
उत्तर प्रदेश सरकार ने छात्रवृत्ति और शुल्क भरपाई योजना में हुई बड़ी लापरवाही पर सख्त रुख अपनाया है. वर्ष 2024-25 में लगभग छह लाख पात्र छात्रों को योजना का लाभ नहीं मिल सका. इस मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तत्काल कार्रवाई के आदेश दिए हैं.
अयोध्या, बहराइच, रायबरेली, सीतापुर समेत कुल 14 जिलों के समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों को प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई है. वहीं, बरेली जिले में सबसे ज्यादा गड़बड़ी सामने आने पर वहां के बाबू प्रमोद जोशी को निलंबित भी किया गया है.
योजना के तहत कौन-कौन पात्र हैं?
सरकार की योजना के अनुसार, वार्षिक आय 2.5 लाख रुपये तक वाले एससी-एसटी छात्रों और 2 लाख रुपये तक आय वाले अन्य वर्ग के छात्रों को छात्रवृत्ति के साथ-साथ शुल्क भरपाई की जाती है. इस योजना का मकसद आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों को शिक्षा में मदद देना है.
लेकिन, कई शिक्षण संस्थानों और अधिकारियों की लापरवाही के कारण छह लाख से ज्यादा छात्र इस योजना से वंचित रह गए. कहीं अधिकारियों ने जरूरी डाटा लॉक नहीं किया तो कहीं विश्वविद्यालय और कॉलेजों ने ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया पूरी नहीं की.
जिम्मेदारों के खिलाफ होगी सख्त कार्रवाई
इस घोटाले में कई अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है. अलीगढ़ की संध्या रानी बघेल, औरैया की इंदिरा सिंह, अयोध्या के रणविजय सिंह, बहराइच के रमाशंकर, बलिया के दीपक श्रीवास्तव, बरेली के सुधांशु शेखर, बिजनौर के जागेश्वर सिंह, गौतमबुद्धनगर के सतीश कुमार, गाजियाबाद के वेद प्रकाश मिश्रा, कन्नौज के सत्य प्रकाश सिंह, प्रतापगढ़ के नागेंद्र मौर्य, रायबरेली की सृष्टि अवस्थी, सीतापुर के हर्ष मवार और वाराणसी के गिरीश दुबे सहित कई बाबुओं को प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दोषी अधिकारियों के साथ-साथ विश्वविद्यालयों और निजी शिक्षण संस्थानों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. 14 राज्य विश्वविद्यालयों, 19 निजी विश्वविद्यालयों और कई आईटीआई के निदेशकों को भी नोटिस भेजा गया है.
छात्रों का हक सरकार की प्राथमिकता
सरकार का कहना है कि छात्र हित सर्वोपरि है. जिन छात्रों को अभी तक छात्रवृत्ति और शुल्क भरपाई नहीं मिली है, उनकी राशि जल्द ही उनके बैंक खातों में भेजी जाएगी. योगी सरकार ने स्पष्ट कहा है कि किसी भी छात्र का अधिकार छिना नहीं जाएगा और इसके लिए पूरी व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी.