

भारतीय रेलवे यात्रियों को बेहतर सुविधाएं देने के साथ-साथ बिना टिकट यात्रा करने वालों के खिलाफ कड़ा रुख अपना रही है. अगर आप भी बिना टिकट ट्रेन में सफर करने की आदत रखते हैं, तो सावधान हो जाइए! समस्तीपुर रेलमंडल ने चालू वित्तीय वर्ष (2025-26) में अप्रैल से जून तक 1 लाख 74 हजार से ज्यादा बिना टिकट यात्रियों को पकड़कर 12.5 करोड़ रुपये की बंपर वसूली की है इस मेगा टिकट चेकिंग अभियान ने न सिर्फ रेलवे के राजस्व में इजाफा किया, बल्कि बिना टिकट यात्रा करने वालों के बीच हड़कंप मचा दिया. नतीजा? टिकट काउंटरों पर यात्रियों की भीड़ बढ़ गई है, और लोग अब नियमों का पालन करने को मजबूर हैं.
मेगा टिकट चेकिंग अभियान
समस्तीपुर रेलमंडल ने बिना टिकट और अनियमित टिकट के साथ यात्रा करने वालों के खिलाफ विशेष अभियान शुरू किया है. इस अभियान के तहत मंडल के प्रमुख स्टेशनों जैसे समस्तीपुर, दरभंगा, जयनगर, रक्सौल, सहरसा, और बापूधाम मोतिहारी पर सघन टिकट जांच की गई. मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) विनय श्रीवास्तव के निर्देश पर और एसीएम टीसी राजेश कुमार के नेतृत्व में एक विशेष टिकट चेकिंग टीम गठित की गई. इस टीम में 233 टिकट जांचकर्मी और रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के जवान शामिल हैं, जिन्होंने 16 घंटे तक 'किलाबंदी' अभियान चलाकर बिना टिकट यात्रियों को पकड़ा.
इस अभियान में बस रेड टिकट चेकिंग और रेल मजिस्ट्रेट चेकिंग जैसे तरीकों का इस्तेमाल किया गया. इसका असर इतना जबरदस्त रहा कि अप्रैल से जून 2025 तक मंडल ने 12 करोड़ 50 लाख रुपये से अधिक की राशि जुर्माने के रूप में वसूल की. यह इस वित्तीय वर्ष में समस्तीपुर रेलमंडल की सबसे बड़ी उपलब्धि है, जिसने पुराने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए. डीआरएम विनय श्रीवास्तव ने बताया कि इस अभियान का मकसद न सिर्फ राजस्व बढ़ाना है, बल्कि यात्रियों को नियमों का पालन करने के लिए प्रेरित करना भी है.
कैसे हुई इतनी बंपर वसूली?
समस्तीपुर रेलमंडल ने अपने विभिन्न रेलखंडों पर सघन टिकट जांच अभियान चलाया. इस दौरान 1 लाख 74 हजार से ज्यादा यात्रियों को बिना टिकट या अनियमित टिकट के साथ यात्रा करते पकड़ा गया. इनमें वे यात्री शामिल थे, जो बिना टिकट, बिना उचित प्राधिकार, या गलत श्रेणी के टिकट के साथ सफर कर रहे थे. मंडल ने खास तौर पर मेल, एक्सप्रेस, और पैसेंजर ट्रेनों में जांच को तेज किया, जिससे बिना टिकट यात्रा करने वालों में खलबली मच गई.
इस अभियान की सफलता का श्रेय मंडल की मेहनती टीम को जाता है. 218 टीटीई और अन्य अधिकारियों ने दिन-रात मेहनत कर इस रिकॉर्ड को संभव बनाया. खास बात यह है कि कुछ टीटीई ने एक ही दिन में 100 से ज्यादा बिना टिकट यात्रियों को पकड़कर कमाल कर दिखाया. इनमें राजेश कुमार, ललन पासवान, टुनटुन राय, और सतवीर कुमार जैसे कर्मचारियों को डीआरएम और सीनियर डीसीएम अनन्या स्मृति ने 4-4 हजार रुपये का पुरस्कार देकर सम्मानित किया. साथ ही, पूरी टीम के लिए 50 हजार रुपये के सामूहिक पुरस्कार की सिफारिश की गई है.
यात्रियों में जागरूकता और टिकट काउंटर पर भीड़
इस मेगा अभियान का असर इतना जबरदस्त रहा कि समस्तीपुर, दरभंगा, सहरसा जैसे स्टेशनों पर टिकट काउंटरों पर यात्रियों की लंबी कतारें देखी गईं. लोग अब बिना टिकट यात्रा करने से डरने लगे हैं, क्योंकि पकड़े जाने पर भारी जुर्माना देना पड़ सकता है. डीआरएम विनय श्रीवास्तव ने बताया कि इस अभियान का उद्देश्य यात्रियों को वैध टिकट के साथ यात्रा करने के लिए प्रेरित करना है. इससे न केवल रेलवे की आय बढ़ती है, बल्कि यात्रियों के बीच अनुशासन और पारदर्शिता भी बनी रहती है.
टिकट लेकर करें यात्रा
रेलमंडल ने यात्रियों से अपील की है कि वे हमेशा वैध और उचित टिकट के साथ यात्रा करें. बिना टिकट यात्रा न केवल गैरकानूनी है, बल्कि इससे रेलवे को भारी नुकसान होता है. मंडल प्रशासन ने साफ किया है कि इस तरह के सघन टिकट जांच अभियान भविष्य में भी जारी रहेंगे. अगर आप बिना टिकट यात्रा करते पकड़े गए, तो न सिर्फ जुर्माना देना पड़ेगा, बल्कि कानूनी कार्रवाई का भी सामना करना पड़ सकता है.
समस्तीपुर रेलमंडल की इस उपलब्धि ने न केवल रेलवे के राजस्व में इजाफा किया, बल्कि चेकिंग स्टाफ का मनोबल भी बढ़ाया है. डीआरएम विनय श्रीवास्तव ने कहा कि यह अभियान रेलवे की कार्यकुशलता और सतर्कता का प्रतीक है. भविष्य में भी मंडल इसी तरह की मुस्तैदी के साथ बिना टिकट यात्रियों पर नकेल कसेगा. तो अगली बार जब आप ट्रेन में सफर करें, तो टिकट जरूर लें, वरना आपका नंबर भी उन 1.74 लाख यात्रियों में शामिल हो सकता है.