
देशभर में 11 मई को मदर्स डे मनाया गया. सेलिब्रेटीज से लेकर आम से आम लोगों ने अपनी मांओं को इस दिन की खास बधाई दी और उन्हें स्पेशल फील कराया. लेकिन आज हम आपको बता रहे हैं उत्तरप्रदेश के प्रयागराज में एक ऐसी मां के बारे में जो कई सालो से बेजुबानों को नई जिंदगी दे रही है. इनके घर में एक नहीं दो नहीं बल्कि 50 से अधिक जानवर है. ये जानवर कभी सड़कों पर जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे थे, और अब इन बेजुबानों का सहारा प्रयागराज की रहने वाली वंशिका गुप्ता दे रही है.
वंशिका सड़कों पर बीमार हालत में पड़े सभी जानवरों को अपने घर पर लाकर इलाज करती हैं. वंशिका के घर में कुत्ता, बिल्ली, बंदर, खरगोश, गाय का बछड़ा आदि हैं और वंशिका इन्हें मां बनकर नया जीवन दे रही हैं. वंशिका का कहना है कि मैं इनकी मां की तरह देखभाल करती हूं. ये सब सभी मुझे ही अपनी मां समझते हैं और किसी को कोई तकलीफ भी होती है तो वह अपनी भाषा में बोलते हैं, जिसको वह समझ लेती हूं.
जानवरों के लिए बनाए शेल्टर
वंशिका गुप्ता ने अपने घर के पांच कमरों को इन जानवरों के लिए शेल्टर बना दिया है. उन्होंने प्रयागराज के धूमनगंज इलाके में शेल्टर भी बनाया है. यहां पर वह सड़कों पर बीमारी से जूझ रहे या घायल हुए जानवरों को लाकर रखती हैं. उन्होंने जानवरों की मदद के लिए एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी कर रखा है. एक फोन कॉल के बुलावे पर वंशिका पहुंचकर बेजुबान को इलाज मुहैया करवाती हैं.
माता-पिता भी देने लगे हैं साथ
वंशिका गुप्ता महज 28 साल की हैं और पिछले 10 सालों से यह काम कर रही हैं. शुरुआती दौर में उनके माता-पिता इस काम से नाराज होते थे, लेकिन फिर देखते-देखते वे भी इस काम में हाथ बंटाने लगे. वंशिका गुप्ता कानून की पढ़ाई कर रही हैं. आपको बता दे वंशिका के पिता जिला अस्पताल में होम्योपैथी डॉक्टर हुआ करते थे, अब रिटायरमेंट होने के बाद वह घर पर ही रहते हैं. वंशिका की मां एक हाउसवाइफ है और अब अपनी बेटी का उसके काम में साथ देती है.
(आनंदराज की रिपोर्ट)