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Representative Image हिजाब, हलाल या अजान को लेकर भले ही इस देश में हिंदू-मुस्लिम को बांटने का प्रयास किया जाता हो, लेकिन कई स्थान अभी भी इससे कोसों दूर हैं. संगम नगरी में दशकों से एक मुस्लिम दर्जी रामलीला में भाग लेने वाले कलाकारों के कपड़े बनाता आ रहा है. इस बार वो हनुमान जी के लिए साफा बना रहा है. जरी की कढ़ाई की बना ये 'साफा' 16 अप्रैल को हनुमान जयंती के मौके पर श्रद्धेय बड़ा हनुमान मंदिर के पीठासीन देवता को पहनाया जाएगा.
खुदको बताया खुशकिस्मत
खुल्दाबाद निवासी मोहम्मद सरताज खान 11 सालों से रामलीलाओं में सक्रिय रूप से भाग लेकर और रामलीला के विभिन्न कलाकरों के लिए कपड़े सिलकर वो सांप्रदायिक सद्भाव का संदेश फैला रहे हैं. हिंदू-मुस्लिम एकता को दर्शाने के लिए यह उनका सराहनीय प्रयास है. सरताज ने कहा, "मैं अपने आपको खुशकिस्मत समझता हूं कि मुझे भगवान हनुमान के लिए साफा बनाने का मौका मिला. जरी की कढ़ाई वाला यह साफा 70 इंच चौड़ा होगा, जिसका फैब्रिक खासतौर पर जापान सिल्क से बनवाया गया है."
देश के अभी भी कुछ ऐसे हिस्से हैं जो नफरत फैलाने वाली इन सब बातों से काफी दूर हैं. इससे पहले हमने आपको गया के राशिद रमजान की कहानी बताई थी जो रोजा रखकर रमजान के पाक महीने में रामनवमी के लिए झंडे बनाने का काम कर रहे हैं.
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