

दिल्लीवासियों के लिए राहत की खबर है. लंबे समय से अटकी प्रगति मैदान अंडरपास-5 परियोजना को आखिरकार मंजूरी मिल गई. केंद्र सरकार के आवास और शहरी कार्य मंत्रालय (MoHUA) ने दिल्ली सरकार के लोक निर्माण विभाग (PWD) के संशोधित प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है. खास बात यह है कि इस काम के लिए कोई अतिरिक्त बजट नहीं दिया जाएगा, यानी शेष कार्य पहले से स्वीकृत निधियों में ही पूरा होगा.
हटाई गईं तकनीकी अड़चनें
1. PWD ने अपने संशोधित प्रस्ताव में तीन अहम तकनीकी उपाय सुझाए थे, जिन्हें मंत्रालय ने मंजूरी दी है.
2. अंडरपास बॉक्स संरचनाओं के नीचे ग्राउटिंग का काम शुरू होगा, ताकि मिट्टी स्थिर बनी रहे.
3. रेलवे एंबैंकमेंट के नीचे बॉक्सों की स्टिचिंग की जाएगी, जिससे ट्रैक सुरक्षित रहे.
4. नई परिस्थितियों के अनुसार कैस्ट-इन-सिटू निर्माण पद्धति अपनाई जाएगी.
लंबे समय से अटका था प्रोजेक्ट
यह परियोजना वर्षों से अधर में लटकी हुई थी. मिट्टी धंसने और रेलवे के नीचे निर्माण की जटिलता के चलते काम रुक गया था. विभागों के बीच समन्वय की कमी भी एक बड़ी वजह रही. जनता के पैसों से अधिकांश बजट खर्च होने के बावजूद निर्माण अधूरा था.
PWD मंत्री बोले- देरी नहीं, डिलीवरी होगी
PWD मंत्री प्रवेश साहिब सिंह ने कहा कि यह केवल मंजूरी नहीं है, बल्कि एक संदेश है कि अब देरी नहीं, डिलीवरी होगी. जनता के हर रुपए का सही उपयोग हमारी प्राथमिकता है. अब काम गुणवत्ता, गति और पारदर्शिता के साथ होगा.
क्यों है यह प्रोजेक्ट महत्वपूर्ण?
प्रगति मैदान अंडरपास-5 दिल्ली के केंद्र से पूर्वी हिस्सों को जोड़ने वाला अहम ट्रांजिट मार्ग है. इसके पूरा होने से ITO और प्रगति मैदान के पास ट्रैफिक कम होगा और ITPO समेत बड़े आयोजनों के दौरान सुगम यातायात मिलेगा. PWD को निर्देश दिए गए हैं कि काम तुरंत शुरू किया जाए और साप्ताहिक प्रगति रिपोर्ट मंत्रालय को भेजी जाए. सरकार का दावा है कि यह प्रोजेक्ट वित्तीय अनुशासन और समयबद्ध कार्य का उदाहरण बनेगा.
(सुशांत मेहरा की रिपोर्ट)