

पंजाब धीरे-धीरे बाढ़ से उबर रहा है. पंजाब में बाढ़ से काफी नुकसान हुआ है. राज्य को वापस पटरी पर लाने के लिए मान सरकार एक्शन में है. मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शनिवार को बाढ़ प्रभावित इलाकों के लिए बड़ा ऐलान किया है. मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज घोषणा की है कि राज्य के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 100 करोड़ रुपए की लागत से पुनर्वास और सफाई अभियान बड़े पैमाने पर शुरू किया जाएगा.
पत्रकारों से बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री मान ने कहा कि कई क्षेत्रों में अब बाढ़ का पानी कम हो रहा है लेकिन गांवों और कस्बों में कीचड़ और गंदगी बहुत फैली हुई है. जन-जीवन सामान्य होने की ओर बढ़ रहा है इसलिए इन क्षेत्रों की सफाई का काम बहुत जरूरी है. इसके लिए राज्य सरकार 2300 प्रभावित गांवों और वार्डों में बड़े पैमाने पर सफाई अभियान शुरू करने जा रही है. सीएम भगवंत सिंह मान ने कहा कि हर गांव के लिए सरकार ने टीमें गठित की हैं जिनके पास जेसीबी मशीनें, ट्रैक्टर-ट्रॉलियां और श्रमिकों की व्यवस्था होगी. ये टीमें कीचड़-मलबा हटाएंगी और प्रत्येक गांव की पूरी सफाई सुनिश्चित करेंगी.
मुख्यमंत्री ने आशंका जताई कि बाढ़ के दौरान कई जानवरों की मृत्यु हो गई है इसलिए ये टीमें इन पशुओं का उचित निपटारा करेंगी. इसके बाद प्रत्येक गांव में सफाई और फॉगिंग की जाएगी ताकि बीमारियों के फैलाव को रोका जा सके. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने इस पूरे अभियान के लिए 100 करोड़ रुपए का फंड रखा है, जिसमें से प्रत्येक प्रभावित गांव को शुरुआती फंड के रूप में एक लाख रुपए जारी किए जा रहे हैं. भगवंत सिंह मान ने कहा कि इस फंड से अन्य जरूरतें भी पूरी की जाएंगी और सफाई का पूरा खर्च राज्य सरकार उठाएगी
इस अभियान के लिए समय-सीमा तय करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि 24 सितंबर तक सभी गांवों को साफ करके कीचड़ और मलबे से मुक्त कर दिया जाएगा. 15 अक्टूबर तक सार्वजनिक स्थानों पर मरम्मत का काम पूरा कर लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि 22 अक्टूबर तक तालाबों की सफाई का काम पूरा कर लिया जाएगा. इसके लिए सरकार ने पहले ही सभी जरूरी व्यवस्थाएं कर ली हैं. जिस तरह सभी ने एकजुट होकर इस प्राकृतिक आपदा के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी. उसी तरह इस नेक कार्य में भी गैर-सरकारी संगठनों, युवा क्लबों और अन्य संगठनों से सहयोग की अपील सीएम भगवंत सिंह मान ने की है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित करना बहुत महत्वपूर्ण है कि बाढ़ के बाद कोई बीमारी न फैले और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं वाले किसी भी व्यक्ति को तुरंत चिकित्सा सहायता मिले. इस उद्देश्य के लिए उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सभी 2,303 बाढ़ प्रभावित गांवों में मेडिकल कैंप लगाएगी. उन्होंने कहा कि 596 गांवों में, जहां आम आदमी क्लीनिक पहले से मौजूद हैं, वहां मेडिकल कैंप, स्वास्थ्य सुविधाएं और दवाइयां उपलब्ध होंगी. भगवंत सिंह मान ने कहा कि बाकी 1,707 गांवों में ये मेडिकल कैंप स्कूलों, धर्मशालाओं, आंगनवाड़ी केंद्रों या पंचायत भवनों जैसी साझा जगहों पर लगाए जाएंगे.
मुख्यमंत्री मान ने कहा कि प्रत्येक कैंप में डॉक्टर, मेडिकल स्टाफ और चिकित्सा सुविधाएं मौजूद होंगी. राज्य सरकार ने इस विशेष अभियान के लिए 550 एम्बुलेंस की व्यवस्था की है ताकि प्रभावित गांवों के लोगों को चिकित्सा सेवा प्राप्त करने में कोई देरी या परेशानी न हो. सीएम भगवंत सिंह मान ने कहा कि अब तक की रिपोर्टों के अनुसार, 713 गांवों के लगभग 2.50 लाख पशु बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. उनमें बीमारियों के फैलाव को रोकने के लिए सरकार ने विशेष अभियान शुरू किया है ताकि पशुपालकों की सहायता की जा सके.
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी गांवों में पशु चिकित्सकों की टीमें तैनात की गई हैं और पशुओं वाली जगहों की सफाई और कीटाणु-मुक्त करने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है. इन जगहों से मलबा और खराब चारा हटाया जाएगा. किसानों को चारा और पानी कीटाणु-मुक्त करने के लिए पोटाशियम परमैंगनेट प्रदान किया जाएगा. उन्होंने कहा कि बीमारियों के फैलाव को रोकने के लिए सभी प्रभावित जानवरों का टीकाकरण 30 सितंबर तक पूरा कर लिया जाएगा.
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा कि संकट के इस समय में किसानों के लिए भले ही कोई भी मदद अभी नाकाफी हो. फिर भी सरकार अपनी पूरी ताकत लगाने के लिए दृढ़ है. उन्होंने कहा कि पंजाब में धान की खरीद शुरू होने जा रही है और मंडियों में 16 सितंबर से खरीद शुरू करने के लिए व्यवस्थाएं पहले ही की जा चुकी हैं. भगवंत सिंह मान ने कहा कि बाढ़ की मार झेलने वाली मंडियों की बड़े पैमाने पर सफाई और मरम्मत की जा रही है और 19 सितंबर तक ये बाढ़ प्रभावित मंडियां भी खरीद के लिए तैयार हो जाएंगी.
मुख्यमंत्री ने दोहराया कि राज्य सरकार बाढ़ प्रभावित लोगों की सहायता के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. उन्होंने उम्मीद जताई कि पंजाब इस आपदा से एकजुट होकर मजबूती के साथ उभरेगा. मुख्यमंत्री ने पंजाब को फिर से ‘रंगला पंजाब’ बनाने के प्रयासों में जुट जाने की घोषणा की. भाजपा पर तंज कसते हुए भगवंत सिंह मान ने कहा कि भाजपा का पंजाब विरोधी चेहरा बेनकाब हो गया है क्योंकि उन्होंने मुश्किल समय में राज्य की मदद नहीं की. इसलिए अब वे बेकार की बातों से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब के लोग भाजपा से स्पष्ट रूप से सवाल पूछ रहे हैं कि केंद्र सरकार ने राज्य को कब और कितना पैसा दिया है.
मुख्यमंत्री मान ने कहा कि इस सवाल का जवाब दूध का दूध और पानी का पानी कर देगा लेकिन भाजपा नेता इससे बच रहे हैं क्योंकि इससे उनका असली चेहरा नंगा हो जाएगा. उन्होंने भाजपा नेताओं को सलाह दी कि वे मुश्किल समय में पंजाब के साथ घटिया राजनीति न खेलें क्योंकि पंजाबी ऐसी बातों को कभी नहीं भूलते. भगवंत सिंह मान ने कहा कि जहां तक केंद्र से आए फंडों और कितना खर्च किया गया है. उन्होंने विवरण देते हुए कहा कि राज्य आपदा राहत कोष (एसडीआरएफ) साल 2010 में बनाया गया था. उस साल से लेकर अब तक इस कोष में 5012 करोड़ रुपए का फंड आया है जिसमें से इन सालों के दौरान प्राकृतिक आपदाओं के मौके पर राहत कार्यों के लिए 3820 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं.