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लंबे विवाद के बाद सुलझा जयपुर राजघराने का विवाद , SC ने निकाला ये रास्ता

लॉ फर्म प्राइम लीगल इंडिया एलएलपी के एडवोकेट अभिषेक कुमार राव ने कहा कि डीड के मुताबिक महारानी गायत्री देवी के पोते महाराज देवराज और राजकुमारी ललिता को अपने सौतेले चाचाओं से मैत्रीपूर्ण समझौते के तहत जय महल पैलेस होटल वापस मिल जाएगी. राव ने कहा कि वह अदालत में महाराज देवराज और राजकुमारी ललिता के वकील रहे हैं. 

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हाइलाइट्स
  • संपत्तियों को लेकर जयपुर राजघराने का विवाद खत्म

  • सुप्रीम कोर्ट ने निकाला समाधान

सुप्रीम कोर्ट ने बेशकीमती संपत्तियों, जय महल होटल और रामबाग पैलेस होटल को लेकर जयपुर शाही परिवार के बीच की लंबी कानूनी लड़ाई को बंद कर दिया है. पूर्व न्यायाधीश कुरियन जोसेफ की ओर से सीलबंद लिफाफे में अपनी रिपोर्ट देने के बाद मामला सुलझा द‍िया है. मध्यस्थता के बाद इस विवाद का सौहार्दपूर्ण समाधान क‍िया गया है.

लॉ फर्म प्राइम लीगल इंडिया एलएलपी के एडवोकेट अभिषेक कुमार राव ने कहा कि डीड के मुताबिक महारानी गायत्री देवी के पोते महाराज देवराज और राजकुमारी ललिता को अपने सौतेले चाचाओं से मैत्रीपूर्ण समझौते के तहत जय महल पैलेस होटल वापस मिल जाएगी. राव ने कहा कि वह अदालत में महाराज देवराज और राजकुमारी ललिता के वकील रहे हैं. 

मध्यस्थता के बाद सुलझा मामला
न्यायमूर्ति आर. सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय की एक पीठ ने पक्षों की दलीलें नोट कीं कि शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ, जिन्हें 7 सितंबर 2021 को मध्यस्थता के लिए नियुक्त किया गया था, उन्होंने सफलतापूर्वक मध्यस्थता कर दी है. उन्होंने सभी पक्षों के हस्ताक्षर वाला मूल समझौता ज्ञापन शीर्ष अदालत को भेज दिया, जिसे अदालत ने 15 दिसंबर को रिकॉर्ड पर लिया.

बाकी संपत्तियों  में भी अपना कुछ अधिकार छोड़ देंगी राजकुमारी ललिता

अभिषेक कुमार राव ने कहा, महाराज जय सिंह और महाराज विजित सिंह 15 दिसंबर 2021 को उन सभी के बीच हुए एक सौहार्दपूर्ण समझौते के तहत हमारे मुवक्किलों (महाराज देवराज सिंह और राजकुमारी ललिता कुमारी) को जय महल पैलेस सौंपने पर सहमत हो गए हैं. साथ ही महाराज देवराज सिंह और राजकुमारी ललिता कुमारी भी बाकी संपत्तियों में से अपना कुछ अधिकार छोड़ देंगी.

महज 1 प्रतिशत हिस्सेदारी के बावजूद बन गए थे हवेली के मालिक

स्वर्गीय जगत सिंह की जय महल पैलेस में 99 प्रतिशत चुकता पूंजी थी और स्वर्गीय पृथ्वीराज की  संपत्ति में सिर्फ एक प्रतिशत हिस्सेदारी थी. लेकिन पृथ्वीराज और उनका बेटा ही जय महल पैलेस के   मालिक बन गए. स्वर्गीय जगत सिंह ने एक फर्म जय महल होटल्स प्राइवेट लिमिटेड का गठन किया था और उनकी व्यक्तिगत शेयर के रूप में 5050 इक्विटी शेयर या शेयर पूंजी का 99 प्रतिशत रखा था. केवल 45 इक्विटी शेयर पृथ्वीराज के पास थे और बाकी के शेयर उनके बेटे विजित सिंह के पास थे. 

जगत सिंह की शादी थाई राजकुमारी प्रियानंदना रंगसिट से हुई था और उनके दो बच्चे देवराज सिंह और ललिता कुमारी हैं, जो लंदन में रहते हैं. लेकिन तलाक के बाद रंगसित दो बच्चों के साथ बैंकॉक में रहने लगी.1997 में जब जगत सिंह की लंदन में मृत्यु हो गई, तो पृथ्वीराज, जिनकी कंपनी में सिर्फ एक प्रतिशत हिस्सेदारी थी, ने अपने दिवंगत पिता की संपत्ति के उत्तराधिकारी देवराज और ललिता को लगभग हटा दिया और उनके उत्तराधिकार के अधिकार पर भी सवाल उठाया. 

स्वर्गीय जगत सिंह के बच्चों ने उत्तराधिकार प्रमाण पत्र के आधार पर, नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल से एक आदेश मिला जिसमें  पृथ्वीराज को जगत सिंह के दोनें बच्चों को शेयर के बंटवारे का आदेश दिया.