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नई रेलवे लाइन, वंदे भारत से लेकर साबरमती आश्रम स्मारक प्रोजेक्ट तक, पीएम मोदी ने किया 85000 करोड़ से ज्यादा की परियोजनाओं का अनावरण

रेलवे के बुनियादी ढांचे और कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 85,000 करोड़ से ज्यादा की विभिन्न रेलवे परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया.

PM Modi to dedicate various railway projects PM Modi to dedicate various railway projects

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओडिशा में 85,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की विभिन्न रेलवे परियोजनाओं की आधारशिला रखी और कुछ परियोजनाएं देश को समर्पित की. ओडिशा के अलावा वह गुजरात सहित और कुछ जगहों पर भी कुछ महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स की नींव रखी तो कुछ का उद्घाटन किया. बात ओडिशा की करें तो प्रधानमंत्री ने ओडिशा में 274 रेलवे परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया. 

ये हैं ओडिशा के प्रोजेक्ट्स
ओडिशा की परियोजनाओं में 162 इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम, 41 वन स्टेशन वन प्रोडक्ट  (OSOP) स्टॉल, 50 सोलर पावर स्टेशन, पांच गुड्स शेड, नौ नई लाइन, डबलिंग और तीसरी लाइन परियोजनाएं, चार ऑटो सिग्नलिंग सिस्टम, एक गतिशक्ति टर्मिनल, एक जन औषधि केंद्र और एक रेल कोच रेस्तरां शामिल हैं. प्रधानमंत्री ने ओडिशा के लोगों के लिए तीसरी वंदे भारत एक्सप्रेस को भी हरी झंडी दिखाई. 

तीसरी वंदे भारत एक्सप्रेस विशाखापत्तनम और भुवनेश्वर के बीच चलेगी. यह ट्रेन शनिवार को छोड़कर सप्ताह में छह दिन चलेगी. अधिकारियों का कहना है कि 'वन स्टेशन वन प्रोडक्ट' योजना का उद्देश्य केंद्र सरकार के 'वोकल फॉर लोकल' दृष्टिकोण को बढ़ावा देना, स्थानीय/स्वदेशी उत्पादों के लिए बाजार प्रदान करना और समाज के हाशिए पर रहने वाले वर्गों के लिए अतिरिक्त आय के अवसर पैदा करना है. उन्होंने कहा, इस योजना का उद्देश्य देश भर के रेलवे स्टेशनों पर बिक्री आउटलेट के प्रावधान के माध्यम से स्थानीय कारीगरों, बुनकरों/हथकरघा बुनकरों, शिल्पकारों आदि को आजीविका के बेहतर अवसर प्रदान करना है.

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अहमदाबाद को बड़ी सौगात 
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कई रेलवे परियोजनाओं की आधारशिला रखने के लिए और समर्पित करने के लिए अहमदाबाद में डीएफसी के ऑपरेशन कंट्रोल सेंटर का दौरा किया. प्रधानमंत्री ने रेलवे वर्कशॉप्स, लोको शेड, पिट लाइनों/कोचिंग डिपो की आधारशिला रखी. पीएम मोदी ने अहमदाबाद-मुंबई सेंट्रल, सिकंदराबाद-विशाखापत्तनम, मैसूरु- डॉ एमजीआर सेंट्रल (चेन्नई), पटना-लखनऊ, न्यू जलपाईगुड़ी-पटना, पुरी-विशाखापत्तनम, लखनऊ-देहरादून, कलबुर्गी-सर एम विश्वेश्वरैया टर्मिनल बेंगलुरु, रांची-वाराणसी, खजुराहो-दिल्ली (निजामुद्दीन)के बीच दस नई वंदे भारत ट्रेनों को भी हरी झंडी दिखाई. 

इसके अलावा, चार वंदे भारत ट्रेनों का विस्तार किया जा रहा है. अहमदाबाद-जामनगर वंदे भारत को द्वारका तक बढ़ाया जा रहा है, अजमेर- दिल्ली सराय रोहिल्ला वंदे भारत को चंडीगढ़ तक बढ़ाया जा रहा है, गोरखपुर-लखनऊ वंदे भारत को प्रयागराज तक बढ़ाया जा रहा है और तिरुवनंतपुरम- कासरगोड वंदे भारत को मंगलुरु तक बढ़ाया जा रहा है. प्रधान मंत्री मोदी ने विभिन्न स्थानों - न्यू खुर्जा जंक्शन, साहनेवाल, न्यू रेवाड़ी, न्यू किशनगढ़, न्यू घोलवड और न्यू मकरपुरा से डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर पर मालगाड़ियों को भी हरी झंडी दिखाई. वह रेलवे स्टेशनों पर 50 प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्र राष्ट्र को समर्पित किया.

साबरमती आश्रम स्मारक परियोजना का शिलान्यास 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के अहमदाबाद दौरे के दौरान "आश्रम भूमि वंदना" की और साबरमती आश्रम स्मारक परियोजना के मास्टरप्लान का अनावरण भी किया. 1,200 करोड़ रुपये के बजट के साथ योजनाबद्ध इस परियोजना का लक्ष्य वर्तमान और भविष्य की पीढ़ियों के लिए महात्मा गांधी की शिक्षाओं और दर्शन को पुनर्जीवित करना है. इस मास्टरप्लान के तहत, आश्रम के मौजूदा पांच एकड़ क्षेत्र, जिसकी स्थापना महात्मा गांधी ने 1917 में अहमदाबाद में साबरमती नदी के तट पर की थी, को 55 एकड़ तक विस्तारित किया जाएगा और 36 मौजूदा इमारतों का जीर्णोद्धार किया जाएगा और यहां पर इन सबकी झलक मिलेगी- 

1. गांधीजी का जीवन
• भारत और विदेश में किया हुआ काम
• आंदोलन/यात्राएं
• दिनचर्या और महत्वपूर्ण घटनाएं
• बच्चों और युवाओं के साथ जुड़ाव

2. आश्रम की कहानी
• 1930 से पहले आश्रम के प्रमुख सहयोगी और आगंतुक
• प्रमुख आश्रमवासी (1917-1951)
• महिला नेताओं की गैलरी
• चरखा एवं खादी उत्पादन

3. गांधीजी की विरासत
• सम्मान और पांडुलिपियां
• गांधीजी द्वारा स्थापित संस्थान की जानकारी
• गांधी सर्किट
• डाक विभाग के साथ आदान-प्रदान
• जर्नल और मुख्य-पाठ

नई इमारतों का उपयोग निम्नलिखित आवास के लिए किया जाएगा-
4. प्रशासनिक सुविधाएं
• कार्यालय
• मीटिंग रूम
• अतिथि सुविधाएं
• प्रशिक्षण केंद्र

5. आगंतुक सुविधाए
•अभिविन्यास एवं व्याख्या केंद्र
• कागज बनाने, चमड़ा बनाने, गांधीवादी इतिहास, व्याख्यान, सेमिनार आदि के लिए इंटरैक्टिव कार्यशालाएँ।
• अनुभव केंद्र
• यादगार वस्तुओं की दुकानें
• कैफेटेरिया

6. यूटिलिटी
• शौचालय सुविधाएं
• पीने के पानी की सुविधा
• सुरक्षा कक्ष
• पार्किंग