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Surgical Strike Anniversary: सर्जिकल स्ट्राइक की बरसी आज, जानिए कैसे हमारे कमांडोज ने मचाया था कहर

भारत ने कंट्रोल लाइन के पार 28-29 सितंबर 2016 को सर्जिकल स्ट्राइक कर उन आतंकवादी समूहों को निशाना बनाया, जिन्होंने उरी में हमला किया था और जिसमें 19 जवान शहीद हुए थे.

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हाइलाइट्स
  • उरी हमले का बदला था सर्जिकल स्ट्राइक

  • 28-29 सितंबर, 2016 को की गई सर्जिकल स्ट्राइक

सर्जिकल स्ट्राइक का जब भी जिक्र होता है तो भारतीयों को सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है. यह शायद पहली बार था जब भारत ने न सिर्फ आतंकियों से सीधा बदला लिया बल्कि पूरी दुनिया को बता दिया कि भारत अब ईंट का जवाब पत्थर से देगा. 

खासकर कि पाकिस्तान को भारत की यह खुली चुनौती थी कि अगर उसने अपनी आतंकी गतिविधियां बंद नहीं कीं तो भारत अब घर में घुसकर मारेगा. 28-29 सितंबर 2016- वह ऐतिहासिक तारीख है जो पूरी दुनिया याद रखेंगी. इसी दिन भारतीय सेना ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकवादी शिविरों के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक की.  

उरी हमले का बदला था सर्जिकल स्ट्राइक
सर्जिकल स्ट्राइक, 18 सितंबर को हुए उरी में किए गए आतंकवादियों के हमले का जवाब थी. उरी हमले में 19 सैनिक मारे गए थे और उसी दिन से न सिर्फ सेना बल्कि सरकार और देश की जनता, सबका खून खौल रहा था. 

और सर्जिकल स्ट्राइक करके सेना ने अपना बदला पूरा किया. तब से ही, सरकार 29 सितंबर को "सर्जिकल स्ट्राइक दिवस" ​​​​के रूप में मना रही है. समाचार एजेंसी एएनआई को से बात करते हुए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने यह बताया था कि आखिर कैसे पूर हमले की तैयारी हुई और कैसे सैनिकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हमले की तारीख दो बार बदली गई थी.

कैसे की सैनिकों ने सर्जिकल स्ट्राइक
सितंबर 2016 में, पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों ने कंट्रोल लाइन के पास उरी में सेना के शिविर में प्रवेश किया और हमले में 19 सैनिक शहीद हो गए. जवाबी कार्रवाई में, जम्मू-कश्मीर में तैनात पैरा (विशेष बल) यूनिट्स के कमांडो सहित भारतीय सेना के जवानों ने सीमा पार जाकर आतंकियों के कई ठिकानों को खत्म कर दिया. 

भारतीय सेना अपने शहीद सैनिकों के लिए न्याय चाहती थी और सरकार ने उन्हें सर्जिकल स्ट्राइक की योजना बनाने और उसे अंजाम देने के लिए “फ्री हैंड” दिया. उरी हमले के तुरंत बाद सर्जिकल स्ट्राइक की तैयारी शुरू हो गई. अलग-अलग टीम्स तैयार की गईं और आतंकियों की ठिकानों की रेकी की गई. रेकी के बाद, टीम्स तैयार थीं अपना बदला लेने के लिए. 

भारतीय सेना के जवान आधी रात को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) में  3 किलोमीटर अंदर तक गए. सेना ने बड़ी ही सूझबूझ से आतंकियों के ठिकानों को नष्ट किया और इस हमले में 38 से 40 आतंकियों को मार गिराया. हालांकि, भारतीय सेना पर आतंकियों की तरफ से गोलीबारी हुई और तो और पाकिस्तानी सेना ने भी कार्यवाई की. लेकिन भारत के जवानों पर अपने साथियों की मौत का बदला लेने का जुनून सवार था. 

इस हमले में पाकिस्तानी सेना के दो जवान मारे गए और दो भारतीय जवान घायल हुए. 29 सितंबर की सुबह सरकार ने देश के लोगों को सर्जिकल स्ट्राइक की जानकारी दी. सर्जिकल स्ट्राइक का देश के लोगों ने भी स्वागत किया.