
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान अस्पताल से लौटने के बाद एक्शन में दिखाई दिए. शुक्रवार को सीएम भगवंत मान ने कैबिनेट मीटिंग ली. इस बैठक में मान सरकार ने कई बड़े फैसले लिए. मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा कि पंजाब सरकार 45 दिनों के भीतर राज्य के सभी बाढ़ पीड़ितों को मुआवजा देगी. सीएम भगवंत मान ने शुक्रवार को बैठक कर बाढ़ राहत कार्यों की समीक्षा की.
मुख्यमंत्री ने वर्चुअल रूप से बैठक में शामिल हुए सभी डिप्टी कमिश्नरों से पिछले चार दशकों में पहली बार आए भीषण बाढ़ के बाद जमीनी हकीकत के बारे में भी जानकारी ली. उन्होंने किसानों की सुविधा के लिए 16 सितंबर तक अपने-अपने जिलों की मंडियों को साफ करने के निर्देश भी दिए. बैठक के दौरान कैबिनेट मंत्री हरदीप सिंह मुंडियां, मुख्य सचिव के.ए.पी सिन्हा व अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग वर्मा भी उपस्थित रहे
सरकारी आवास पर उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री मान ने कहा कि कुछ दिन पहले उन्होंने घोषणा की थी कि उनकी सरकार किसानों को फसलों के नुकसान के लिए 20,000 रुपए प्रति एकड़ मुआवजा देगी जो देश में सबसे अधिक है. उन्होंने कहा कि वास्तव में यह पंजाब के इतिहास में सबसे अधिक मुआवजा है. भगवंत सिंह मान ने कहा कि पिछली सरकारों के समय मुआवजा लेने में कई साल लग जाते थे. फसलों के नुकसान से पहले ही दुखी लोगों को मुआवजे के लिए सरकारी दफ्तरों में भटकना पड़ता था.
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने जोर देकर कहा कि पीड़ित लोगों को जल्द से जल्द मुआवजा देना सबसे जरूरी है. उन्होंने कहा, एक किसान का बेटा होने के नाते मैं किसानों की परेशानियों को अच्छी तरह समझता हूं. जब तक हर किसान को फसल नुकसान का मुआवजा नहीं मिल जाता, मैं चैन से नहीं सोऊंगा. बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए बनाई गई योजना पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आदेश दिया कि फसलों के नुकसान का आकलन करने के लिए विशेष गिरदावरी कल 13 सितंबर से शुरू की जाए. पूरी प्रक्रिया 45 दिनों के भीतर पूरी कर ली जाएगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके तुरंत बाद किसानों को उनके मुआवजे के चेक मिलना शुरू हो जाएंगे.
इस दौरान सीएम मान ने यह भी कहा कि जिन जिलों में बाढ़ का प्रभाव नहीं पड़ा है, वहां के अधिकारी प्रभावित क्षेत्रों और गांवों में तैनात किए जाएंगे ताकि आकलन का काम जल्द पूरा हो सके. उन्होंने कहा कि अधिकारी गांव-गांव जाकर सभी खेतों का निरीक्षण करेंगे और अपनी रिपोर्ट तैयार करेंगे. मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि फसल कोई भी हो यदि नुकसान हुआ तो मुआवजा जरूर दिया जाएगा. भगवंत सिंह मान ने कहा कि रिपोर्ट तैयार होने के बाद किसानों को आपत्ति दर्ज करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया जाएगा ताकि रिपोर्ट में किसी भी गलती को सुधारा जा सके.
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि यह पूरी प्रक्रिया 45 दिनों के भीतर पूरी कर ली जाएगी और इसके बाद किसानों को मुआवजे के चेक वितरित किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि जिन गांवों में फसल 100 प्रतिशत नष्ट हो गई है, वहां यह प्रक्रिया केवल एक महीने में पूरी कर ली जाएगी और तुरंत बाद चेक सौंपने शुरू कर दिए जाएंगे. भगवंत सिंह मान ने कहा कि पिछली सरकारों के समय मुआवजा वितरण में पूरा साल लग जाता था लेकिन अब यह काम एक महीने या डेढ़ महीने में पूरा हो जाएगा क्योंकि एक ईमानदार सरकार लोगों की सेवा कर रही है.
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि जिन घरों को नुकसान पहुंचा है, उन्हें भी सरकार की ओर से मुआवजा दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि जिन लोगों का पूरा घर ढह गया है. उन्हें 1.20 लाख रुपए मिलेंगे और जिन्हें कम नुकसान हुआ है, उन्हें 40 हजार रुपए दिए जाएंगे. सीएम मान ने कहा कि पहले की सरकारें घरों के कम नुकसान के लिए केवल 6,800 रुपए मुआवजा देती थीं लेकिन अब इसे बढ़ाकर 40 हजार रुपए कर दिया गया है.
मीटिंग में मुख्यमंत् भगवंत मान ने कहा कि जिन लोगों के पशु बाढ़ में बह गए या मर गए, उन्हें भी मुआवजा दिया जाएगा. एक उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि यदि किसी की गाय या भैंस की मृत्यु हो गई है तो सरकार 37,500 रुपए देगी. यदि बकरी की मृत्यु हुई है तो 4 हजार रुपए दिए जाएंगे. अन्य सभी पशुओं को भी नियमों के अनुसार मुआवजा दिया जाएगा जिसमें बैल, घोड़े, मुर्गियां, मछली पालन और अन्य जीव शामिल हैं. सीएम भगवंत सिंह मान ने आदेश दिया कि घरों या पशुओं के नुकसान का मुआवजा 15 सितंबर से शुरू होना चाहिए. हर हाल में यह काम 45 दिनों के भीतर पूरा होना चाहिए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारियों को गांव-गांव जाकर नुकसान का जायजा लेना चाहिए और अपनी रिपोर्ट तैयार करनी चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि यदि किसी व्यक्ति को रिपोर्ट पर आपत्ति है तो उनके पास इसे ठीक कराने के लिए एक सप्ताह का समय होगा. उन्होंने कहा कि पूरी प्रक्रिया 45 दिनों के भीतर पूरी हो जाएगी, और लोगों को उनके मुआवजे के चेक मिलना शुरू हो जाएंगे. सीएम भगवंत सिंह मान ने कहा कि इस पूरी प्रक्रिया की वह व्यक्तिगत रूप से रोजाना निगरानी करेंगे. यदि कोई अधिकारी गलत करता है या समय सीमा के अनुसार काम नहीं करता तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने यह भी कहा कि राज्य सरकार घरों के नुकसान की भरपाई के लिए नियमों में ढील देने का मुद्दा तुरंत भारत सरकार के समक्ष उठाएगी. उन्होंने अधिकारियों को हर गांव में मेडिकल कैंप लगाने और फॉगिंग कराने के लिए भी कहा. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पंजाब को बड़ी प्राकृतिक आपदा वाला राज्य घोषित करने का मुद्दा भारत सरकार के समक्ष उठाएगी ताकि नुकसान की भरपाई के लिए अतिरिक्त फंड प्राप्त हो सकें. उन्होंने बताया कि बिजली आपूर्ति बहाल कर दी गई है और सड़कों व अन्य बुनियादी ढांचे की मरम्मत का काम चल रहा है. भगवंत सिंह मान ने अधिकारियों को बाढ़ पीड़ितों और किसानों को राहत देने के लिए मिशनरी भावना के साथ काम करने के निर्देश दिए हैं.