
इन दिनों राजस्थान में सियासी तापमान चरम पर है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कांग्रेस अध्यक्ष बनने की संभावनाओं के बीच लगभग यह तय हो चुका है कि जल्द उनका ठिकाना दिल्ली होगा. इधर, राजस्थान में मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर जल्द ही बड़ा फैसला हो सकता है. विधायक दल की बैठक में नए नेता का चुनाव किया जा सकता है.
बता दें कि गहलोत के बाद मुख्यमंत्री कुर्सी के सचिन पायलट सबसे बड़े दावेदार माने जा रहे हैं. कांग्रेस आलाकमान खासकर राहुल और प्रियंका गांधी पायलट के पक्ष में बताए जा रहे हैं. हालांकि, गहलोत इसके लिए अभी तक तैयार नहीं हैं. कहा तो यहां तक जा रहा है कि अंदरखाने क्या चल रहा है, ये कहना मुश्किल होगा. लेकिन गहलोत अचानक अपने दांव से चौंका सकते हैं. अगर गहलोत गुट की बात करें तो राजस्थान के सियासी संग्राम में गहलोत के लिए प्रताप सिंह खाचरियावास मोर्चा संभाल हुए नजर आ रहे हैं.
कौन हैं प्रताप सिंह खाचरियावास?
खबर है कि कांग्रेस विधायकों के धारीवाल के घर पर बैठक के बाद इस्तीफे देने के लिए स्पीकर सीपी जोशी के घर लेने जाने वालों में खाचरियावास थे. प्रताप सिंह खाचरियावास गहलोत के करीबी नेताओं में गिने जाते हैं. राजपूत समुदाय से आने वाले खाचरियावास का जन्म 16 मई 1971 को जोधपुर में हुआ था. उनके पिता का नाम लक्ष्मण सिंह शेखावत है. खाचरियावास पूर्व उपराष्ट्रपति भैरों सिंह शेखावत के भतीजे हैं.
बता दें कि प्रताप खाचरियावास ने अपना सियासी सफर बीजेपी से किया और राजस्थान बीजेपी युवा मोर्चा के अध्यक्ष रह चुके हैं, लेकिन 2004 में कांग्रेस का दामन थामा. उनकी राजनीतिक करियर की शुरुआत जयपुर विश्वविद्यालय के छात्र राजनीति में एंट्री से हुई थी.
राजनीतिक सफर
प्रताप सिंह खाचरियावास पहली बार 2008 में विधायक बने और 2018 में दूसरी बार विधायक चुने गए. 2015 में राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता बने और जयपुर कांग्रेस के अध्यक्ष रहे. फिलहाल खाचरियावाल गहलोत सरकार में मंत्री हैं.
जब 2020 में सचिन पायलट ने बगावत की थी तो शुरू में खाचरियावास भी शामिल थे, लेकिन बाद में वो वापस आ गए. ऐसे में उस समय कहा गया था कि गहलोत ने उन्हें पायलट खेमे में प्लांट किया था.
बीते दिनों उन्होंने कहा था कि मुख्यमंत्री वही होगा, जिसको आलाकमान हमारे 102 विधायकों में से राय लेकर तय करेंगे. बीजेपी राजस्थान में सरकार गिराने का षड्यंत्र कर रही है. बीजेपी का जो षड्यंत्र चल रहा है, उसे कामयाब नहीं होने देना है. साथ ही खाचरियावास ने कहा कि कांग्रेस सरकार को बचाने के लिए सड़कों पर खून भी बहा सकते हैं और कांग्रेस के एक-एक कार्यकर्ताओं को सड़क पर उतरना होगा.
बता दें कि सचिन पायलट के अलावा विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी भी प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं. 2008 के चुनाव में केवल एक वोट से हार की वजह से मुख्यमंत्री बनते बनते रह गए सीपी जोशी को गहलोत का भी समर्थन प्राप्त है.