
पंजाब में बाढ़ से काफी नुकसान हुआ है. बाढ़ पीड़ितों के पुनर्वास के प्रयासों को तेज करने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने मिशन चढ़दीकला की शुरुआत की है. पंजाब सीएम भगवंत मान ने आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और पूरे संगठन के साथ गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बैठक की. बाढ़ प्रभावित लोगों के पुनर्वास के लिए सरकार की ओर से शुरू किए गए मिशन चढ़दीकला पर विचार-विमर्श किया गया.
पंजाब को फिर से पटरी पर लाने के लिए बढ़-चढ़कर दें योगदान
सीएम भगवंत मान और अरविंद केजरीवाल ने सभी से इस कठिन घड़ी में पंजाब के साथ खड़े होने और खुले दिल से अधिक से अधिक पंजाब की मदद करने की अपील की. NRI भाइयों से भी आग्रह किया कि वे भी अपने मायके घर पंजाब को फिर से पटरी पर लाने के लिए बढ़-चढ़कर योगदान दें. सीएम मान ने कहा कि आपके द्वारा दिया गया एक-एक रुपया पूरी ईमानदारी से बाढ़ पीड़ितों के पुनर्वास के लिए खर्च किया जाएगा. आइए, मिलकर पंजाब को फिर से रंगला पंजाब बनाएं.
कठिन समय में भी हौसला रखना है बुलंद
सीएम मान ने कहा कि इतिहास गवाह है कि जब भी पंजाब ने किसी संकट का सामना किया है, पंजाबियों ने कभी संकट के सामने झुके नहीं, बल्कि हमेशा चट्टान की तरह हिम्मत से खड़े रहे हैं. अब समय आ गया है राहत और पुनर्वास से आगे बढ़ने का, क्योंकि हमारे किसान को फिर से खेती करनी है, बच्चों को फिर से स्कूल जाना है और बाढ़ पीड़ित परिवारों ने फिर से अपने घर बसाने हैं. भगवंत सिंह मान ने कहा कि इन चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए मिशन चढ़दीकला की शुरुआत की गई है.
चढ़दीकला का भाव कठिन से कठिन समय में भी हौसला बुलंद रखना, हर दुख में भी मजबूत रहना और हर अंधेरे में भी उम्मीद की रोशनी जलाए रखना है. मान ने कहा कि वे हर पंजाबी, भारत के हर नागरिक, हमारे उद्योगपतियों, कलाकारों, चैरिटेबल ट्रस्टों और दुनिया भर में रहने वाले अपने पंजाबी भाइयों-बहनों से दिल से अपील करते हैं कि आज पंजाब को आपकी जरूरत है. उन्होंने कहा कि आइए, एकजुट होकर इस कठिन घड़ी में पंजाब का हाथ थामें और खुले दिल से मदद करें. मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील की कि www.rangla.punjab.gov.in के माध्यम से बाढ़ पीड़ितों के लिए योगदान दिया जा सकता है.
बाढ़ से 20 लाख लोग हुए हैं प्रभावित
सीएम मान ने कहा कि हाल की बाढ़ 1988 के बाद की सबसे बड़ी त्रासदी साबित हुई है. उन्होंने बताया कि लगभग 2,300 गांव पानी में डूब गए, 7 लाख लोग बेघर हो गए और करीब 20 लाख लोग प्रभावित हुए. बाढ़ के कारण 3,200 स्कूलों को नुकसान, 56 लोगों की मौत, लगभग 8,500 किलोमीटर सड़कों और 2,500 पुलों का नुकसान हुआ है. इसके अलावा 1,400 क्लीनिक, कई सरकारी इमारतें और 19 कॉलेज भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुए.