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UP DGP Appointment Suspense: कौन होगा उत्तर प्रदेश का डीजीपी, क्यों बना है नियुक्ति पर सस्पेंस? जानें

उत्तर प्रदेश में डीजीपी की नियुक्ति के लिए यूपी कैबिनेट से पास नई नियमावली के मुताबिक डीजीपी का चयन उनकी सेवा अवधि, सामान्यतः अच्छे सेवा रिकॉर्ड और अनुभव की सीमा के आधार पर किया जाएगा. डीजीपी बनने का मौका उन्हें ही मिलेगा, जिनके पास पद रिक्ति होने की तारीख से छह महीने की सेवा बची हो.

DGP Prashant Kumar DGP Prashant Kumar

उत्तर प्रदेश में डीजीपी की नियुक्ति को लेकर एकबार फिर असमंजस बना हुआ है. पहली बात, स्थाई या अस्थाई डीजीपी होगा? दूसरा, नयी यूपी कैबिनेट से पास नियमावली से होगा या यूपीपीएससी करेगा? तीसरा, रैंक में आने वाले कई डीजीपी साइड लाइन या तो केंद्रीय प्रतिनयुक्ति पर फिर किसी चहते को बाइपास करके आगे लाया जाएगा? और चौथा, सबसे महत्वपूर्ण क्या प्रशांत कुमार को एक्सटेंशन मिलेगा? डीजीपी प्रशांत कुमार को 31 मई को रिटायरमेंट होना है और उनके सेवा विस्तार की संभावना जताई जा रही है. हालांकि, डीजीपी के चयन के लिए 25 मार्च को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है. जिससे यह तय होगा कि डीजीपी का चयन कैसे किया जाएगा? क्या यूपी को स्थाई या कार्यवाहक डीजीपी मिलेगा, जबकि नए डीजीपी या वर्तमान डीजीपी के सेवा विस्तार के लिए तीन महीने पहले से ही प्रक्रिया शुरू हो जाती है.

डीजीपी की नियुक्ति की नियमावली-
डीजीपी की नियुक्ति के लिए यूपी कैबिनेट से पास नयी नियमावली के मुताबिक, डीजीपी का चयन उनकी सेवा अवधि, सामान्यतः अच्छे सेवा रिकॉर्ड और अनुभव की सीमा के आधार पर किया जाएगा. डीजीपी बनने का मौका उन्हें ही मिलेगा, जिनके पास पद रिक्ति होने की तारीख से छह महीने की सेवा बची हो.

कौन हैं दावेदार-
डीजीपी की कुर्सी के लिए दावेदारी में सबसे आगे डीजी विजिलेंस राजीव कृष्णा हैं। हालांकि वरिष्ठता के क्रम में वह 15 वें नंबर पर हैं. इनके ऊपर कई और डीजी  रैंक के हैं. जिसमें डीजी पावर कॉरपोरेशन एमके बशाल, डीजी प्रशिक्षण तिलोत्तमा वर्मा और एडीजी पीएचक्यू आनंद स्वरूप शामिल हैं. यूपी कैडर के वरिष्ठतम 1989 बैच के आईपीएस आशीष गुप्ता ने वीआरएस मांग लिया है. अगर उनका वीआरएस मंजूर हो जाता है तो वह भी रेस से बाहर हो जाएंगे. 1989 बैच के शफी अहसान रिजवी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं, जिनके यूपी लौटने की संभावना जीरो हैं. 1989 बैच के डीजी फायर सर्विस आदित्य मिश्रा का जून 2025 में रिटायरमेंट है. 1990 बैच के संदीप सालुंके केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटने के बाद से ही साइड पोस्टिंग में हैं. 1990 बैच के ही दलजीत सिंह चौधरी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर डीजी बीएसएफ की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. उनके लौटने की संभावना भी कम है. 90 बैच की रेणुका मिश्रा मार्च 2024 से ही तैनाती का इंतजार कर रही हैं. 90 बैच के बीके मौर्य का जुलाई में रिटायरमेंट है. 

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डीजी पावर कॉरपोरेशन एमके बशाल को सरकार मौका दे सकती है. उनका रिटायरमेंट 2026 में है. जातिगत समीकरण भी उनके पक्ष में हैं. डीजी प्रशिक्षण तिलोत्तमा वर्मा को सरकार मौका देगी, इसकी संभावना कम ही है. उनके पति आशीष गुप्ता वीआरएस मांग चुके हैं. तिलोत्तमा का नवंबर 2025 में रिटायरमेंट भी है. इसके बाद दो और अफसर हैं, जो राजीव कृष्ण से ऊपर हैं. इनमें से आलोक शर्मा डीजी एसपीजी की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. उनके वापस आने की संभावना कम ही है.

वहीं, पीयूष आनंद केंद्र में डीजी NDRF की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. हालांकि मई में डीजी स्तर के तीन अधिकारियों के रिटायरमेंट के बाद एडीजी पीएचक्यू आनंद स्वरूप भी डीजी बन जाएंगे और डीजीपी की कुर्सी की दावेदारी में आ जाएंगे.

25 मार्च को SC में सुनवाई-
दूसरी तरफ डीजीपी के चयन के लिए 25 मार्च को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है, जिससे यह तय होगा कि डीजीपी का चयन कैसे किया जाएगा? क्या यूपीएससी के जरिए किया जायेगा या यूपी सरकार के जरिए नयी नियमावली से. अगर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई टलती है तो डीजीपी का चयन नई नियमावली के तहत होगा या फिर यूपीएससी का दखल होगा, यह सरकार के निर्भर करेगा.

प्रशांत कुमार की अगर बात करें तो दुनिया में महाकुंभ की गूंज हो या यूपी के बाई इलेक्शन संभल से लेकर अयोध्या तक, आतंकियों की कमर तोड़ने में यूपी सरकार के सबसे खसम खास बने हुए हैं और आगामी 2027 में यूपी में चुनाव है तो अब प्रदेश सरकार के लिए नया डीजीपी चुनना अपने आप में ख़ास होगा.

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