Rajasthan dalit bride reaches home on helicopter
Rajasthan dalit bride reaches home on helicopter
समाज चाहें कितना भी आगे बढ़ जाए लेकिन समय से चली आ रही सामाजिक कुरीतियां इतनी जल्दी खत्म नहीं होंगी. देश को आजाद हुए 74 वर्ष बीत चुके हैं फिर भी राजस्थान के कई इलाकों में सामाजिक ताना-बाना और भेदभाव देखने को मिलता है. उच्च वर्ग के लोग दलित समुदाय के लोगों को बराबरी का दर्जा नहीं देना चाहते हैं. आज भी अगर वहां कोई दूल्हा घोड़े पर सवारी करके आता है तो उच्च समाज के लोग उस पर हमला करते हैं. मगर इन सबके बीच कुछ लोग ऐसे भी हैं जो इन सबसे ऊपर उठ चुके है.
बाड़मेर जिले के एक दलित परिवार ने पहली बार अपनी बहू को घर लाने के लिए एक प्राइवेट हेलीकॉप्टर किराए पर लिया. इस कहानी में एक और ट्विस्ट तब आया जब ससुराल वालों की तरफ से बुक हेलीकॉप्टर को लाने के लिए उसके मालिक ने आखिरी समय में मना कर दिया.
बहू को हेलीकॉप्टर से घर लाना चाहती थी सास
हालांकि लड़के की मां का मन था कि वो अपनी बहू को पहली बार घर हेलीकॉप्टर पर ही लेकर आएं. दरअसल दूल्हे डॉ तरुण मेघवाल के पिता ने नोएडा की एक कंपनी से हेलीकॉप्टर बुक किया था. लेकिन उस कंपनी ने मना कर दिया. उसके बाद पिता ने उदयपुर की हेलीकॉप्टर निजी कंपनी से बात की और एक लाख रुपये ज्यादा देकर डील फाइनल कर ली. इसके बाद दूल्हा अपनी दुल्हन को हेलिकॉप्टर में बैठाकर घर पहुंचा.
वहीं दुल्हन धिया काफी खुश हैं. धिया ने बताया, ''मेरी सास की इच्छा थी कि जब मैं शादी करके आऊं तो हेलीकॉप्टर में बैठकर आऊं. और आज उनकी इच्छा पूरी हो गई.''
लोगों ने की तारीफ
तरुण मेघवाल की शादी मंगलवार रात बाड़मेर जिले की सीमा के पास बिधानियों की ढाणी में धिया से हुई. बुधवार को नवविवाहित जोड़ा हेलीकॉप्टर से बाड़मेर शहर के जसेधर धाम पहुंचा. जैसे ही हेलीकॉप्टर जसेधर पहुंचा, तो वहां मौजूद भीड़ नियंत्रण से बाहर हो गई ताकि हेलीकॉप्टर लैंड न कर सके. बाद में जब भीड़ को पुलिस ने नियंत्रित किया तो हेलीकॉप्टर नीचे उतरा. एक सेवानिवृत्त शिक्षक तगाराम ने बताया कि बाड़मेर जिले में यह समुदाय बहुत पिछड़ा है लेकिन दुल्हन को लाने के लिए जिस तरह से हेलीकॉप्टर भेजा गया वह वाकई काबिले तारीफ है.