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तिरंगे के बीच का ‘गुप्त संदेश’! क्या है अशोक चक्र के 24 तीलियों का असली मतलब?

इस स्वतंत्रता दिवस, जब आप तिरंगे को सलामी दें, तो सिर्फ उसके रंगों को न देखें- उस नीले अशोक चक्र और उसकी 24 तीलियों के संदेश को भी महसूस करें. क्योंकि यही है भारत की असली पहचान, जो हमें अतीत से जोड़कर भविष्य की ओर ले जाती है.

Indian Flag Indian Flag

15 अगस्त 2025 को भारत अपना 79वां स्वतंत्रता दिवस मनाएगा. देशभर में एक बार फिर तिरंगा लहराएगा, गलियां-सड़कें देशभक्ति के रंग में रंग जाएंगी. हम सब जानते हैं कि तिरंगे के तीन रंग- केसरिया, सफेद और हरा- साहस, शांति और समृद्धि का प्रतीक हैं. लेकिन क्या आपने कभी गौर किया है तिरंगे के बीच बने अशोक चक्र पर? और सोचा है कि इसमें ठीक 24 तीलियां ही क्यों होती हैं?

आज हम आपको इस चक्र का वो मतलब बताने जा रहे हैं, जिसे जानकर अगली बार तिरंगे को देखते समय आपका सीना और गर्व से चौड़ा हो जाएगा.

तिरंगे के दिल में बसा है ‘धर्मचक्र’

तिरंगे के सफेद पट्टी के बीच जो नीले रंग का चक्र बना है, उसे अशोक चक्र कहते हैं. इसका डिज़ाइन सीधे भारत की प्राचीन धरोहर से जुड़ा है- सारनाथ के सिंह स्तंभ के धर्मचक्र से. यही सिंह स्तंभ भारत का राष्ट्रीय प्रतीक भी है.

22 जुलाई 1947 को इसे आधिकारिक तौर पर राष्ट्रीय ध्वज का हिस्सा बनाया गया. पहले, स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान, तिरंगे में चरखा होता था जो स्वदेशी और आत्मनिर्भरता का प्रतीक था. लेकिन आज़ादी के बाद, इसे बदलकर

धर्मचक्र रखा गया, जो जीवन में निरंतर गति और रुकने की बजाय आगे बढ़ने का संदेश देता है.

आखिर 24 तीलियां क्यों?

अशोक चक्र की 24 तीलियां सिर्फ सजावट नहीं हैं. ये हर तीली एक जीवन मूल्य का प्रतिनिधित्व करती है. इन्हें समझने से तिरंगे के असली अर्थ का अंदाज़ा होता है.

ये 24 जीवन मूल्य हैं:

  1. आशा
  2. प्रेम
  3. साहस
  4. धैर्य
  5. शांति
  6. अच्छाई
  7. निष्ठा
  8. कोमलता
  9. दयालुता
  10. निस्वार्थता
  11. आत्मसंयम
  12. आत्मत्याग
  13. सत्य
  14. धर्म
  15. न्याय
  16. करुणा
  17. उदारता
  18. विनम्रता
  19. सहानुभूति
  20. संवेदना
  21. ज्ञान
  22. प्रज्ञा
  23. नैतिक मूल्य
  24. परोपकार

सिर्फ मूल्य नहीं, समय का भी संकेत

इन तीलियों के पीछे एक और दिलचस्प मतलब है.

  • हिंदू परंपरा में इन्हें 24 ऋषियों से जोड़ा गया है जिन्होंने आध्यात्मिक ज्ञान को आगे बढ़ाया.
  • वैदिक दृष्टिकोण से ये गायत्री मंत्र के 24 अक्षरों का भी प्रतीक मानी जाती हैं.
  • और एक आधुनिक सोच से, ये 24 घंटे का प्रतिनिधित्व करती हैं- यानी जीवन में हर पल आगे बढ़ते रहना, क्योंकि ठहराव का मतलब है पीछे छूट जाना.

तिरंगे के तीन रंग और चक्र का मेल

  • केसरिया- साहस और बलिदान का प्रतीक
  • सफेद- शांति और सत्य का संदेश
  • हरा- समृद्धि और विकास का संकेत
  • अशोक चक्र- इन तीनों को जोड़ने वाला केंद्र, जो बताता है कि भारत की आत्मा समय और धर्म के साथ हमेशा गतिमान है.

क्यों खास है अशोक चक्र का संदेश?

आज के समय में, जब चुनौतियां लगातार बदल रही हैं, अशोक चक्र हमें याद दिलाता है कि न्याय, सत्य और कर्म के मार्ग पर चलकर ही राष्ट्र आगे बढ़ सकता है. यह सिर्फ एक प्रतीक नहीं, बल्कि एक जीवन का सूत्र है, जो 24 तीलियों में छुपा है.

तो इस स्वतंत्रता दिवस, जब आप तिरंगे को सलामी दें, तो सिर्फ उसके रंगों को न देखें- उस नीले अशोक चक्र और उसकी 24 तीलियों के संदेश को भी महसूस करें. क्योंकि यही है भारत की असली पहचान, जो हमें अतीत से जोड़कर भविष्य की ओर ले जाती है.