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पुलिस ने रास-गरबा को लेकर जारी किया आदेश, रात 12 के बाद नहीं बजेगा माइक और स्पीकर

नवरात्रि के दौरान रात 12 बजे के बाद माइक सिस्टम, लाउडस्पीकर, पब्लिक एड्रेस सिस्टम के इस्तेमाल पर प्रतिबंध, इस्तेमाल करने पर कानूनी कार्रवाही का आदेश दिया गया है.

22 सितंबर से नवरात्रि की शुरुआत हो रही है. नवरात्रि के दौरान मां शक्ति की पूजा आराधना के साथ गुजरात में रास-गरबा का आयोजन क्लबों, पार्टी प्लॉट और कई सोसायटियों में बड़े पैमाने पर किया जाता है. जिसे लेकर अहमदाबाद पुलिस कमिश्नर की तरफ से सर्कुलर जारी करके कहा गया है कि रात 12 बजे के बाद रास-गरबा कार्यक्रम स्थलों पर लाउडस्पीकर या माइक का इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा.

रात 12 के बाद माइक और लाउस्पीकर पर ताला मारो
अहमदाबाद शहर के पुलिस कमिश्नर जी.एस. मलिक द्वारा सर्कुलर के माध्यम से सभी रास-गरबा आयोजकों समेत खेलैयाओं को स्पष्ट कर दिया गया है की नवरात्रि के 9 दिन और दशहरा समेत कुल 10 दिन के लिए यानी 22 सितंबर से 2 अक्टूबर तक रात 10:00 से 12:00 बजे तक ही रास-गरबा या नवरात्रि सेलिब्रेशन के दौरान माइक सिस्टम, लाउडस्पीकर, पब्लिक एड्रेस सिस्टम का इस्तेमाल किया जा सकेगा. रात 12:00 बजे के बाद माइक सिस्टम, लाउडस्पीकर, पब्लिक एड्रेस सिस्टम के इस्तेमाल पर प्रतिबंध रहेगा.

हो सकती है कानूनी कार्रवाई भी
सभी रास-गरबा आयोजकों को इस बात का ध्यान रखना होगा कि अगर रात 10 से 12 के दौरान माइक सिस्टम, लाउडस्पीकर, पब्लिक एड्रेस सिस्टम का इस्तेमाल हो रहा हो तो अस्पताल, शैक्षणिक संस्था, अदालतों से 100 मीटर की दूरी अनिवार्य होगी. रात 12 बजे के बाद माइक सिस्टम; लाउडस्पीकर, पब्लिक एड्रेस सिस्टम चालू रखने पर बीएनएस की धारा 223 तथा गुजरात पुलिस अधिनियम 1951 की धारा 131, 134, 135, 136 के तहत कानूनी कार्यवाही की जाएगी. जिसके लिए उनआर्म्ड हेड कांस्टेबल और उनसे उपरी दर्जे के सभी अधिकारियों को अधिकृत किया गया है.

ध्वनि प्रदूषण का रखें ख्याल
बता दें की, इससे पहले कल अहमदाबाद जिला कलेक्टर द्वारा नवरात्रि के मद्देनजर जारी एक सर्कुलर में कहा गया है कि, 22 सितंबर से 2 अक्टूबर तक रास-गरबा के आयोजन के दौरान माइक और लाउड स्पीकर का इस्तेमाल रात 12:00 तक ही किया जा सकेगा. रात 12:00 के बाद लाउडस्पीकर के अलावा अन्य संगीत वाद्ययंत्रों का इस्तेमाल किया जा सकेगा, लेकिन उनसे ध्वनि प्रदूषण नहीं फैलना चाहिए. ध्वनि प्रदूषण होने का पाए जाने पर नियमों के मुताबिक कानूनी कार्यवाही की जाएगी.

नहीं दोहराया जाएगा पिछले साल जैसा हाल
बता दें की पिछले साल नवरात्रि के दौरान रास-गरबा का आयोजन रात 12 बजे के बाद भी जारी रहता था. गरबा आयोजकों द्वारा रात 12 बजे के बाद ध्वनि प्रदूषण ना फैले इसका ध्यान रखा जाता था. ढोल-शहनाई के माध्यम से 12 बजे के बाद देर रात तक खेलैया अलग अलग गरबा आयोजित स्थलों पर गरबा खेलकर नवरात्रि सेलिब्रेट करते थे.