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आदर्श ग्राम बना हरियाणा का सुई गांव, जानें आखिर क्या है इस गांव में खास

हरियाणा के भिवानी जिले का सुई गांव अब एक टूरिज्म हब बन गया है. गांव में छोटे-बड़े आठ पार्क हैं. इसके अलावा गांव के तीन तालाबों को नए सिरे से बनाया गया है. गांव की लगभग सभी गलियों को सीमेंट के ब्लॉकों से पक्का किया गया है.

हाइलाइट्स
  • हरियाणा के भिवानी जिले का सुई गांव बना टूरिज्म हब.

  • इस गांव को स्व-प्रेरित आदर्श ग्राम योजना के तहत भिवानी जिले में एक मॉडल गांव के रूप में विकसित किया गया है.

राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद आज हरियाणा के सुई गांव (Sui Village) पहुंचे. इस गांव को स्व-प्रेरित आदर्श ग्राम योजना के तहत भिवानी जिले में एक मॉडल गांव के रूप में विकसित किया गया है. सुई गांव को महादेवी परमेश्वरदास जिंदल चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा 'आदर्श ग्राम' के रूप में विकसित किया गया है. इस अवसर पर राष्ट्रपति ने विश्वास जताया कि गांव में विकसित स्कूल, पुस्तकालय, पेयजल सुविधाओं और दूसरी सुविधाओं का सदुपयोग कर गांव में रहने वाले बच्चे और युवा शिक्षा, स्वास्थ्य और खेल के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल करेंगे.

भिवानी के सुई गांव में पहल करते हुए उद्योगपति कृष्ण जिंदल ने गांव में तालाब, स्कूल, सभागार, पार्क, पुस्तकालय समेत कई विकास कार्य करवाए हैं. राज्य सरकार ने कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) के माध्यम से कई बड़ी कंपनियों और उद्योगपतियों को गांवों, शहरों और राज्य के किसी भी हिस्से में विकास करने के लिए प्रेरित किया है. इसी के चलते हरियाणा में एक सीएसआर ट्रस्ट भी बनाया गया है. 

राज्य सरकार ने शुरू की आदर्श गांव योजना

इस मौके पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर राज्य सरकार ने आदर्श गांव बनाने की योजना शुरू की है. इस कड़ी में स्व-प्रेरित आदर्श ग्राम योजना भी बनाई गई, जिसके तहत गांवों का विकास भी हो रहा है. उन्होंने बताया कि कृष्ण जिंदल की तरह विदेश में रहने वाले हरियाणा के 205 लोगों ने अपने पैतृक गांवों में विकास कार्य कराने की इच्छा जताई है.

क्यों खास है सुई गांव?

हरियाणा के भिवानी जिले का सुई गांव अब एक टूरिज्म हब बन गया है. सुई गांव के विकास में गांव के ही निवासी कृष्ण जिंदल ने अब तक लगभग 50 करोड़ रुपये खर्च किए हैं.  2014 में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की मौजूदगी में कृष्ण जिंदल ने सुई गांव को गोद लिया उसके और गांव के विकास के लिए एक समिति का भी गठन किया जिसके बाद इस गांव का हुलिया ही बदल गया. 

गांव में छोटे-बड़े आठ पार्क हैं. इसके अलावा गांव के तीन तालाबों को नए सिरे से बनाया गया है. गांव की लगभग सभी गलियों को सीमेंट के ब्लॉकों से पक्का किया गया है. गांव में कॉलेज बनाने और पीने के पानी के लिए बड़े स्तर का आरओ लगाने की प्रक्रिया भी चल रही है. इतना ही नहीं इस गांव के सरकारी स्कूल में साइंस लैब, कंप्यूटर लैब और 500 बच्चों के एक साथ पढ़ने के लिए बड़ी लाइब्रेरी है. 

100 करोड़ की लागत से गांव में बनेगा अस्पताल

इसके अलावा गांव में सीएचसी सेंटर और पशु चिकित्सालय, शहीद पार्क,आठ एकड़ में बना हर्बल पार्क है. यहां 500 लोगों के बैठने की क्षमता का इनडोर ऑडिटोरियम, आउटडोर और इनडोर खेल स्टेडियम के अलावा छह एकड़ में एक झील भी बनी हुई है. 100 करोड़ रुपये की लागत से गांव में एक बड़ा अस्पताल बनाने की योजना है. यहां आने वाले टूरिस्टों के लिए बोटिंग की सुविधा, रेस्ट रूम, झूले लगे हुए हैं जो इस गांव को और भी खूबसूरत बनाते हैं. 

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