
बिहार की धार्मिक नगरी गया में राज्य सरकार की ओर से कैदियों पर नया प्रयोग किया जा रहा है. ये प्रयोग उन खूंखार कैदियों पर किया जा रहा है, जो इन दिनों गया जेल में सजा काट रहे हैं. जेल प्रशासन कैदियों में सकारात्मक विचारों के प्रवाह के लिए उन्हें भगवान बुद्ध की संगति देने के साथ. जिम और लाइब्रेरी की सुविधा दे रहा है. गया जेल बिहार का पहला ऐसा सेंट्रल जेल बन गया है, जहां कैदियों में सकारात्मक परिवर्तन लाने का विशेष प्रयास किया जा रहा है. ये संभव हो पा रहा है जेल अधीक्षक और जेल के प्रयासों से.
जेल की दीवारों को अहिंसा के नारों से सजा दिया गया है. दीवारें बुद्ध की बातें बोलने लगी हैं. कैदियों को जेल में चारों तरफ बुद्ध ही बुद्ध दिखाई दे रहे हैं. अहिंसा परमो धर्म:! इसका विश्व को संदेश देने वाले तथागत भगवान बुद्ध के उपदेश को जेल की दीवारों पर उकेर दिया गया है
बुद्ध की शरण में जा रहे हैं कैदी
दीवारों को भगवान बुद्ध के संदेशों से जुड़ी पेंटिंग की जा रही है. बुद्ध और डाकू अंगुलिमाल के चित्र उकेरे जा रहे हैं. कैदी भगवान बुद्ध की शरण में अपना दिन गुजार रहे हैं. कैदियों में लगातार हो रहे परिवर्तन, उनकी स्वास्थ्य को लेकर बढ़ी चिंता और लाइब्रेरी के प्रति बढ़े आकर्षण के बारे में जेल उपाधीक्षक रामानुज कहते हैं कि, "यहां भगवान बुद्ध के उपदेशों के साथ वॉल पेंटिंग कराया जा रहा है. इसमें भगवान बुद्ध और अंगुलिमाल के चित्रों के साथ प्रसंग और उपदेश लिखे गए हैं."
सकारात्मक सोच के साथ बाहर निकलेंगे कैदी
कोशिश ये है कि गया सेंट्रल जेल में रहने वाले बंदी यहां से जब बाहर निकलें तो वे सकारात्मक सोच के साथ जाएं. जेल उपाधीक्षक ने कहा कि भगवान बुद्ध के उपदेश बंदियों के लिए सकारात्मक पक्ष का कारगर पहलू साबित हो रहे हैं. गया जेल और वहां कैदियों को अलग पहचान देने में जिम और लाइब्रेरी का भी बड़ा योगदान है. कैदी अखबार पढ़ते हैं, किताबों की संगत में दिन गुजारते हैं. कैदी आधुनिक उपकरणों से सजे जिम में अपना शारीरिक व्यायाम करते हैं. वहीं पुस्तकालय में बैठकर अपनी मनपसंद किताबें पढ़ते हैं.
कैदियों को मिल रहा महापुरुषों का ज्ञान
कैदियों को लेकर महाबोधि सोसायटी ऑफ इंडिया के भिक्षु इंचार्ज राहुल भंते कहते हैं कि जेल के वार्डों का नाम भी अनोखा रखा गया है. जिससे बंदियों पर इसका अच्छा प्रभाव पड़े. वार्डों के नाम वीर कुंवर सिंह, लाल बहादुर शास्त्री के नाम पर रखा गया है. इन वार्डों में रहने वाले कैदियों को इन महापुरुषों के बारे में बताया जाता है. कैदियों को एक अंतराल के बाद वार्डों से दूसरे वार्ड में शिफ्ट किया जाता है, ताकि उनका अनुभव हमेशा सकारात्मक रहे. उन्हें जेल में वॉलीबॉल व अन्य खेलों के खेलने की भी सुविधा दी गई है. इसके अलावे स्विमिंग पूल भी बनाया गया है. जेल को हरियाली से भरने की भी कोशिश हो रही है और इसके लिए पेड़ पौधे भी लगातार लगाए जा रहे हैं.