
पंजाब में मोगा जिले के बाघापुराना कस्बे के लंगेआना नवां गांव के एक एनआरआई ने अपने अनोखे शौक को हकीकत में बदल दिया और तीन मंज़िला मकान की छत पर 18 फीट ऊंची स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी स्थापित किया है. 55 साल के गुरमीत सिंह साल 2006 में अपने परिवार सहित अमेरिका चले गए थे. लेकिन उनका दिल आज भी अपने गांव में बसता है.
मोगा का स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी-
गुरमीत सिंह अब अमेरिका में ट्रैक की व्यवसाय से जुड़े हैं. हालांकि वे वर्षों से विदेश में रह रहे हैं. अमेरिका में सफलता हासिल करने के बाद उनके मन में विचार आया कि अमेरिका की प्रसिद्ध स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी को अपने पैतृक गांव में भी स्थान मिलना चाहिए. इसी सोच के तहत उन्होंने अपने तीन मंज़िला घर की छत पर 18 फीट ऊंची स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी लगवाई, जो मोगा जिले में अपनी तरह की पहली मिसाल है. यह स्टैच्यू न केवल उनके अमेरिकी जीवन की झलक है, बल्कि उनके गांव के प्रति प्रेम और गर्व का प्रतीक भी है.
जाने-माने समाजसेवी हैं गुरमीत सिंह-
गुरमीत सिंह एक जाने-माने समाजसेवी भी हैं. गांव में यदि किसी को कोई मदद चाहिए होती है, तो वह सबसे पहले आगे आते हैं. हालांकि उनका नया मकान अभी पूरी तरह से तैयार नहीं हुआ है, लेकिन इस अनोखी स्टैच्यू को देखने के लिए दूर-दूर से लोग गांव आने लगे हैं. फिलहाल गुरमीत सिंह अमेरिका में ही हैं और उनके घर की देखभाल उनके रिश्तेदार करते हैं. वे हर साल एक बार अपने गांव जरूर आते हैं, ताकि परिवार सहित गांव की मिट्टी से उनका जुड़ाव बना रहे.
दोस्त ने बनाया स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी-
स्टैच्यू बनाने वाले मूर्तिकार मनजीत सिंह गिल ने बताया कि गुरमीत सिंह उनके अच्छे दोस्त हैं. कुछ महीने पहले गुरमीत सिंह ने उन्हें फोन करके बताया कि वह अपने गांव में नए मकान की छत पर 18 फीट ऊंची स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी लगवाना चाहते हैं. मनजीत सिंह ने बताया कि गुरमीत सिंह की इस इच्छा को उन्होंने दिल से स्वीकार किया और लगभग दो महीने में यह स्टैच्यू तैयार कर दी. स्टैच्यू को बनाने में ऐसे कई मटेरियल का इस्तेमाल किया गया, जो तेज हवा, बारिश और धूप से उसे खराब न होने दें.
उन्होंने कहा कि यह स्टेच्यू उन्होंने दिल से बनाई, ताकि गुरमीत सिंह का सपना पूरा हो सके और उनके घर को दूर-दूर से लोग देखने आएं. उन्होंने बताया गुरमीत सिंह ने खर्चे के बारे में नहीं पूछा. उन्होंने साफ कहा कि हमें बस यह स्टैच्यू बनाकर दो. गुरमीत सिंह ने अमेरिका जाकर ट्रक व्यवसाय शुरू करके अपना नाम कमाया और उसी प्रेरणा से उन्होंने अपने गांव में अमेरिका की प्रसिद्ध स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी लगवाने का फैसला किया.
हर किसी की मदद करते हैं गुरमीत-
गांव के सरपंच और गुरमीत सिंह के रिश्तेदार ने बताया कि गुरमीत सिंह एक नेकदिल का इंसान हैं. वे भले ही अब विदेश में बस चुके हैं, लेकिन अपने गांव को कभी नहीं भूले. यह हमारे गांव के लिए गर्व की बात है कि उन्होंने अपने तीन मंज़िला मकान की छत पर 18 फीट ऊँची स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी स्थापित की है. यह स्टैच्यू न केवल गांव का गौरव बढ़ा रही है, बल्कि मोगा जिले में ऐसी अनोखी स्टैच्यू और कहीं नहीं है. इसे देखने के लिए दूर-दराज से लोग आ रहे हैं और सोशल मीडिया पर इसकी तस्वीरें और रील्स बनाकर शेयर कर रहे हैं. गुरमीत सिंह और उनके पूरे परिवार का लोगों की मदद करने का इतिहास रहा है. गांव में जरूरतमंदों की मदद करना उनकी प्राथमिकता रही है. विदेश में रहकर भी उन्होंने अपनी मिट्टी से रिश्ता नहीं तोड़ा. उन्होंने जहां विदेश में मेहनत करके नाम और पैसा कमाया, वहीं बहा के एक प्रसिद्ध निशानी स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी – अपने गांव में स्थापित कर दी.
(तनमय समांता की रिपोर्ट)
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