
देशभर में दशहरा की तैयारी शुरू हो चुकी है. नवरात्रों के बाद दशहरा पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा. अलवर में 71 फुट के रावण का दहन होगा. उत्तर प्रदेश के 10 कारीगर 20 दिनों से लगातार रावण, कुंभकरण व मेघनाथ का पुतला बना रहे है. इस बार ग्राउंड में ग्रीन आतिशबाजी चलाई जाएगी. रावण को विशेष पेपर से सजाया जाएगा. आतिशबाजी चलाने के लिए भी कारीगर गाजियाबाद से आएंगे.
20 दिनों से चल रहा पुतले बनाने का काम
देशभर में धूमधाम से नवरात्रि मनाई जा रहे हैं. इस दौरान गरबा कार्यक्रम भी शुरू हो चुके हैं. नवरात्रों के बाद दशहरा पर मनाया जाता है. अलवर में दशहरा की तैयारी शुरू हो चुकी है. अलवर में पुरुषार्थी समाज की तरफ से दशहरा मनाया जाता है. रावण के पुतले का राम लक्ष्मण के रूप में बालक दहन करते है. जेल के चौराहे स्थित रामलीला ग्राउंड पर उत्तर प्रदेश से अलवर पहुंचे 10 कारीगर बीते 20 दिनों से रावण, कुंभकरण व मेघनाथ के पुतले तैयार कर रहे हैं.
इन पुतलों को तैयार करने वाले कारीगर पप्पू ने बताया कि 71 फुट का रावण, 65 फुट कुंभकरण व 60 फुट का मेघनाथ का पुतला बनाया जा रहा है. इस बार हंसते हुए रावण का पुतला तैयार होगा. रावण को विशेष पेपर से सजाया जाएगा. यह चमकीला व दिखने में आकर्षण होगा.
आतिशबाज़ी के लिए बुलाए जाएंगे खास लोग
तीनों पुतलों में विशेष आतिशबाजी भरी जाएगी. साथ ही रावण दहन के दौरान होने वाली आतिशबाजी के लिए भी खास इंतजाम किए गए हैं. गाजियाबाद से आतिशबाजी करने के लिए लोग अलवर पहुंचेंगे.
पुरुषार्थी समाज करता है रावण दहन
देश में आजादी के साथ ही पुरुषार्थी समाज को विभाजन की पीड़ा जेनी पड़ी थी. पाकिस्तान से भारत पहुंचे पुरुषार्थी समाज के लोगों ने अलवर में रावण दहन का बीड़ा उठाया. 1948 में पुरुषार्थी समाज के लोगों ने तत्कालीन राजा तेज सिंह से अलवर में रावण दहन की परंपरा शुरू करने की अनुमति मांगी थी. उसके बाद से हर साल पुरुषार्थ समाज अलवर में रावण दहन का कार्यक्रम करता रहा है.
1948 में पहली बार राजा तेज सिंह इंद्र विमान में बैठकर रावण दहन करने के लिए पहुंचे थे. पुरुषार्थ समाज की तरफ से ही अलवर में भगवान राम की शोभायात्रा निकाली जाती है. इसमें श्री राम लक्ष्मण के स्वरूप बच्चे रावण का वध करते हैं.
-हिमांशु शर्मा की रिपोर्ट