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पीसकीपिंग में भारत को अपना सबसे बड़ा सहयोगी मानता है संयुक्त राष्ट्र, जानिए कहां-कहां तैनात हैं भारतीय सैनिक

संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षा प्रमुख ने कहा कि उनका मानना है कि वो पीसकीपिंग पर भारत के साथ अधिक सहयोग को लेकर बड़ी संभावना देखते हैं. उन्होंने कहा कि नई दिल्ली में दुनिया भर के मिशनों में तैनात ब्लू हेलमेट की मदद करने की क्षमता और प्रौद्योगिकियां हैं.

Peacemaking solidiers Peacemaking solidiers
हाइलाइट्स
  • सालों से पीसमेकिंग में सेवा दे रहे भारतीय जवान

  • अब तक 71 मिशन में शामिल हुआ है भारत

संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षा प्रमुख ने कहा कि उनका मानना है कि वो पीसकीपिंग पर भारत के साथ अधिक सहयोग को लेकर बड़ी संभावना देखते हैं. उन्होंने कहा कि नई दिल्ली में दुनिया भर के मिशनों में तैनात ब्लू हेलमेट की मदद करने की क्षमता और प्रौद्योगिकियां हैं.

अगले महीने सियोल में संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षा मंत्री स्तरीय बैठक से पहले शांति अभियानों के लिए अवर महासचिव जीन-पियरे लैक्रोइक्स ने कहा कि भारत संयुक्त राष्ट्र के शांति अभियानों में योगदान देने वाले देशों में सबसे बड़े सैनिकों में से एक है.

सालों से पीसमेकिंग में सेवा दे रहे भारतीय जवान
लैक्रोइक्स ने हाल ही में पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू से कहा, "यह एक आभार देने वाला संदेश है, क्योंकि भारत सभी क्षेत्रों में हमारे सबसे मजबूत समर्थकों में से एक है. फिर चाहें वो राजनीतिक समर्थन हो, क्षमता के संदर्भ में समर्थन हो या क्षेत्र में भागीदारी." उन्होंने आगे कहा, "मैं उन भारतीय शांति सैनिकों के बलिदान को भी नहीं भूल सकता, जिन्होंने सालों से पीसमेकिंग में सेवा करते हुए अपनी जान गंवाई. भारत के पास वो क्षमताएं हैं जिनकी हमें जरूरत है."

संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षा प्रमुख ने कहा कि भारत में पुलिस और सेना दोनों के योग्य पीसमेकिंग सैनिकों के साथ हमारी मदद करने की क्षमता है. भारत में वह क्षमता है कि वो हमें देश की सेना और पुलिस में पीसमेकिंग में महिलाओं की संख्या बढ़ाने में मदद करे. हम चाहते हैं कि इसमें चाहते हैं कि इसमें वरिष्ठ अधिकारी और महिला वरिष्ठ अधिकारी महिला हो.

क्यों कहे जाते हैं ब्लू बेरेट्स?
श्री लैक्रोइक्स ने कहा, भारत के पास कई अच्छी टेक्नोलॉजी भी हैं जो वास्तव में संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों की मदद कर सकती हैं, जिन्हें अक्सर उनके हल्के नीले रंग की बेरेट या हेलमेट की वजह से ब्लू बेरेट्स या ब्लू हेलमेट कहा जाता है. सितंबर से अब तक भारत संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना में कर्मियों को भेजने वाली तीसरा सबसे बड़ा योगदानकर्ता है, जिसमें दुनिया भर में 12 संयुक्त राष्ट्र मिशनों में 5,481 सैनिक कार्यरत हैं.

अगस्त में भारत की अध्यक्षता में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने शांति स्थापना के मुद्दे पर दो महत्वपूर्ण परिणाम दस्तावेजों को सर्वसम्मति से अपनाया था. 'संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों के खिलाफ अपराधों की जवाबदेही' पर प्रस्ताव और 'शांति व्यवस्था के लिए प्रौद्योगिकी' पर राष्ट्रपति का स्टेटमेंट इन विषयों पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का पहला दस्तावेज अपनाया गया था. इस साल की शुरुआत में, भारत सरकार ने दुनिया भर में तैनात संयुक्त राष्ट्र के शांतिरक्षक कर्मियों के लिए COVID-19 टीकों की 2,00,000 खुराक भी उपलब्ध करवाई थी.

पीसमेकिंग में भारत का योगदान
1948 में यूनाइटेड नेशंस पीसकीपिंग मिशन की शुरुआत हुई थी. तब से लेकर अब तक 71 मिशन हुए हैं जिनमें से 49 मिशन में दो लाख भारतीय अपनी सेवाएं दे चुके हैं. इनमें से 28 मिशन ऐसे रहे, जिसमें भारत और पाकिस्तान की सेना के जवान एक साथ तैनात रहे. किसी अन्य देश के मुकाबले पीसकीपिंग मिशन पर भारत से भेजे गए सैनिकों की संख्या सबसे ज्यादा है. 120 देशों की सेना और पुलिस बल को मिलाकर संयुक्त राष्ट्र की पीसमेकिंग सेना तैयार की गई है.
 
कहां-कहां हैं भारत के सैनिक
इस समय भारतीय सैनिक कुल पांच जगहों पर संयुक्त राष्ट्र के साथ तैनात हैं. इनमें कांगो, सूडान, साउथ सूडान, लेबनान,हैती,फिलीस्तीन और आईवरी कोस्ट शामिल हैं. इन जगहों पर तैनात भारतीय सैनिकों की तादाद लगभग 7860 है, जहां उनकी तैनाती एक साल के लिए की जाती है.