कि दूरदर्शन, फिल्म प्रभाग, संसद टीवी, रक्षा मंत्रालय, मीडिया संस्थान (भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय), विदेशी समाचार एजेंसियों और मंत्रालय के तोशाखाना (अधिकारियों द्वारा प्राप्त उपहारों का रिकॉर्ड) जैसे स्रोतों के माध्यम से प्रत्येक प्रधान मंत्री के बारे में जानकारी इकट्ठा की गई है. इनके बारे में जानकारी के लिए उनके परिवारों से भी संपर्क किया गया.
(Inputs from Himanshu Mishra)