
 Sadar Bazar police station 
 Sadar Bazar police station दिल्ली पुलिस के खाते में एक और बड़ी उपलब्धि दर्ज हुई है. यह एक ऐसी उपलब्धि है जिससे पूरे देश को दिल्ली पर गर्व है और खासतौर पर दिल्ली वासियों के लिए यह एक बहुत बड़ी गुड न्यूज है. दरअसल दिल्ली के नॉर्थ ईस्ट डिस्ट्रिक्ट में स्थित सदर बाजार पुलिस स्टेशन को देश का नंबर वन पुलिस स्टेशन चुना गया है. गृह मंत्रालय की ओर से किए जाने वाले सालाना सर्वे में सदर बाजार के इस पुलिस स्टेशन ने नंबर वन का तमगा हासिल कर एक मिसाल कायम कर दी है. दिल्ली के कई अन्य थाने इससे पहले भी रैंकिंग में टॉप-10 में जगह बनाते रहे हैं. मगर सबसे पहले टॉप-3 और बाद में देश का सर्वश्रेष्ठ पुलिस स्टेशन चुने जाने की उपलब्धि पहली बार दिल्ली के किसी पुलिस थाने को हासिल हुई है. सबसे खास बात यह है कि देश के 15,555 थानों में से इस थाने को चुना गया.
रैंकिंग के लिए अपनाया एक समान मॉडल
लखनऊ में शुक्रवार से शुरू हुई देशभर के पुलिस महानिदेशकों और महानिरीक्षकों की तीन दिवसीय सालान कॉन्फ्रेंस के पहले दिन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने देश के तीन सर्वश्रेष्ठ पुलिस थानों के इंचार्ज इंस्पेक्टरों को ट्रॉफी देकर सम्मानित किया. इसी कार्यक्रम में सदर बाजार थाने के एसएचओ कन्हैया कुमार यादव के हाथों में गृह मंत्री ने सर्वश्रेष्ठ पुलिस स्टेशन की ट्रॉफी सौंपी. पुलिस की गुणवत्ता में सुधार लाने और पुलिस थानों को लोगों के अनुकूल बनाने के मुख्य उद्देश्य के साथ केंद्र ने देश भर के पुलिस स्टेशनों की रैंकिंग का एक समान मॉडल अपनाया है. अंक प्रणाली से जुड़े एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि कुल अंक का लगभग 20 प्रतिशत नागरिकों से पुलिस स्टेशन के बारे में प्रतिक्रिया पर आधारित होता है. 

सबसे पुराने थानों में से एक
सदर बाजार में बने पुलिस स्टेशन की सबसे खास बात यह है कि इसकी स्थापना सन् 1861 में हुई थी. इसे देश के सबसे पुराने पुलिस थानों में गिना जाता है. सबसे रोचक बात यह है कि सदर बाजार के इस थाने में सबसे पहली FIR दल्लू माली नाम के शख्स ने 31 दिसम्बर 1861 को कराई थी. व्यक्ति का आरोप था कि उसका 7 रुपये का सरसों का तेल चोरी हो गया है, तब से इस इमारत को दिल्ली पुलिस ने दुल्हन की तरह सजा कर रखा है. 
थाने में बच्चों के लिए किड्स जोन
इस थाने की इमारत की बनावट अपने आप में बेहद खास है. अंदर जाते ही एंट्री पर बुजुर्गो की सुविधा के लिए व्हील चेयर रखी गई है ताकि अगर कोई भी सीनियर सिटीजन थाने में किसी भी काम से आए तो उन्हें किसी तरह की कोई तकलीफ ना हो. अंदर जाते ही पुलिस स्टेशन की बाईं ओर बच्चों के लिए एक खास तरह का किड्स जोन बनाया गया है. यह उन बच्चों के लिए हैं जो गुमशुदा हो जाते हैं या फिर अपने मां बाप से बिछड़ जाते हैं. इसके अलावा थाने के आसपास रहने वाले बच्चे या फिर पुलिस अफसरों के बच्चे भी यहां आकर खेल सकते हैं. इसके साथ ही बच्चों के पढ़ने के लिए यहां पर एक छोटी सी लाइब्रेरी बनाई गई है.
लूडो से लेकर कैरम बोर्ड खेलने जैसी सुविधा
थाने के परिसर में बैडमिंटन खेलने के लिए एक बैडमिंटन कोर्ट भी है, जहां पर अफसर या अधिकारी अपने खाली समय में खेलते हैं. इसके साथ ही थाने की पहली मंजिल पर एक रिक्रेशन रूम भी बना हुआ है जिसमें लूडो से लेकर कैरम बोर्ड खेलने जैसी सुविधाएं भी हैं. इस थाने के रिकॉर्ड रूम समेत हर कमरा व्यवस्थित और साफ-सुथरा है. यहां एक फारेंसिक लैब भी है, जिससे हर केस की जांच तेजी से हो सकती है. 
खास बात यह है कि सदर बाजार एक नाजुक और कम्यूनल क्षेत्र होने के बावजूद यहां पर सुचारू रूप से पुलिस का काम चलता है.