scorecardresearch

दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे पर 25 दिसंबर से शुरू होगी टोल की वसूली, दिल्ली से 140 तो ग़ाज़ियाबाद से देने होंगे 95 रूपए

यह पूरा एक्सप्रेसवे फास्टैग से लैस होगा यानी दिल्ली के सराय काले खान से मेरठ तक के लिए 140 रुपये, गाजियाबाद से मेरठ तक के लिए 95 रुपए, डासना से मेरठ के लिए 60 रुपए टोल देना होगा.

दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे
हाइलाइट्स
  • प्रति किलोमीटर के हिसाब से टोल वसूला जाएगा

  • एक्सप्रेस वे फास्टैग से लैस होगा

  • गाड़ी की नंबर प्लेट पर रखी जाएगी नजर

दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे पर फर्राटा भरने वालों के लिए खबर यह है कि 25 दिसंबर से हाईवे पर टोल की वसूली शुरू कर दी जाएगी. अब तक दिल्ली से मेरठ मुजफ्फरनगर सहारनपुर देहरादून जाने वाले तमाम लोगों को इस एक्सप्रेस-वे पर टोल नहीं देना पड़ रहा था, लेकिन अब एनएचएआई ने फैसला किया है कि 25 दिसंबर से टोल की वसूली शुरू हो जाएगी. इसके लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने नोटिफिकेशन जारी कर दिया है.

प्रति किलोमीटर के हिसाब से टोल वसूला जाएगा
इस एक्सप्रेस-वे पर प्रति किलोमीटर के हिसाब से टोल वसूला जाएगा दिल्ली से मेरठ तक की कार जीप और वैन की टोल दरें 140 रुपए हैं, जबकि डासना से मेरठ जाने के लिए 60 रुपए टोल अदा करना होगा. गौरतलब है कि दिल्ली मेरठ हाईवे बनने के बाद अभी तक एक एक्सप्रेस वे का ट्रायल चल रहा था. पिछले 1 अप्रैल 2021 को इस एक्सप्रेस-वे को आम जनता के लिए खोल दिया गया था.

एक्सप्रेस वे फास्टैग से लैस होगा
यह पूरा का पूरा एक्सप्रेसवे फास्टैग से लैस होगा यानी दिल्ली के सराय काले खान से मेरठ तक के लिए 140 रुपये, गाजियाबाद से मेरठ तक के लिए 95 रुपए, डासना से मेरठ के लिए 60 रुपए टोल देना होगा. पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड को दिल्ली से जोड़ने की कवायद वर्ष 2008 से शुरू हुई थी. 2014 में दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे का काम तेजी से शुरू कर दिया गया. साल 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस प्रोजेक्ट की नींव रखी. कोरोना वायरस के चलते हुए लॉकडाउन के कारण इस प्रोजेक्ट को पूरा होने में एक वर्ष की देरी लगी, लेकिन अब ये जनता के लिए तैयार है.

गाड़ी की नंबर प्लेट पर रखी जाएगी नजर 
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे पर वाहनों की रफ्तार और चलती हुई गाड़ी की नंबर प्लेट पर नजर रखने के लिए कुल 150 सीसीटीवी कैमरा लगाए गए हैं. इनकी मदद से हर पल वाहनों पर नजर रखी जाएगी. गाड़ी की स्पीड से लेकर गाड़ी के अंदर बैठे यात्री तक पर एनएचएआई कैमरों की मदद से नजर रखी जाएगी. एक्सप्रेस वे पर हर आठ से 10 किमी की दूरी पर एक्सप्रेसवे की प्रत्येक लेन के ऊपर डिस्प्ले लगाई गई, जिस पर चलते हुए वाहन की गति को देख सकेंगे. इस एक्सप्रेस वे पर कार की स्पीड 100 किलोमीटर प्रति घंटा और कमर्शियल वाहनों की स्पीड 80 किलोमीटर प्रति घंटा रखी गई है.