
16 साल बाद देश में एक बार फिर जनगणना की तारीख तय हो गई है. इस बार देश में 16वीं जनगणना होगी. जाति जनगणना दो चरणों में होगी. फर्स्ट फेज में एक अक्टूबर 2026 से शुरू होगी. इसमें हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के साथ लद्दाख और जम्मू-कश्मीर में जनगणना होगी. जबकि दूसरे फेज में एक मार्च 2027 से बाकी देश में जनगणना होगी. इस बार जनगणना में जाति का कॉलम भी होगा. जनगणना करने वाले कर्मचारी हर घर जाकर सभी लोगों की जाति पूछेंगे.
कितने समय में होगी जनगणना-
इस जनगणना में करीब 3 साल का वक्त लगेगा. जनगणना के आंकड़े साल 2030 में प्रकाशित किए जा सकते हैं. इसका मतलब है कि साल 2029 में लोकसभा चुनाव के बाद जनगणना के आंकड़े प्रकाशित हो सकते हैं.
जनगणना करने वाले कर्मचारी घर-घर जाकर लोगों से गणना करेंगे. यह काम 21 दिनों तक चलेगा. यह काम 9 फरवरी से 28 फरवरी 2028 तक होगा. एक मार्च से 5 मार्च तक रिवीजन का काम होगा. इसके अलावा एक दिन बेघर आबादी के लिए होगा. देश के 800 से अधिक जिलों में जनगणना होगी. इसमें 8 हजार शहरों और 600 तहसीलों में होगी.
कब मिलेंगे आंकड़े-
जनगणना के अंतरिम आंकड़े मार्च 2028 में मिल सकते हैं. जनगणना के बाद लोकसभा सीटों का परिसीमन किया जाएगा. इस जनगणना के आधार पर विधायिका में महिलाओं के लिए 33 फीसदी सीटें आरक्षित होंगी.
क्या हो सकते हैं जनगणना संबंधी सवाल-
आजाद भारत में पहली जनगणना साल 1951 में हुई थी. जनगणना करने वाले कर्मचारी घर-घर जाकर लोगों से उनके बारे में जानकारी हासिल करेंगे. इस दौरान उनकी जाति भी पूछी जाएगी. चलिए आपको बताते हैं कि जनगणना में क्या-क्या सवाल हो सकते हैं.
कैसे होंगे हाउस लिस्टिंग के सवाल-
यह जनगणना 10 साल के लिए वैध होगी. जनगणना कराने की अधिसूचना 16 जून 2025 को राजपत्र में प्रकाशित की जाएगी. अनुमान है कि एक अप्रैल 2027 से 45 दिन तक हाउस लिस्टिंग की जाएगी. चलिए आपको बताते हैं कि हाउस लिस्टिंग में कैसे सवाल होंगे.
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