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AR-Drone Assault Rifle: बेंगलुरु के इस स्टार्टअप ने बनाई उड़ने वाली एसॉल्ट राइफल! क्यों खास है यह ड्रोन, भारतीय सेना के लिए कैसे साबित होगा अहम... समझिए

मिलिट्री तकनीक बनाने वाली कंपनी भारत सप्लाई एंड सपोर्ट अलायंस (BSS) ने इस ड्रोन की टेस्टिंग की है. यह ड्रोन कम ऊंचाई पर उड़ने वाला है और सर्विलांस के साथ-साथ दुश्मन पर हमला करने की क्षमता भी रखता है.

Source: Instagram/bss.alliance Source: Instagram/bss.alliance

भारतीय सेना ने एक नया एआई से लैस ड्रोन तैयार किया है जो खुद गोलियां बरसाएगा और दुश्मनों को पलभर में खत्म कर देगा. यह ड्रोन स्वदेशी तकनीक पर आधारित है और इसे मेक इन इंडिया पहल के तहत विकसित किया गया है. इस ड्रोन में एके-203 (AK-203) असॉल्ट राइफल को फिट किया गया है जो एक मिनट में 600 राउंड फायर कर सकता है. 

क्या-क्या हैं इसकी खासियत?
मिलिट्री तकनीक बनाने वाली कंपनी भारत सप्लाई एंड सपोर्ट अलायंस (BSS) ने इस ड्रोन की टेस्टिंग की है और यह कुछ ही वक्त में सेना को मिल सकता है. इस ड्रोन में नाइट विजन कैमरा मौजूद है जो रात के अंधेरे में छिपे दुश्मनों को देख सकता है. इसका एडवांस टार्गेटिंग सिस्टम इसे और भी ताकतवर बनाता है. 

इस ड्रोन की सबसे बड़ी खासियत इसकी रेंज है. रिपोर्ट के मुताबिक, ड्रोन माउंटेड एके टू नॉट थ्री राइफल की रेंज 15 से 25 किलोमीटर है और यह 45-60 मिनट तक उड़ान भर सकता है. इतना समय किसी भी ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम देने के लिए काफी होता है. 

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ड्रोन को कम ऊंचाई पर सटीक हमला करने के लिए डिजाइन किया गया है जिससे दुश्मन के ठिकानों को निशाना बनाना आसान हो जाता है. रक्षा विशेषज्ञ रिटायर्ड कर्नल सिद्धार्थ वर्मा कहते हैं, "ड्रोन अब तक शॉर्ट रेंज पर सर्विलांस के काम आते थे. यह ड्रोन सर्विलांस के अलावा अब दुश्मन पर हमला भी कर सकता है. जिस ड्रोन में असॉल्ट राइफल को फिट किया गया है वह स्पीड, सटीकता और ताकत के लिए डिज़ाइन किया गया है." 

आतंकवाद के खिलाफ आएगा काम
मौजूदा समय में इस  रिटायर्ड कर्नल वर्मा कहते हैं, "हमारी 1300 किलोमीटर से ज्यादा सीमा चीन के साथ है. इसके अलावा पाकिस्तान के साथ भी हमारी सीमा लगी हुई है. अगर देखा जाए तो दोनों देशों की सेनाओं के साथ हमारा आमना-सामना रहता है. साथ ही साथ जिस तरीके से पाकिस्तान जिस तरह घुसपैठ में आंतकवादियों की मदद करता है तो उसके लिए हम अपनी सेना को यह ड्रोन दे सकते हैं."

वह कहते हैं, "हम अब तक सीमा पर सर्विलांस ही करते रहे हैं, लेकिन जब इस ड्रोन को एके-203 से लैस कर दिया गया है तो आतंकवादी दिखने पर हम उनपर सीधा हमला भी कर सकते हैं. साथ ही साथ अगर हम लोग देखें कि अगर ऐंटी टेररिस्ट ऑपरेशन के अलावा भी अगर हम लोग लड़ाई के समय देखें तो जो छोटे-छोटे स्काउट्स के मूवमेंट्स होते हैं या जिस तरीके से उनके जो रेकोनिसेंस पेट्रोल्स आते हैं तो उन्हें भी हम एम्बुश के तौर पर भी इसको इस्तेमाल कर सकते हैं." 

एआई तकनीक से जुड़ा है भविष्य
भविष्य में इस सिस्टम में एआई आधारित टारगेट हाइब्रिड पावर और स्वम तकनीक को जोड़ा जाएगा. यह ड्रोन सौर ऊर्जा से संचालित होगा और माना जा रहा है कि आतंकवादी विरोधी अभियान और शहरी युद्ध की स्थितियों में सेना को बड़ी बढ़त दिलाएगा. साथ ही यह ड्रोन उन जगहों पर दुश्मन को निशाना बना सकता है जहां सैनिकों के लिए पहुंचना मुश्किल या फिर खतरनाक होता है.