scorecardresearch

Sikkim: 5000 जवान, 30 मिनट और हो गया राजमहल पर कब्जा... ऐसे हुआ था सिक्किम का भारत में विलय

सिक्किम को भारत का 22वां राज्य बनाने का संविधान संशोधन विधेयक 23 अप्रैल, 1975 को लोकसभा में पास हुआ. फिर राज्यसभा में यह बिल 26 अप्रैल को पास हुआ. 15 मई, 1975 को राष्ट्रपति ने इस बिल पर हस्ताक्षर किए और सिक्किम भारत का पूर्ण राज्य बन गया. 

सिक्किम की राजधानी गंगटोक (फोटो सोशल मीडिया) सिक्किम की राजधानी गंगटोक (फोटो सोशल मीडिया)
हाइलाइट्स
  • तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने सिक्कम को देश में मिलाने का किया था फैसला 

  • जनमत संग्रह में 97.5 फीसदी लोगों ने भारत के साथ जाने की वकालत की थी

भारत के 1947 में स्वतंत्र होने के बाद पूरे देश में सरदार वल्लभभाई पटेल के नेतृत्व में अलग-अलग रियासतों को विलय किया गया. सिक्किम के राजा चोग्याल से विलय पर साइन करने के लिए कहा गया लेकिन वे अगले ढाई दशकों तक साइन करने से इनकार करते रहे. इतना ही नहीं उन्होंने भूटान जैसा स्टेटस देने की मांग कर डाली. आखिरकार अप्रैल 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने सिक्कम को देश में मिलाने का फैसला किया.

1950 में भारत का प्रोटेक्टोरेट राज्य बना था सिक्किम 
1947 में सरदार पटेल ने बाकी रियासतों की तरह सिक्किम को भी भारत में मिलना चाहा था लेकिन उस समय पंडित जवाहरलाल नेहरू को लग रहा था कि अगर भारत विलय के लिए सिक्किम पर आक्रामक हुआ तो चीन वैसा ही कुछ तिब्बत के साथ कर देगा. इसके कारण विलय नहीं हुआ. फिर 1950 में भारत और सिक्किम के बीच एक संधी हुई. इसके बाद सिक्किम भारत का प्रोटेक्टोरेट राज्य बन गया. यानी राज्य तो चोग्याल चलाएंगे लेकिन उसके रक्षा और विदेश मामलों को इंडिया देखेगा.

इंदिरा गांधी ने लिया बड़ा फैसला 
1964 में नेहरू के निधन के बाद सिक्किम के राजा ने मांग की कि अब सिक्किम को भी भूटान जैसा आजाद देश माना जाए. तब तक इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री बन चुकी थीं. उन्होंने उस समय राजा की बातों को अनसुना कर दिया. 71 के युद्ध में जीत के बाद इंदिरा गांधी ने सिक्किम को पूरी तरह देश में विलय करने का फैसला किया. उन्होंने रॉ के चीफ आरएन काव को बुलाया. उन्होंने काव से पूछा, क्या आप सिक्किम का कुछ कर सकते हो?

06 अप्रैल 1975 को भारतीय सेना ने कर लिया कब्जा
कॉव ने एक प्लान बनाकर इंदिरा के सामने पेश किया. प्लान चोग्याल राजशाही को धीरे-धीरे कमजोर करने का था. इसमें सियासी रणनीति की ज्यादा जरूरत थी. स्थानीय पार्टियों की मदद ली गई. सिक्किम नेशनल कांग्रेस के लीडर क़ाज़ी लेनडुप दोरजी ने पहले से ही राजशाही के खिलाफ मुहिम छेड़ रखी थी. जनता भी आमतौर पर राजशाही को लेकर असंतुष्ट होती जा रही थी. रॉ के प्लान के तहत सिक्किम में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन शुरू हुए. फिर 06 अप्रैल 1975 को भारतीय सेना के 5000 जवानों ने महज 30 मिनट में राजमहल सहित पूरे सिक्कम पर कब्जा करके राजा को अपने नियंत्रण में ले लिया.

26 अप्रैल को राज्यसभा में बिल हुआ पास
सिक्किम पर भारतीय सेना के नियंत्रण के बाद जनमत संग्रह कराया गया. जनमत संग्रह में 97.5 फीसदी लोगों ने भारत के साथ जाने की वकालत की. इसके बाद सिक्किम को भारत का 22वां राज्य बनाने का संविधान संशोधन विधेयक 23 अप्रैल, 1975 को लोकसभा में पेश किया गया. उसी दिन इसे 299-11 के मत से पास कर दिया गया. राज्यसभा में यह बिल 26 अप्रैल 1975 को पास हुआ. 15 मई, 1975 को जैसे ही राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने इस बिल पर हस्ताक्षर किए और सिक्किम भारत का पूर्ण राज्य बन गया.