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Punjab New Anti-Drone System: आतंकवाद पर लगाम कसने के लिए पंजाब में एंटी-ड्रोन सिस्टम तैनात... कितना ज़रूरी, क्यों है खास, जानिए सब कुछ

पंजाब सरकार ने लगभग 51 करोड़ रुपये की लागत से ये एंटी-ड्रोन सिस्टम खरीदे हैं. पंजाब में शनिवार को तीन एंटी-ड्रोन सिस्टम तैनात किये गए. केजरीवाल ने कहा कि जल्द ही बाकी छह एंटी-ड्रोन सिस्टम भी तैनात किए जाएंगे.

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पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष अरविंद केजरीवाल ने राज्य में ड्रग्स पर लगाम कसने के लिए शनिवार को एंटी-ड्रोन गन लॉन्च की. इस एंटी-ड्रोन सिस्टम के जरिए पंजाब पुलिस सरहद पार से ड्रोन के जरिए आने वाले हथियारों और ड्रग्स पर लगाम लगाने की कोशिश करेगी. सीएम मान ने लॉन्च पर कहा कि पंजाब पुलिस बीएसएफ के साथ मिलकर काम करेगी.

क्यों जरूरी है एंटी-ड्रोन सिस्टम?
पाकिस्तान के साथ हमारी 532 किलोमीटर लंबी सीमा है. पाकिस्तान से लगी अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर एंटी-ड्रोन तकनीक तैनात करने का उद्देश्य ड्रोन के ज़रिए हथियारों और नशीले पदार्थों की तस्करी की कोशिशों को नाकाम करना है. नए सिस्टम के ज़रिए पंजाब पुलिस और ज़्यादा ताकत के साथ ड्रग्स और गोला-बारूद लाने वाले ड्रोनों के ख़िलाफ़ काम कर सकेगी. 

यह एंटी ड्रोन सिस्टम फाज़िल्का से लेकर पठानकोट तक सीमावर्ती ज़िलों में ड्रोनों को बेअसर कर देगा. अधिकारियों का कहना है कि पाकिस्तान ने हाल के महीनों में अपनी रणनीति बदली है. पाकिस्तानी आतंकवादियों ने कम पेलोड वाले छोटे चीनी ड्रोनों का इस्तेमाल शुरू कर दिया है. भारतीय सुरक्षा बलों की नज़रों से बचने के लिए ये छोटे ड्रोन थोड़ा-थोड़ा करके हथियार और ड्रग्स भारत में पहुंचा रहे हैं.

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पंजाब सरकार ने गृह मंत्रालय के परामर्श से इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ईसीआईएल) से नौ एंटी-ड्रोन सिस्टम खरीदे हैं. ईसीआईएल एक सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम है जो ऐसी तकनीक विकसित और आपूर्ति करता है. ये सिस्टम सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के साथ समन्वय में नार्को-आतंकवाद गतिविधियों की निगरानी और उनका मुकाबला करने के लिए छह सीमावर्ती जिलों में तैनात की जाएंगी. 

नया सिस्टम खास क्यों?
पंजाब सरकार ने लगभग 51 करोड़ रुपये की लागत से ये एंटी-ड्रोन सिस्टम खरीदे हैं. पंजाब में शनिवार को तीन एंटी-ड्रोन सिस्टम तैनात किये गए. केजरीवाल ने कहा कि जल्द ही बाकी छह एंटी-ड्रोन सिस्टम भी तैनात किए जाएंगे. पंजाब में बीएसएफ और सेना पहले से ही एंटी-ड्रोन सिस्टम का इस्तेमाल कर रही हैं, लेकिन इन नए यूनिट्स से विशाल सीमा पर निगरानी को मज़बूत करने की उम्मीद है. 

ये सिस्टम समय-समय पर स्थानांतरित किये जाएंगे ताकि उनकी स्थिति का पता न चल सके और सीमा पार से आने वाले ड्रोन्स का बेहतर पता लगाया जा सके. सीएम मान का कहना है कि आने वाले समय में सरकार सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा को और मज़बूत करेगी. यह एंटी ड्रोन सिस्टम नशे के खिलाफ लड़ाई में एक बड़ा कदम है.