
दिल्ली के 40 लाख लोगों को बड़ी राहत मिली है. दिल्ली की 1731 झुग्गी-झोपड़ी, क्लस्टर और अवैध कॉलोनियों पर अगले तीन साल तक तोड़फोड़ की कार्रवाई नहीं की जाएगी. क्योंकि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली कानून विशेष प्रावधान विधेयक संसद के दोनों सदनों राज्यसभा और लोकसभा में पास हो गया है. इस बिल में अवैध कॉलोनियों के खिलाफ कार्रवाई रोकने की समय सीमा 31 दिसंबर 2023 से बढ़ाकर 31 दिसंबर 2026 तक करने का प्रावधान है. लोकसभा में आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप पुरी ने बताया कि सुरक्षा के प्रावधान का विस्तार करना जरूरी है. इससे 40 लाख लोगों को फायदा होगा.
क्यों पड़ी सुरक्षा कानून की जरूरत-
सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए दिल्ली नगर निगम ने साल 2006 में अवैध कॉलोनियों के खिलाफ सीलिंग अभियान शुरू किया था. इस अभियान के तहत 1731 अवैध कॉलोनियों के लाखों लोगों को निशाना बनाया गया. इसके बाद उस वक्त की मनमोहन सिंह की सरकार ने अवैध कॉलोनियों की सुरक्षा के लिए एक साल के लिए दिल्ली कानून एक्ट 2006 को लागू किया. इसके बाद लगातार इस सुरक्षा को उस समय तक बढ़ाया गया, जब साल 2011 में संसद ने संशोधन बिल पास किया.
साल 2011 में नेशनल कैपिटल टेरिटरी ऑफ दिल्ली लॉ (स्पेशल प्रोविजन) सेकंड एक्ट लागू हुआ. जिसके तहत 3 साल यानी 31 दिसंबर 2014 तक अवैध कॉलोनियों को किसी भी कार्रवाई से सुरक्षित कर दिया गया. इसके बाद एनडीए की सरकार बनी. इस सरकार ने भी 3 बार इस कानून की समय सीमा को बढ़ाया.
नए संशोधन बिल में क्या है-
नया संशोधन बिल साल 2023 से साल 2026 तक 3 साल के लिए अवैध कॉलोनियों को सुरक्षा प्रदान करेगा. इसमें एक जून 2014 तक के कंस्ट्रक्शन को सुरक्षा मिली है. एक्ट कहता है कि मलिन बस्तियों और झुग्गी झोपड़ी, कलस्टर, अवैध कॉलोनी, शहरी गांव और फार्म हाउस के उन निवासियों के पुनर्वास की उचित व्यवस्था की जानी चाहिए, जिसकी इजाजत साल 2011 एक्ट में दी गई है.
अब आगे क्या होगा-
नए संशोधन से अवैध कॉलोनियों के खिलाफ कार्रवाई से सुरक्षित किया गया है. लेकिन सवाल बना हुआ है कि यथास्थिति कब तक जारी रहेगी? क्या साल 2026 के बाद भी इसका विस्तार किया जाएगा. मिनिस्टर के मुताबिक स्वामित्व अधिकार प्रदान करने का काम साल 2019 में शुरू हुआ था. जिसमें कोरोना महामारी के चलते देरी हुई. उन्होंने लोकसभा में बताया कि करीब 40 से 50 लाख लोग अवैध कॉलोनियों में रहते हैं. इसका मतलब है कि 8-10 लाख घर के मालिक स्वामित्व अधिकार के पात्र हो सकते हैं.
अब तक सिर्फ 4 लाख रजिस्ट्रेशन हुए हैं और सिर्फ 20881 मामलों में कन्वेंस डीड इश्यू किया गया है. मंत्री ने कहा कि अभी इसमें बहुत काम करने की जरूरत है. मंत्री ने कहा कि मास्टर प्लान 2041 का ड्राफ्ट आखिरी स्टेज में है. एक बार नोटिफिकेशन जारी होने के बाद इसमें अवैध कॉलोनियों, मलिन बस्तियों के लिए डेवलपमेंट नॉर्म्स का डिटेल होगा. मास्टर प्लान को दिल्ली विकास प्राधिकरण ने पारित किया था और इस साल अप्रैल में मंजूरी के लिए आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय को भेजा गया था.
ये भी पढ़ें: