
देश में सोलर ट्रेन की कल्पना को फिलहाल रेलवे ने ब्रेक लगा दिया है. रेलवे समय-समय पर नए-नए तरीके से खुद में बदलाव करके यात्रियों को बेहतर सुविधा देना का प्रयास कर रहा है. ऐसे में रेलवे के इस ही प्रयास में सोलर ट्रेन यानी सौर ऊर्जा से चलने वाली ट्रेन को रेलवे ने भविष्य की ट्रेन के तौर पर लोगों के सामने रखा था. बता दें कि रोजाना दिल्ली के सराय रोहिल्ला स्टेशन से हरियाणा के फारुख नगर स्टेशन के बीच सोलर ट्रेन को शुरू किया गया था. इस ट्रेन के आठ डिब्बों पर 16 सोलर पैनल लगाए गए हैं. दुनिया में ऐसा पहली बार हुआ था जब सोलर पैनलों का इस्तेमाल रेलवे में ग्रिड के रूप में किया गया था.
सर्दियों में नहीं काम करता है सिस्टम
ऐसे में अब रेलवे ने फिलहाल भविष्य में नई सोलर ट्रेन की प्लानिंग पर रोक लगा दी है. रेल मंत्री ने सदन में इस बारे में पूछा गए एक सवाल के जवाब कहा कि फिलहाल रेलवे के बेड़े में सोलर ट्रेन शामिल करने का कोई प्रस्ताव नहीं है. सौर प्रणाली दिन के समय काम करती है और लगभग 4 से 5 घंटे का बैटरी बैकअप उत्पन्न करती है. धुंध/बारिश और सर्दी के मौसम में सिस्टम ठीक से काम नहीं करता है और मौसम की स्थिति के आधार पर बैटरी बैकअप 2 से 3 घंटे तक कम हो जाता है. इसलिए, सिस्टम को आगे नहीं बढ़ाया गया है.
वैकल्पिक ऊर्जा पर काम कर रहा है रेलवे
रेलवे पिछले कुछ समय से वैकल्पिक ऊर्जा पर लगातार काम कर रहा है, ग्रीन एनर्जी को कैसे रेलवे के प्रारूप में जोड़ा जाए उसको लेकर लगातार काम चल रहा है. सौर पैनल और रेलवे स्टेशन पर सौर ऊर्जा के प्रयोग में पिछले कुछ समय से लगातार तेजी आई है, पर सौर ऊर्जा से चलने वाली ट्रेन का भविष्य अभी अधर में जाता दिख रहा है.