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CDS नियुक्ति के लिए सरकार ने किए नियमों में बदलाव, जानिए क्या कहता है नया नियम

एयरफोर्स रेग्यूलेशंस 1964 में किए गए नए संशोधन के हिसाब से सरकार ने सीडीएस चुनने का दायरा व्यापक कर दिया है. जिसके अनुसार अब वायु सेना में काम कर रहे या रिटायर हो चुके एयर मार्शल, एयर चीफ मार्शल को भी चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बनाया जा सकता है.

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत
हाइलाइट्स
  • तीनों सेनाओं के कानून में भी बदलाव की अधिसूचना

  • 2020 में सीडीएस बने थे जनरल रावत

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत के अचानक निधन होने के बाद से सीडीएस का पद खाली पड़ा है. तमिलनाडु के कन्नूर में हेलिकॉप्टर क्रैश में रावत, उनकी पत्नी समेत 13 लोगों की मौत हो गई थी. जिसके बाद अगला सीडीएस कौन बनेगा, इसको लेकर लगातार चर्चा जारी है. अब रक्षा मंत्रालय ने एयर फोर्स रेग्यूलेशंस 1964 में संशोधन किया है.  
इस संशोधन को अब एयरफोर्स (संशोधन) रेगुलेशन 2022 के नाम से जाना जाएगा. तो चलिए आपको बताते हैं कि सीडीएस के पद पर नियुक्त होने के लिए आखिर क्या नियम हैं?

क्या है सीडीएस के चुनाव का दायरा?
एयरफोर्स रेग्यूलेशंस 1964 में किए गए नए संशोधन के हिसाब से सरकार ने सीडीएस चुनने का दायरा व्यापक कर दिया है. जिसके अनुसार अब वायु सेना में काम कर रहे या रिटायर हो चुके एयर मार्शल, एयर चीफ मार्शल को भी चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ  (CDS) बनाया जा सकता है. हालांकि इसके लिए शर्त ये रखी गई है कि जिस व्यक्ति को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बनाया जाएगा, उसकी उम्र 62 साल से ज्यादा ना हो. अब इस नए नियम से रिटायर्ड हो चुके नेवी चीफ, आर्मी चीफ, और एयर चीफ सीडीएस बनने की रेस से करीब-करीब बाहर हो जाएंगे. क्योंकि तीनों सेनाओं के प्रमुखों का कार्यकाल तीन साल का होता है, लेकिन अगर वो उससे पहले ही 62 वर्ष के हो जाएं तो उन्हें सेवानिवृत होना पड़ता है.

तीनों सेनाओं के कानून में भी बदलाव की अधिसूचना
इसके अलावा सरकार ने सेवारत और रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल, एयर मार्शल और वाइस एडमिरल को सीडीएस की रेस में लाने के लिए तीनों सेनाओं के कानून में बदलाव के लिए अलग-अलग अधिसूचना जारी की है. एक्ट में किए गए संशोधन की अधिसूचना में कहा गया है कि अगर लोकहित के लिए जरूरी होगा तो केंद्र सरकार सेवारत एयर मार्शल या एयर चीफ मार्शल या फिर इन पोस्ट से रियाटर हुए और नियुक्ति के समय 62 साल के ना हुए अधिकारी को भी सीडीएस बना सकती है. इसमें ये भी कहा गया है कि नियुक्त हुए अधिकारी अधिकतम 65 वर्ष की उम्र तक अपने पद पर बने रहे सकते हैं. इसी तरह की अधिसूचनाएं आर्मी एक्ट 1950 और नेवी एक्ट 1957 में बदलाव के लिए भी जारी की गई है.

क्या थे पुराने नियम?
पुराने नियमों के अनुसार सेना के सभी कमांडरों को सीडीएस की नौकरी के लिए पात्र माना जाता है. ऐसे में वरिष्ठता के आधार पर ही पद की नियुक्ति होती है. हालांकि हर कमांडर को अगले चरण में अपग्रेड कर देना ही पैमाना नहीं है. क्योंकि जिन अधिकारियों को इस पद के लिए पात्र माना जाता है, उनके पूरे करियर को 360 डिग्री देखा जाता है. इसके अलावा चीन सीमा पर जारी गतिरोध में भी उनकी भूमिका पर नजर रखी जाती है. इसके अलावा अलग-अलग पैमानों पर भी इस पद पर नियुक्ति होती है, जैसे 21वीं सदी में साइबर युद्ध और सूचना युद्ध का जमाना है, ऐसे में कई देश अलग-अलग तरीकों से हमला करने की तैयारी करते हैं. तो इस पद पर तैनात अफसर को इन सभी चीजों पर भी नजर रखनी होगी.

2020 में सीडीएस बने थे जनरल रावत
भारत सरकार ने 2020 में जनरल बिपिन रावत को पहला सीडीएस नियुक्त किया. उनका काम देश की सैन्य शक्ति को बढ़ावा देने के लिए तीनों सेनाओं के तालमेल बनाना था. इसके अलावा सीडीएस को तीनों सेनाओं के प्रमुखों को निर्देश देने का भी अधिकार दिया गया था. 

किन नामों पर हो रही है चर्चा
CDS के पद को भरने के लिए सरकार ने प्रक्रिया शुरू कर दी है. ऐसे में सरकार अगले हफ्ते नाम की घोषणा कर सकती है. इसके लिए फिलहाल पूर्व एयर चीफ मार्शल बीरेंद्र सिंह धनोआ का नाम इस रेस में आगे चल रहा है. बीएस धनोआ भारतीय वायु सेना के 25वें सेनाध्यक्ष थे. इसके अलावा CDS पद के लिए जनरल नरवणे का नाम भी चर्चा में है.