Rajasthan Mountain Man
Rajasthan Mountain Man अपनी पत्नी के लिए पहाड़ काटकर रास्ता बनाने वाले दशरथ मांझी की कहनी से आज हर कोई वाकिफ है और इस पर तो एक फिल्म भी बन चुकी है.लेकिन राजस्थान के बूंदी जिले के संन्यासी बाबा बजरंग दास के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं, जिन्होंने ये कारनामा काफी पहले कर दिया था. बजरंग दास ने गांववालों को परेशानी में देख पहाड़ को काट कर तीन सौ मीटर का रास्ता बना दिया. उनके इस कारनामे की वजह से आस-पास के दो दर्जन गांवों के लिए 40 किलोमीटर का रास्ता कम हो गया. बाबा द्वारा बनाई गई इस 300 मीटर संपर्क सड़क के कारण 30 किलोमीटर की दूरी केवल 3 किलोमीटर की रह गई है.
जयपुर से करीब 210 किलोमीटर दूर बूंदी के गंडोली गांव में अरावली पर्वत श्रंखला का एक पहाड़ है. इस पहाड़ की वजह से गांववालों को दूसरी ओर जाने के लिए 40 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता था. पहाड़ चढ़कर जाने वाले लोगों को हमेशा अपनी और मवेशियों की जान की चिंता बनी रहती थी. यह सब देखकर बाबा ने पहाड़ काटकर रास्ता बनाने की ठानी.
रंग लाई 15 साल की मेहनत
गांववालों के अनुसार बाबा ने 1980 में एक हादसे के दौरान अपना घोड़ा खो दिया. इस दुर्घटना ने उन्हें अंदर तक झकझोर दिया और उन्होंने रास्ता काटना शुरू कर दिया. बाबा को देखकर उनके सहयोगी भी उनकी मदद के लिए आगे आए. बाबा और उनके सहयोगी पहले आग जलाकर चट्टान को गर्म करते और फिर उसे तोड़ते. करीब 15 साल की मेहनत के बाद बाबा और उनके सहयोगी पहाड़ काटकर बीस फुट चौड़ा और तीन सौ मीटर लंबा रास्ता बनाने में कामयाब हो गए.
आने-जाने वाले लोगों को मिली बड़ी राहत
पहाड़ी के बीच यह रास्ता बन जाने से तलवास, पीपल्या, जैतपुर, गेंडोली, करवर, झालीजी का बराना, नोताणा, मोडसा, माणी, बालापुर, जरखोदा, ब्राह्मण गांव, केथूदा सहित पहाड़ की दोनों तरफ की 34 पंचायतों के साथ नैनवां-केपाटन तहसील के लोगों को राहत मिल रही है. जयपुर-कोटा, बारां-झांसी तक रास्ता शॉर्टकट हो चुका है. 2018 में गुरु पूर्णिमा से 14 पंचायतों के लोग इस रास्ते पर सीसी रोड बना रहे हैं. नैनवां तहसील की 14 और केपाटन पंचायत समिति की 20 पंचायतों के लोगों को सुविधा हो मिलेगी.