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उन्नाव के हसनगंज के ओम प्रकाश सिंह ने बदली अपने गांव की तस्वीर, 82 ग्राम पंचायतों में दिए Broadband connections

पहले गांव में बड़े बुजुर्ग पेड़ की छांव में बैठकर अपने अनुभव को साझा करते थे. उनकी बातों से रोजमर्रा की समस्यायों का हल भी होता था लेकिन आज उनके अनुभव के साथ उस डिजिटल खिड़की की भी जरूरत है जो गांव को बाकी दुनिया से जोड़ दे. ओम प्रकाश सिंह का ये सेंटर ऐसी ही खिड़की है जिसने हसनगंज को बाकी दुनिया से जोड़ा है.

Om Prakash Om Prakash
हाइलाइट्स
  • शुरुआत में फ्री में दिए कनेक्शन

  • पहले खोला छोटा सा सर्विस सेंटर

अक्सर हम Digital India का नारा सुनते हैं. कहा जाता है कि आज के समय में गांव-कस्बों की तस्वीर बदलने के लिए ये मंत्र जरूरी है. आज हम आपको इसी डिजिटल इंडिया के एक सिपाही से मिलाते हैं. ओम प्रकाश सिंह ने अपने कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से अपने गांव के साथ आस-पास की तस्वीर बदल दी है. उन्होंने 82 ग्राम पंचायतों में ब्रॉडबैंड कनेक्शन दिए और लोगों को रोजगार दिया. खुद प्रधानमंत्री ने शिक्षक से उद्यमी बने ओम प्रकाश सिंह की तारीफ अपने कार्यक्रम ‘मन की बात’में की है.

इस ग्राहक सेवा केंद्र का लाभ हर कोई उठा रहा है. लोग अपनी समस्या लेकर उनके पास आते हैं और ओम प्रकाश उसे सही कर देते हैं. इन्हीं में से एक हैं 78 साल की कमरून केंद्र में अपने पोते के साथ पहुंची हैं. उन्हें आंखों से कम दिखाई देता है पर आधार कार्ड में नाम ग़लत लिखा है. उसे ठीक कराना जरूरी है. उसको अप्डेट कराने के लिए इस सर्विस सेंटर में आयी है. राशन लेने के लिए आधार कार्ड ज़रूरी है... ऐसे में घुटनों के दर्द की वजह से शहर ना जा पाने वाली कमरून जहां के लिए गांव में ही खुला ये सर्विस सेंटर वरदान से कम नहीं है. 

पहले खोला छोटा सा सर्विस सेंटर
उन्नाव जिले के हसनगंज में एक स्कूल में शिक्षक रहे ओम प्रकाश सिंह ने 2015 में छोटा सा सर्विस सेंटर खोला था. लेकिन उनके जीवन में और इस गांव में बदलाव तब आया जब 2018 में उन्होंने दिल्ली में Digital India को बढ़ावा देने के लिए ‘जन सेवा केंद्रों’के एक सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बात सुनी. गांव को बदलने के लिए किस तरह संवाद और सूचना क्रांति सहायक हो सकती है ये सुनकर उन्होंने पता किया कि क्या ऑप्टिकल  फ़ाइबर(optical Fiber) उनके गांव तक भी पहुंच सकता है? 

ओम प्रकाश बताते हैं कि उनको ये जानकर आश्चर्य हुआ कि देश के लाखों गांवों तक ऑप्टिकल फाइबर पहुंचा है पर लोग उसका लाभ नहीं ले पा रहे हैं. बस उन्होंने कुछ तकनीकी जानकारी ली और अपनी किस्मत और गांव को बदलने के लिए शिक्षक की नौकरी छोड़ पूरी तरह से डिजिटल उद्यमी(digital entrepreneur)बन गए.

शुरुआत में फ्री में दिए कनेक्शन
हालांकि शिक्षक से डिजिटल उद्यमी बने ओम प्रकाश सिंह और CSC में महिलाओं से सम्बंधित सभी काम सम्भालने वाली उनकी पत्नी पद्मिनी ने शुरुआती सफलता के लिए आसपास फ्री ब्रॉडबैंड कनेक्शन दिए. एक महीने का, तीन महीने का कनेक्शन मुफ्त देने के पीछे ये सोच थी कि जब लोगों को इस सरकारी इंटरनेट सुविधा का पता चलेगा और लोगों का अनुभव भी कुछ समय तक अच्छा रहेगा तो खुद ही लोग इसके लिए आगे आएंगे और फिर रिचार्ज करवाते रहेंगे. यही ट्रिक काम कर गयी और हसनगंज ही नहीं आस पास के दूसरे क्षेत्रों में भी ओम प्रकाश और पद्मिनी के सेंटर से लोग कनेक्शन लेने लगे. ओम प्रकाश ने अब तक 82 ग्राम पंचायतों में कनेक्शन दिए हैं. स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्र, अस्पताल जैसी जगह पर अब भी वो मुफ़्त कनेक्शन देते हैं. इस बीच सरकारी योजनाओं को लोगों तक पहुंचाने में भी इस ग्राहक सेवा केंद्र की बड़ी भूमिका रही है.

ओम प्रकाश सिंह के केंद्र में आधार, सभी तरह के प्रमाणपत्र बनाने से लेकर सभी योजनाओं का लाभ लोगों तक पहुंचाने के लिए कागज तैयार करने का काम होता है. इस बीच गांव के लोगों को इससे जोड़ने और लोगों की मदद के लिए ओम प्रकाश ने अपने सेवा केंद्र के आसपास free WiFi zone बना दिया जिससे जो लोग इंटरनेट का कनेक्शन नहीं ले पाते वो यहां आकार अपनी पढ़ाई या जरूरी काम काज कर सकते हैं. इससे खास तौर पर आसपास के युवाओं को लाभ हुआ है.

युवाओं को दिया रोजगार
अपने ग्राहक सेवा केंद्र के जरिए ओम प्रकाश सिंह ने 20-25 युवाओं को रोजगार दिया जो कनेक्शन बांटने का काम करते हैं. कई लोग सर्विस सेंटर पर काम करते हैं. ओम प्रकाश और उनकी पत्नी की इस उपलब्धि की प्रशंसा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी की. दूर-दूर से लोग उनकी सफलता का राज जानने आ रहे हैं. ओम प्रकाश कहते हैं कि प्रधानमंत्री के आह्वान से इस काम को शुरू किया था. अब अपने गांव के लोगों को telemedicine की सुविधा देने के लिए भी ओम प्रकाश काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अब प्रधानमंत्री की प्रशंसा के बाद से ये ऊर्जा दस गुना बढ़ गयी है. अब डिजिटल इंडिया के सपने को साकार करने के लिए सब कुछ करेंगे.