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उत्तर, पूर्व, पश्चिम और मध्य भारत में भारी बारिश की चेतावनी, अगले 3-4 दिन रह सकता है असर, किसानों को राहत

मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, दोनों सिस्टम का असर अगले 3-4 दिनों तक बना रह सकता है. इसके बाद एक सिस्टम धीरे-धीरे कमजोर पड़ सकता है, लेकिन अगले सिस्टमों की संभावना भी बनी हुई है.

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हाइलाइट्स
  • मध्यप्रदेश-राजस्थान के आसपास बना है कम दबाव का क्षेत्र

  • बंगाल और बांग्लादेश की तरफ बन रहा है डिप्रेशन

देश के मौसम में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है. 14 जुलाई 2025 को भारत के दो हिस्सों में दो सक्रिय लो प्रेशर सिस्टम (कम दबाव के क्षेत्र) बने हुए हैं, जिनकी वजह से उत्तर, पूर्व, पश्चिम और मध्य भारत में भारी बारिश की संभावना है. मौसम विभाग ने इन दोनों सिस्टम को लेकर अलर्ट जारी किया है और लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है.

मध्यप्रदेश-राजस्थान के आसपास बना है कम दबाव का क्षेत्र
पहला लो प्रेशर सिस्टम उत्तर-पश्चिम मध्यप्रदेश और उससे लगे पूर्वी राजस्थान में सक्रिय है. यह सिस्टम पिछले कुछ दिनों से धीरे-धीरे पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ रहा है और अगले दो दिनों तक राजस्थान में बना रह सकता है. उत्तर-पश्चिम मध्यप्रदेश, पूर्वी राजस्थान, या उससे सटे क्षेत्र जैसे कोटा, ग्वालियर, उज्जैन, सवाई माधोपुर आदि में इसका असर देखने को मिल सकता है.

इन इलाकों में अगले 48 घंटे में मध्यम से भारी बारिश होने की संभावना है. स्थानीय स्तर पर कहीं-कहीं बहुत तेज बारिश भी हो सकती है, जिससे जलभराव, यातायात में रुकावट और खेतों में पानी भरने जैसी समस्याएं हो सकती हैं.

बंगाल और बांग्लादेश की तरफ बन रहा है डिप्रेशन
दूसरा सिस्टम फिलहाल दक्षिण-पश्चिम बांग्लादेश और उससे लगे गंगीय पश्चिम बंगाल में बना हुआ है. यह एक 'वेल मार्क्ड लो प्रेशर एरिया' के रूप में मौजूद है और अगले 24 घंटों में डिप्रेशन (गहरे दबाव) में बदल सकता है. यह सिस्टम बंगाल की खाड़ी और तटीय ओडिशा से उठा है और अब धीरे-धीरे उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ रहा है. पश्चिम बंगाल, ओडिशा, बांग्लादेश के तटीय इलाके झारखंड और बिहार के कुछ हिस्सों में इसका असर देखने को मिल सकता है. इन क्षेत्रों में भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है. खासकर निचले इलाकों में जलभराव और बाढ़ का खतरा बना हुआ है. स्थानीय प्रशासन ने राहत और बचाव दलों को सतर्क कर दिया है.

किसानों को राहत, लेकिन शहरों में परेशानी
इन दोनों सिस्टम की वजह से देश के बड़े हिस्से में अगले कुछ दिनों तक बारिश जारी रह सकती है. जहां एक ओर यह बारिश खरीफ की फसलों के लिए फायदेमंद साबित होगी, वहीं दूसरी ओर शहरों में जलभराव और ट्रैफिक जाम जैसी समस्याएं सामने आ सकती हैं.

क्या करें?
मौसम विभाग की चेतावनियों पर ध्यान दें

निचले इलाकों में रहने वाले लोग सतर्क रहें

खेतों में जल निकासी की व्यवस्था करें

अनावश्यक यात्रा से बचें

अगले 3-4 दिन रह सकता है असर
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, दोनों सिस्टम का असर अगले 3-4 दिनों तक बना रह सकता है. इसके बाद एक सिस्टम धीरे-धीरे कमजोर पड़ सकता है, लेकिन अगले सिस्टमों की संभावना भी बनी हुई है. मानसून इस समय अपने पूरे शबाब पर है और देशभर में बारिश की गतिविधियां तेज हो गई हैं.