
राष्ट्रीय राजधानी में शनिवार को बादल और बारिश के कारण भारतीय मौसम विभाग को अलग-अलग क्षेत्रों के लिए ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी करना पड़ा. इससे पहले मौसम विभाग ने दिल्ली के लिए ग्रीन अलर्ट जारी किया था, जिसका मतलब था कि शनिवार को मौसम सामान्य रहने वाला है. हालांकि मौसम बदला और अलर्ट भी बदलने पड़े. आइए विस्तार से समझते हैं कि शनिवार को दिल्ली का मौसम कैसे बदला और आज मौसम कैसा होने वाला है. साथ ही जानेंगे कि हिमाचल प्रदेश में बारिश के कहर के बाद हालात कैसे हैं.
दिल्ली में कैसा होगा रविवार को मौसम?
दिल्ली में शनिवार को कुछ हिस्सों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया, जबकि कई हिस्सों में येलो अलर्ट जारी किया गया. दिल्ली के प्रमुख मौसम स्टेशन सफदरजंग में शाम 5.30 बजे तक 12.9 मिमी बारिश दर्ज की गई. जबकि शहर के अन्य हिस्सों ने भी बारिश अनुभव की. लोधी रोड पर 12 मिमी बारिश हुई. प्रगति मैदान पर इसी दौरान 11 मिमी बारिश दर्ज की गई.
इस दौरान शहर का अधिकतम तापमान 34.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 0.7 डिग्री कम है. न्यूनतम तापमान 26.4 दर्ज किया गया जबकि हवा में नमी 82 प्रतिशत से 62 प्रतिशत के बीच दर्ज की गई. मौसम विभाग के अनुसार, दिल्ली में रविवार को गरज के साथ बारिश होने की संभावना है. शहर ग्रीन ज़ोन में ही रहने वाला है, यानी मौसम से जुड़ी कोई चेतावनी जारी नहीं हुई है.
हिमाचल में कैसे हैं हालात?
हिमाचल प्रदेश में मौसम के कहर के बाद कुल 249 सड़कों को वाहनों के आवागमन के लिए बंद कर दिया गया है. इनमें से 207 सड़कें मंडी जिले की हैं, जहां भूस्खलन हुआ है. धर्मपुर होते हुए मंडी से कोटली जाने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग 3 का हिस्सा (अटारी-लेह) बारिश के बाद भारी गाड़ियों के लिए बंद कर दिया गया है. चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाइवे का मंडी-कुल्लू हिस्सा कैंची मोड़ पर भूस्खलन के बाद शुक्रवार रात 10 घंटों के लिए बंद कर दिया गया था.
वाहनों को वहां से कटोला-कमांड रास्ते होते हुए जाना पड़ा था. सनद रहे कि 20 जून को शुरू हुए इस मानसून में हिमाचल को 751 करोड़ का नुकसान हो चुका है. मानसून की शुरुआत से 92 लोगों की मौत हो चुकी है. इनमें से 56 ने अपनी जान बारिश से जुड़ी घटनाओं में गंवाई है, जबकि 36 की मृत्यु सड़क दुर्घटनाओं में हुई है. कम से कम 172 लोग घायल हुए हैं और 33 लापता हैं.
मंडी में 30 जून और एक जुलाई के बीच की रात को हुई बादल फटने, जमीन खिसकने और बाढ़ की घटनाओं के बाद गायब हुए 27 लोगों की खोज अब भी जारी है. हिमाचल में इस साल 26 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है. 31 बार बाढ़ (Flash Flood) आई है, 22 बार बादल फटे हैं और 17 बार भूस्खलन की घटनाएं हुई हैं.