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आधुनिक हाई टेक तकनीक से तैयार हुआ प्रधानमंत्री संग्रहालय, इतिहास को डिजिटल और मॉर्डन टेक्नोलॉजी के जरिए करेगा पेश!

इस संग्राहलय की सबसे खास बात ये है कि इसमें जिस भी तकनीक और सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया गया है वह पूरी तरह से आत्मनिर्भर भारत की तर्ज पर बनाए गए हैं. इस संग्रहालय में होलोग्राम इसको आकर्षक स्वरूप देते हैं.

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हाइलाइट्स
  • प्रधानमंत्री के साथ खिंचवा सकते हैं सेल्फी

  • प्रधानमंत्रियों से जुड़ी जानकारी करेगा शेयर

बाबासाहेब अंबेडकर की जयंती के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री संग्रहालय का उद्घाटन किया था. यह संग्रहालय भारत के 75 साल के अभूतपूर्व इतिहास को दर्शाता है. इसके साथ ही भारत के पूर्व प्रधानमंत्रियों से जुड़ी सभी जानकारियां भी यहां पर साझा की गई हैं. इस संग्रहालय में ऐतिहासिक पृष्ठभूमि को आधुनिक तकनीक और लेटेस्ट सॉफ्टवेयर्स के जरिए दर्शाया गया है.

प्रधानमंत्रियों से जुड़ी जानकारी करेगा शेयर
यहां महत्वपूर्ण बात यह कि दो से छह घंटे की इस यात्रा में दर्शकों को कहीं भी बोरियत का अहसास नहीं होगा, बल्कि यह नए-नए रोमांच के साथ आपको जानकारियां देती रहेगी. इस संग्राहलय की सबसे खास बात ये है कि इसमें जिस भी तकनीक और सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया गया है वह पूरी तरह से आत्मनिर्भर भारत की तर्ज पर बनाए गए हैं. इस संग्रहालय में होलोग्राम, वर्चुअल रियलिटी, ऑगमेंटेड रियलिटी, इंटरेक्टिव कियोस्क, मल्टी-टच, मल्टीमीडिया, कम्प्यूटरीकृत काइनेटिक मूर्तियां, स्मार्टफोन एप्लिकेशन, इंटरेक्टिव स्क्रीन जैसे प्रेजेंटेशन इक्विपमेंट्स संग्रहालय को बहुत ही कम्यूनिकेटिव और आकर्षक स्वरूप देते हैं.

संग्रहालय के लिए जानकारियों को प्रसार भारती, दूरदर्शन, फिल्म प्रभाग, संसद टीवी, रक्षा मंत्रालय, भारतीय और विदेशी मीडिया संगठनों जैसे संस्थानों के संसाधनों से इकट्ठा किया गया है. इस संग्रहालय में पूर्व पीएम से जुड़ी निजी वस्तुएं, उपहार और यादगार वस्तुएं जैसे सम्मान पत्रों, सम्मान उपहार, पदक, स्मारक टिकट, सिक्के को दर्शाया गया है. इस पूरे संग्रहालय को tagbin नाम की कंपनी ने डिजाइन किया है. टाइटन के सीईओ सौरभ भैक्क ने हमसे बातचीत करते हुए बताया कि संग्रहालय को कैसे डिजाइन किया गया है.

क्या-क्या आएगा नजर?
संग्रहालय की नई बिल्डिंग में एंट्री लेते ही आपको नेशनल एंबलम नजर आएगा. यह नेशनल एंबलम 360 डिग्री अपनी सतह से ऊपर उठकर घूमता है. इसमें मैग्नेटिक लैविटेशन तकनीक का इस्तेमाल किया गया है. यानी कि जब दो विपरीत मैग्नेट्स को साथ में रखते हैं तो मैग्नेटिक लैविटेशन की तकनीक का इस्तेमाल होता है. इसी तकनीक पर जापान में बुलेट ट्रेन भी दौड़ती हैं. संग्रहालय में थोड़ा आगे बढ़ने पर भारत के 15 प्रधानमंत्रियों के बारे में जानकारी दी गई है. खास बात यह है कि इन प्रधानमंत्रियों के माथे के ऊपर ही तिरंगा लहराता है. लेकिन यह तिरंगा काइनेटिक फ्लाइट है जिसे 1200 लाइट्स का इस्तेमाल करते हुए बनाया गया है. इसका मेकैनिज्म कुछ इस तरह से है कि सभी लाइट की कंट्रोलिंग अलग-अलग होती है लेकिन फिर भी सब एक साथ चलते हैं.

प्रधानमंत्री के साथ खिंचवा सकते हैं सेल्फी
सौरभ बताते है कि अनेकता में एकता के संदेश को दर्शाने के लिए वर्चुअल चेन बनाई जा रही है. स्टेच्यू ऑफ यूनिटी के तर्ज पर चैन ऑफ यूनिटी बनाई जा रही है. इसमें 10 लाख लोगों को जोड़कर सबसे लंबी वर्चुअल चेन बनाए जाने के रिकॉर्ड की तैयारी है. इस एग्जिबिशन में वर्चुअल रियालिटी की तकनीक का इस्तेमाल करते हुए चेन बनाई जा रही है. बच्चों और युवाओं को लुभाने के लिए विशेष अनुभूति जोन बनाया गया है, जिसमें सेल्फी आगमेंटेड रियल्टी (एयू) के जरिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व लाल बहादुर शास्त्री समेत अन्य किसी भी पीएम के साथ फोटो ली जा सकती है. इसी तरह से वर्चुअल रियालिटी तकनीक का इस्तेमाल करते हुए यहां पर सेल्फी विद प्राइम मिनिस्टर और ए वॉक विद प्राइम मिनिस्टर के एग्जिबिशन को भी तैयार किया गया है. सेल्फी विद प्राइम मिनिस्टर में आप अपने पसंदीदा प्राइम मिनिस्टर के साथ तस्वीर खिंचवा सकते हैं. Tagbin के सीईओ सौरभ भैक बताते हैं कि इसे भी वर्चुअल रियालिटी के जरिए सच किया गया है और इसी तरह से वॉक विद प्राइम मिनिस्टर को भी बनाया गया है.

पसंदीदा पीएम आपको करेंगे संबोधित
आगे की तरफ बढ़ेंगे तो आपको अपने पसंदीदा प्राइम मिनिस्टर का संदेश उनके हस्ताक्षर के साथ मिलेगा जिसमें वे सबसे ऊपर आपके नाम को संबोधित करेंगे. इसमें रोबोटिक तकनीक का इस्तेमाल किया गया है. यानी कि आपके पसंद के प्रधानमंत्री आपको संदेश देंगे और आपका नाम और उनके हस्ताक्षर ऑटोमेटिक तरीके से एक रोबोटिक तकनीक के जरिए आ जाएंगे. वर्ष 1998 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने पोखरण में परमाणु परीक्षण किया था. उसकी वास्तविक अनुभूति कराने के लिए कंट्रोल रूम बनाया गया है, जिसमें वर्चुअल विष्फोट होने के साथ धरती हिलने लगती है.

फ्यूचर भी देख सकेंगे
इसी तरह टाइम जोन में पिछले घटनाक्रमों तथा हेलीकॉप्टर पर भविष्य के भारत का वास्तविक जैसा अनुभव कराया गया है. हेलीकॉप्टर राइड के जरिए आप देख पाएंगे कि आज के 25 साल बाद यानी कि साल 2047 का भारत कैसा होगा. इसमें भारत के तमाम फ्यूचर प्रोजेक्ट के बारे में जानकारी दी गई लेकिन खास बात यह है कि आपको 7D का एहसास कराते हुए यह सफर करवाया जाएगा. जब आप हेलीकॉप्टर में बैठेंगे तब आपको मोटर मेकैनिज्म के जरिए एहसास होगा कि आप भी सड़क पर गाड़ी चला रहे हैं या फिर टनल के भीतर जा रहे हैं या फिर पहाड़ियों के बीच से गुजर रहे हैं.

सौरभ भैक्क ने बताया कि पूरे संग्रहालय में सभी दीर्घाओं में 300 से अधिक एग्जीबिट लगे हुए हैं, जिसमें वर्टिकल स्क्रीन, रोटोस्कोप तकनीक, टच स्कीन, लेयर्ड इंर्फोमेशन, इंटीग्रेटेड इंर्फोमेशन, स्लाइड विद टेक्स्ट, सेल्फी आगमेंटेड रियल्टी (एयू), वर्चुअल रियल्टी, इमर्सिव रियल्टी जैसी अन्य तकनीक है। जो दर्शकों को शानदार अनुभव के साथ जानकारियां और उस समय के घटनाक्रमों का लाइव आभास दे रहे हैं.

कितना होगा टिकट का मूल्य
टिकट के लिए ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों विकल्प हैं. 12 वर्ष से अधिक उम्र के दर्शकों के लिए ऑनलाइन टिकट का मूल्य 100 रुपये है. संग्रहालय के साथ लाइट एंड साउंड शो देखने के लिए 150 रुपये शुल्क लगेगा. संग्रहालय के साथ ताराघर और लाइट एंड साउंड शो देखने के लिए 200 रुपये देना होगा. केवल लाइट एंड साउंड शो के लिए 75 रुपये देने होंगे. पांच से 12 साल के बच्चों के टिकट पर 50 प्रतिशत की छूट मिलेगी. ऑफलाइन टिकट का मूल्य ऑनलाइन से 10 रुपये अधिक है.
 

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