
नई शिक्षा नीति के तहत बच्चों को स्कूलों में एक ऐसा खेल खिलाया जाएगा जिसका इतिहास काफी पुराना है, प्राचीन काल से ये खेल भारत में खेला जाता रहा है और अब देश भर के स्कूलों में किताबों के साथ बच्चों को ये भी सिखाया जाएगा इस खेल का नाम है सर्प रज्जू, इसे भारतीय ज्ञान परंपरा विभाग ने एक बार डिजाइन किया है. सर्प रज्जू कि अहमियत का पता इसी बात से लगाया जा सकता है कि ये जी20 में पहुंचे विदेशी मेहमानों को भी तोहफे में दी गई थी. दरअसल विदेशी मेहमानों को भारतीय संस्कृति और खेलों के बारे में जानकारी देने के लिए सर्प रज्जू का तोहफा दिया गया.
सर्प रज्जू दिखने में सांप सीढी के खेल जैसा ही नजर आता है, लेकिन इसमें 100 की जगह 72 खाने होते है. सर्प रज्जू का मतलब है सांप और रस्सी. इस बारे में ज्यादा जानकारी देते हुए भारतीय ज्ञान परंपरा विभाग की संयोजक अनुराधा चौधरी ने बताया सर्प रज्जू का मतलब है सांप और रस्सी, इस खेल का सीधा मतलब ये है कि हमारी जिंदगी हमारे फैसलों से बनती है जैसे रात के अंधेरे में सांप को गलती से रस्सी समझा तो आपको नुकसान होगा.
बैकुंठ से होती है शुरुआत
इस खेल कि शुरुआत बैकुंठ से होती है और इसकी गिनती एक से 72 तक है, इसको चार भागों में बांटा गया है जिसमे 8 स्तर है यानी 8 चेतनाएं. इसके साथ 9 द्वार शरीर में मौजूद होते है इसलिए इस खेल में 72 खाने नजर आते हैं.
अनुराधा चौधरी बताती है कि इस खेल से बच्चे जिंदगी को आसानी से समझ सकते है, जिसमे सांप के काटने से आप नीचे आ जाते है, क्रोध, अहंकार जैसे सांप है वहीं रस्सी यानी अच्छे कर्मों का का सहारा लेकर लोग जिंदगी में आगे बढ़ सकते है. इसलिए अब ये बच्चों को स्कूलों में खिलाया जाएगा जिससे पढ़ने लिखने के साथ वो जिंदगी के मूल्यों को समझे.
बच्चों के बाहरी विकास ही नहीं बल्कि आंतरिक विकास के लिए ये खेल बहुत जरूरी है. बच्चे केवल किताबी ज्ञान न सीखे बल्कि नई शिक्षा नीति के तहत ये कोशिश है कि बच्चे खेल-खेल में ज्ञान हासिल करे. इस खेल की खास बात ये है कि इसमें बच्चों को मोरल वैल्यू देने के लिए विपरीत शब्दो को आस पास रखा है जिससे बच्चे बुराई अच्छाई के फर्क को समझ सकें.
सांप सीढी और सर्प रज्जू में है फर्क
बच्चे खेल खेलते वक्त डेमोरालिस नहीं हो इसको ध्यान में रखते हुए इस खेल की शुरुआत और अंत एक ही जगह से होगी यानी खिलाड़ी के खेल की शुरुआत ही बैकुंठ से होगी.
फिलहाल ये खेल स्कूलों में बड़े बच्चों को खिलाया जाएगा. प्रयोग के तौर पर छोटे बच्चों को भी ये खेल खिलाया जाएगा लेकिन इसमें मुख्य बिंदु बड़े बच्चे होंगे. भारतीय खेलों की खासियत ये भी है कि यहां खेल-खेल में बच्चे कुछ सीखते हैं जैसे इस खेल के जरिए बच्चे आराम से वो बात समझ सकते हैं जो शायद किताबों से समझना मुश्किल होगा.
सर्प रज्जू का ये खेल देश के तमाम राज्यों के स्कूलों के बच्चे खेल सकेंगे इसके लिए अलग अलग राज्यों के हिसाब से लोकल भाषाओं में इस खेल को खिलाया जाएगा जिससे हर बच्चा इससे जुड़ाव महसूस करे और अपनी भाषा में बच्चे ज्यादा बेहतर सीखते हैं.